कबीरधाम स्वास्थ विभाग भ्रष्टाचारों को दे रहा सरंक्षण,लगातार विभाग सुर्खियों में,अधिकारी कर रहे मनमानी

कवर्धा.कबीरधाम में स्वास्थ विभाग लगातार सुर्खियों में बना रहता है हर मामले को लेकर विभाग की किरकिरी होती रहती है स्वास्थ विभाग के ऊपर लगातार आरोप लगता रहा है की जन प्रतिनिधि और अधिकारी अपने भ्रष्ट चहेतों को लगातार सरंक्षण दे रहे है कवर्धा स्वास्थ्य विभाग में इस तरह अनेकों मामलें है जिसमें स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन सिविल सर्जन डॉक्टर पी सी प्रभाकर एवं लिपिक दीपक ठाकुर का कुछ माह पूर्व वीडियो एवं ऑडियो वायरल हुआ था जिसमें सिविल सर्जन खुलेआम गंदी गालियां बकते हुए गुंडागर्दी करते नजर आए थे इस बात को उजागर के शक में जीवन दीप समिति के कर्मचारी वाहन चालक को बर्खास्त कर दिया गया था ,लेकिन वही इस सिविल सर्जन और लिपिक के ऊपर कार्यवाही करके के बजाय पदोन्नत कर दिया गया है ,वर्तमान में जिला अस्पताल से लिपिक सी एम एच ओ कर्यालय में प्रशासनिक स्थांतरण होकर कार्यरत है उन्हें जबकि अन्यंत्र कही भेजने के बजाय उनको अब सी एम एच ओ कार्यलय में जिम्मेदारी देकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है जबकि इस लिपिक के खिलाफ कई शिकायत हुई कुछ में जांच तक हुई किन्तु मामले को दबा दिया गया ,वही डॉक्टर पी सी प्रभाकर को पदोन्नत कर गौरेला पेंड्रा में सी एम एच ओ बनाकर पदोन्नत कर दिया गया है, जबकि इनके ऊपर भी कई मामले और शिकायत इनके खिलाफ है ये लगातार विवादों में बने रहे ,फिर भी जनप्रतिनिधि और अधिकारी इन कर्मचारियों पर मेहरबान नजर आ रहे है जिससे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अपने आप को भयभीत महसूस कर रहे है जो भी भ्रष्टाचार के खिलाफ सामने आया उसे प्रताड़ित किया या तो बर्खास्त कर दिया या स्थांतरण या अन्यंत्र सलंग्न कर दिया गया है जिससे पूरा स्वास्थ्य विभाग चरमरा गई है जिससे कही न कही स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों में हताशा एवं निराशा उत्पन्न हो रही है।

कर्मचारी स्थांतरण के बावजूद जिले में जमे हुए अधिकारी मेहरबान
आपको बता दे के पूर्व में जो लिपिक कपिल तिवारी के ऊपर आरोप साबित हो चुका था उन्हें निलबंन भी किया गया था उक्त कर्मचारी को वर्तमान में कलेक्टर द्वारा सी एम एच ओ कार्यालय से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रेंगाखार किया गया है जो आज भी सी एम एच ओ कार्यलय में जमा हुआ है आखिर क्यों इस तरह अधिकारी भ्रष्ट कर्मचारी को सरंक्षण दे रहा है ये बड़ा सवाल है ये कही न कही मनमानी को दर्शाता है।

कार्याआदेश के नाम पर कर्मचारियों को प्रताड़ना

स्वास्थ विभाग के अधिकारी के द्वारा कार्यआदेश के केवल मनिसिक आर्थिक प्रताड़ित किया जा रहा है,जांच प्रभावित करने का हवाला देकर जबरदस्ती कर्मचारियों को मूल पदस्थापना स्थान से हटाकर अन्यत्र कार्यआदेश निकाला गया है जिससे कर्मचारी अपने मूल पदस्थापना स्थान से हटकर अन्यत्र कार्य करने मजबूर हो रहे है ,वही
अधिकारी द्वारा उक्त जांच कार्य को लंबे समय तक न कर पाना कई सवालिया निशान लगा रहा है इस तरह से कबीरधाम के कर्मचारी भय हताश महसूस कर रहे है।

स्वास्थ्य अधिकारी स्थांतरण में कर रहे अपनी मनमानी
स्वास्थ विभाग में लगातार कोरोना काल से लेकर अब तक निष्ठापूर्वक काम करने वाले कुछ कर्मचारियों का प्रशाशनिक स्थांतरण बेवजह शिकायत करके किया गया , एक ओर जो लापरवाह कर्मचारी थे उनका स्थांतरण हुआ उन्हें स्वास्थ विभाग के अधिकारी कई महीनों से रोके रखे हुए है इससे ये साबित होता है कि यहां बाहर से आये अधिकारी स्वास्थ विभाग में जमकर अपनी मनमानी कर रहे है मनमानी इतनी बढ़ गयी है की सरकारी आदेश तक का पालन नही करते है मानो यूँ प्रतीत होता है कि इतनी मनमानी के बावजूद कोई कार्यवाही न होना शासन प्रशासन की सरंक्षण प्रतीत होता है।

कबीरधाम स्वास्थ विभाग लगातार विवादों में
एक तरफ प्रदेश के कद्दावर विधायक कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर लगातार जिले में स्वास्थ्य विभाग को बेहतर बनाने में लगे है लगातार डॉक्टरों की नियुक्ति से लेकर और नए मशीनों को जिला अस्पताल में लाया जा रहा है ,वही इसके विपरीत अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे है पिछले कुछ महीनों से लगातार विभाग विवादों में है , कभी सामानों को खुले छत में छोड़ देना , स्वास्थ्य विभाग परिसर में शराब पीकर गाली देना ,अपने निजी काम मे सरकारी वाहनों का उपयोग करना, स्थांतरण होने के बावजूद कर्मचारी को रोके रहना, काम करने वाले कर्मचारी को प्रताड़ित करना इस तरह से अनेकों मामलें और कारनामे जिला अस्पताल में देखने सुनने को मिल रहा है मानो स्वास्थ विभाग खुद बीमार नजर आ रहा है विभाग के अधिकारी की मनमानी के चलते कई कर्मचारी अपना स्वयं के खर्च से तबादला तक कराने को मजबूर हो रहे है आखिर यही स्थिति रही तो जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा सकती है शाशन प्रशासन को इस विभागीय मनमानी को रोकने के ठोस कदम उठाने होंगे जिससे स्वास्थ्य विभाग में हो रहे किरकिरी को और मनमानी को रोका जा सके।

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