जनता आपकी गुलाम नहीं…

तो क्या दिवगंत नेता डॉ. कन्हैयालाल शर्मा, राजकमल सिंघानिया परदेशिया

रायपुर, आज से चार साल पहले भाजपा सरकार से उकताई जनता जनार्दन ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी को अपार बहुमत दिया। नतीजन आज 70 सीटों के साथ कांग्रेस राज्य में सत्ता की बागडोर सम्भाल रही हैं। लेकिन इसे संजोकर रखना भी कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है। अल्प समय में कांग्रेसी नेताओं के भीतर आया सत्ता का अहंकार जनता जनार्दन को ही डसने लगा है। सत्ता के नशे में वह यह भूल चुके हैं कि जिस जनता ने आपको यहां तक पहुंचाया है, वह बाहर का रास्ता भी दिखाना जानती है। पार्टी अपने नेताओं के आचरण को लेकर कार्यवाही नहीं करती तो आने वाले समय में इसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता है। आप यह मत भूलिए की जनता ने आपको सेवा के लिए चुना है, वह आपकी गुलाम नहीं। ताजा मामला कसडोल विधायक, संसदीय सचिव शकुंतला साहू का है। जो भरी सभा में सार्वजनिक रुप से जनता जनार्दन को खरी-खोटी सुनाती नजर आ रही हैं। उनका वीडियो सार्वजनिक हो चुका है। कांग्रेसी विधायक यहीं नही रुकीं उन्होनें जनता जनार्दन को पूर्व विधायकों के तलवे चाटने तक की बात कह डाली, वह भी सार्वजनिक मंच से। उनके अंदर क्या भावना थी, उन्होनें किन परिस्थितियों में यह बात कही यह विशेष मायने नहीं रखता, लेकिन एक जनप्रतिनिधि का इस तरह का आचरण उनके अंदर सत्ता के अहंकार को साफ व्यक्त करता है, जो स्वयं उनके तथा कांग्रेस के लिए कतई हितकर नहीं हो सकता। दरअसल मामला पलारी के दतान गांव में आयोजित मातर उत्सव का है। कार्यक्रम में मौजूद कसडोल विधायक, संसदीय सचिव शकुंतला साहू सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दे रही थीं। इसी दौरान कुछ बात को लेकर वहां हंगामा होने लगा। हंगामा सुनकर कांग्रेसी विधायक शकुंतला का पारा चढ़ गया उन्होंने तमतमाते हुए कहां इतने सालों तक कांग्रेस और भाजपा से परदेशी लोग आकर यहां विधायक रहे, तब विरोध नहीं किया। परदेशियों के तलवे चाटते रहे। उसके बाद उन्होंने जनता जनार्दन के समक्ष भरी सभा में अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया। कांग्रेसी विधायक को यह ज्ञात नहीं जिन विधायकों को उन्होंने परदेशिया कहा उसमें अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रखर नेता दिग्गज मंत्री डॉ. कन्हैयालाल शर्मा, अरुण मिश्रा शामिल हैं, जो जितना स्थानीय विधायक शकुंतला साहू है, वह भी उतना ही स्थानीय थे। अहंकार में चूर शकुंतला साहू अपनी ही पार्टी के दिवंगत नेता डॉ. कन्हैयालाल शर्मा, तथा राजकमल सिंघानिया को भी निशाने में लिया। यदि वे पूर्व विधायक एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष रहे भाजपा नेता गौरीशंकर अग्रवाल को भी आड़े हाथों लेती तो भी उनका शाब्दिक हमला छत्तीसगढ़ की रीति-नीति से कहीं मेल नहीं खाता। बहरहाल कांग्रेसी विधायक का यह वीडियो पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं विधायक शकुतला साहू ने उद्बोधन के अंत में अपनी गलती का एहसास करते हुए माफी भी मांगी।

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