नवगठित जिले जल्द अस्तित्व में, अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे- मुख्यमंत्री

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि नवगठित जिले जल्द अस्तित्व में आएंगे। उन्होंने कहा कि नए जिलों के गठन के लिए अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। अधिसूचना निकाली जाएगी, दावा आपत्ति लेने का काम होगा। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक इकाईयां छोटी की जा रही हैं ताकि प्रशासन आम जनता तक पहुंचे। जनता और प्रशासन के बीच की दूरी कम हो, काम-काज में कसावट आए और आम जनता को योजनाओं का लाभ तेजी से मिल सके।

उन्होंने कहा कि गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले सहित चार नए जिलों के गठन के साथ अब छत्तीसगढ़ में 32 जिले हो गए हैं। मुख्यमंत्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यलय से नवगठित सक्ती जिले और बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के सुहेला तहसील से आए नागरिकों को सम्बोधित कर रहे थे। नवगठित सक्ती जिले से आए नागरिकों ने मुख्यमंत्री का गजमाला से अभिनंदन किया और ऐतिहासिक घोषणा के लिए उनका आभार जताया। नवगठित सुहेला तहसील के नागरिकों ने भी तहसील गठन के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।

नागरिकों ने मालखरौदा को अनुविभाग और अड़भार को नई तहसील बनाने के लिए भी मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की किसान हितैषी कार्यक्रमों से लोगों का खेती-किसानी की ओर रूझान बढ़ा है। किसानों की संख्या 15 लाख से बढ़कर 22 लाख हो गयी है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना में धान उत्पादक किसानों को 9 हजार रूपए, धान के बदले खरीफ की चिन्हित फसल लेने पर 10 हजार रूपए प्रति एकड़ और वृक्षारोपण करने पर तीन वर्ष तक 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का लाभ 10 से 15 लाख हितग्राहियों को मिलेगा। इस योजना में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले भूमिहीन कृषि मजदूरों को साल में 6000 रूपए की राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि लगभग 14 लाख तेन्दूपत्ता संग्राहकों को प्रति मानक बोरा 4 हजार रूपए की पारिश्रमिक राशि दी जा रही है। गोधन न्याय योजना में पौने दो लाख पशुपालकों से 2 रूपए किलो के मान से गोबर खरीदी की जा रही है। उन्होंने कहा कि बस्तर फाइटर्स बटालियन में 2800 स्थानीय युवाओं की भर्ती की जाएगी। इसी प्रकार विद्युत कम्पनियों में लाइनमेन और सब इंजीनियरों के 2500 अधिक लोगों की भर्ती की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य तेलघानी विकास बोर्ड, छत्तीसगढ़ राज्य रजककार विकास बोर्ड, छत्तीसगढ़ लौहशिल्प विकास बोर्ड और छत्तीसगढ़ राज्य चर्म शिल्प विकास बोर्ड का भी गठन किया जा रहा है। इसके माध्यम से परम्परागत व्यवसाय में लगे लोगों को आधुनिक उपकरण, सस्ते में सामान उपलब्ध कराने और उनके काम काज के लिए जगह देने सहित अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि राज्य में लोगों को बेहतर आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 16 हजार करोड़ रूपए के पुल-पुलियों और सड़कों के निर्माण कीे स्वीकृत दी गई है। किसानों के लिए खेतों तक सड़क बनानें धरसा योजना शुरू की गई है।

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