50% से अधिक आरक्षण संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल होने के बाद ही आरक्षित वर्गों को लाभ मिलेगा
छत्तीसगढ़ पीएससी द्वारा हाल ही में जारी विज्ञापन में आरक्षण रोस्टर नहीं
शिवरीनारायण।राज्य मत्स्य विकास सलाहकार मंडल छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व सदस्य डॉ.शांति कुमार कैवर्त्य ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर भूपेश कैबिनेट द्वारा मंजूरी एसटी 33%,एससी 13%, ओबीसी 27% एवं ईडब्ल्यूएस 4% आरक्षण के साथ ही मछुआ समाज के जातियों को 12% आरक्षण देने के लिए आगामी 01 एवं 02 दिसंबर 2022 के विधानसभा विशेष सत्र में विधेयक पारित हेतु मांग की है।
डॉ.कैवर्त्य ने 01 नवंबर 2022 को राज्योत्सव के अवसर पर मुख्यमंत्री को प्रदेश में आरक्षण व्यवस्था के तहत आरक्षित वर्गों के लिए संवैधानिक प्रावधानों व माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा तय आरक्षण सीमा लगभग 50% के तहत ही आरक्षण कोटा निर्धारित कर मछुआ समाज के जातियों के लिए भी 12% आरक्षण के विधेयक /अध्यादेश हेतु ज्ञापन सौंपा था। इसकी प्रति इसी दिवस महामहिम राज्यपाल को भी सौंपी गई थी।ज्ञात हो कि 24 नवंबर 2022 को भूपेश कैबिनेट ने एसटी को 32%, एससी को 13%, ओबीसी को 27% एवं ईडब्ल्यूएस 4% आरक्षण कोटा निर्धारित कर आगामी 01 एवं 02 दिसंबर 2022 को विधानसभा के विशेष सत्र में पारित कराने के लिए मंजूरी दी है। जिसमें मछुआ समाज जातियों के लिए आरक्षण कोटा निर्धारित नहीं किया गया है। राज्य मत्स्य विकास सलाहकार मंडल के पूर्व सदस्य डॉ. कैवर्त्य ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पूर्व में इस हेतु अनेक बार निवेदन आग्रह किया है।साथ ही मुख्यमंत्री सहित कांग्रेस के शीर्ष वरिष्ठ नेताओं के द्वारा भी समय-समय पर मछुआ समाज को आरक्षण देने की घोषणाएं की जाती रही है। लेकिन अब तक मछुआ समाज को यह आरक्षण नहीं मिल पाया है।
विधानसभा चुनाव 2018 के पूर्व दुर्ग के अंजोरा में मछुआ जन जागरण सम्मेलन के दौरान भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने पर एससी/ एसटी आरक्षण की भांति मछुआ समाज को आरक्षण देने की घोषणा कर रखी है। जिसकी सहमति भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी दी है साथ ही ने राहुल गांधी ने सन 2019 में केरल के त्रिसूर में मछुआ समुदाय को 33% आरक्षण की घोषणा भी कर रखी है।
इसे दृष्टिगत रखते हुए राज्य मत्स्य विकास सलाहकार मंडल के पूर्व सदस्य डॉ. कैवर्त्य ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मछुआ समाज जातियों पर सहानुभूति रखते हुए विधानसभा के इस विशेष सत्र में मछुआ समाज के जातियों के लिए 12% आरक्षण विधेयक भी पारित कराने का आग्रह किया है।
उन्होंने मुख्यमंत्री को प्रेषित अपने ज्ञापन में विशेष रुप से भूपेश कैबिनेट में जो आरक्षण प्रतिशत/ कोटा निर्धारित किए हैं।उसे भारतीय संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कराने पर ही इसे न्यायालय में कोई भी चुनौती नहीं देने और छत्तीसगढ़ में 50% से अधिक आरक्षण कोटा/प्रतिशत लागू हो पाने की बात कही है। इसके साथ ही डॉ. कैवर्त्य ने यह भी कहा कि संविधान की नवीं अनुसूची में 50% से अधिक आरक्षण शामिल होने से पहले तक छत्तीसगढ़ के आरक्षित वर्गों को इसका लाभ प्राप्त नहीं हो पाएगा और इसी कारण अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ पीएससी ने अपने विज्ञापन में आरक्षित वर्गों के लिए आरक्षण रोस्टर का उल्लेख नहीं किया है।