भोपाल। पिछ्ले कई सालों से संविदा मे काम कर रहे तकरीबन 30 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी 1 नवम्बर से नियमितीकरण की मांग को लेकर हुंकार भरेंगे। हालाकि अभी तक इसकी अधिकारिक पुष्टि नही ही सकी है। मिली जानकारी अनुसार पहले 2 आक्टूबर से इस आन्दोलन की शुरुआत होने वाली थी, लेकिन इस बार चुनावी साल मे आन्दोलन आर- पार की लाडाई के साथ होने वाला है। संगठन ने अपनी तैयारियों को दूरस्त करने के लिये हड़ताल को एक माह आगे बढा दिया था, अब 1 नवम्बर से हड़ताल का आगाज हो सकता है। बातया जा रहा है की यह आन्दोलन जिला स्तर पर होगा। सभी कर्मचारी अपने जिला मुख्यालय के धरना स्थल पर अन्दोलन कर सकते हैं।
एनएचएम के अन्तरगत पिछ्ले 10 सालो से भी अधिक समय से संविदा कर्मचारी एक चौथाई से भी कम वेतन मे काम करने को मजबूर हैं। चूंकि चुनावी साल के बजट की तैयारी सरकार ने प्रारम्भ कर दी है। इसी को ध्यान मे रखते हुये संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अब आर- पार की लाडाई के साथ हड़ताल पर जाने की तैयारी है। विशेष सूत्रो से मिली खबर के अनुसार इसी माह के आखिरी में या 1 नवम्बर से आन्दोलन शुरुआत हो सकती है।
शिवराज पर सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप-:
शिवराज सरकार ने 5 जून 2018 को यह कहते हुये की संविदा एक अभिषाप है, नई नीति बानाई जिसमे संविदा कर्मचारियो को नियमित कर्मचारी की भांति सभी पात्रता होगी। संविदा कर्मचारियो को नियमित कर्मचारी की भाती 90 प्रतिशत वेतन समेतअन्य लाभ देने की पालिसी बानाई गई। लेकिन 2018 का चुनाव निकलने के बाद आज 4 साल उपरांत भी शिवराज सिंह के इशारे पर वित्त विभाग मे फाइल को रोककर रखा गया है। जिससे कर्मचारियो मे भारी आक्रोश है। जिसका गुबार आगामी नवम्बर मे होने वाले विधानसभा चुनाव मे फूट सकता है। शिवराज सरकार को मध्यप्रदेश के संविदा कर्मचारियो और उनके परिवार के वोट से वंचित रहना पड सकता है।