खनिज विभाग की संलिप्ता से ठेकेदार ने फर्जी सहमति पत्र लगाकर खेत से मुरुम खोद खेत को बना दिया तालाब, मुआवजा राशि और ठेकेदार पर कड़ी कार्यवाही की मांग को लेकर किसान ने कलेक्टर और एसपी से लगाई गुहार

बालोद- जिले से एक बड़ी खबर निकल कर सामने आई हैं। जहां एक ठेकेदार ने कूटरचना कर किसान का फर्जी सहमति पत्र बनाकर खनिज विभाग से मुरुम खुदाई की अनुज्ञा प्राप्त कर 5 हजार के बजाय 15 हजार से अधिक घनमीटर खोद दिया और खेत को समतलीकरण करने के बजाय तालाब में परिवर्तित कर दिया। जिसकी शिकायत किसान ने कलेक्टर और एसपी से की है और सम्बन्धित ठेकेदार पर कार्यवाही कर मुआवजा देने की गुहार लगाई है। दरअसल प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत ग्राम सुरेगांव से दुधली मार्ग तक सड़क निर्माण कार्य बाफना कंट्रक्शन द्वारा किया गया है। मुड़िया गांव के किसान गुलबीर निषाद और सह खातेदार चैतन्य निषाद ने आरोप लगाया है कि 2019 में बाफना कंट्रक्शन द्वारा मुरुम खुदाई एवं परिवहन के लिए उनकी भूमि जिसका खसरा नम्बर 590 रकबा 0.75 हे. है। कूटरचना कर किसान की फर्जी सहमति पत्र बनाकर खनिज विभाग से अनुज्ञा प्राप्त कर किसान भूमि से लगभग 15 हजार घनमीटर मुरुम की खुदाई कर परिवहन कर लिया। किसान द्वारा आपत्ति करने पर ठेकेदार ने भूमि को समतलीकरण करने की बात कही थी। परन्तु ठेकेदार द्वारा आज तलक न ही भूमि को समतलीकरण किया गया और न ही मुआवजा राशि प्रदान किया गया है। खेत तालाब में तब्दील होने से अब उसमें खेती की भी गुंजाईश नही है। जिससे किसान आर्थिक और मानसिक रूप से काफी परेशान हैं। किसान की माने तो उसने कई बार कलेक्टर जनदर्शन में इसकी शिकायत कर चुके है। लेकिन आज तलक समस्या का निराकरण नही हुआ

लचर व्यवस्था से किसान परेशान, कृषि भूमि हो गई अनुपयोगी- शुक्ला
भाजपा नेता अभिषेक शुक्ला में कहा की निर्माण एजेंसी ने किसान के खेत को इतना गहरा खोद दिया है कि पिछले तीन वर्षों से चैतन्य निषाद एवं उसका परिवार खेती नहीं कर पा रहा है तथा कृषि ही उसके जीवन यापन का एक मात्र जरिया है और वह लगातार कंस्ट्रक्शन कंपनी के दफ्तर में चक्कर काट रहा है। अब उसकी आर्थिक स्थिति भी खराब हो चुकी है।

आरटीआई से हुआ खुलासा-
कृषक चैतन्य निषाद ने बताया कि उसके द्वारा मई माह में खनिज विभाग में निर्माण एजेंसी के अनुमति संबधि एक सूचना का अधिकार का आवेदन लगाया गया था। जिसमें यह खुलासा हुआ कि कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा दुर्ग में 21 नवंबर 2019 को जमीन समतलीकरण करने सहमति पत्र बनाया गया है जिसमें फर्जी हस्ताक्षर व फर्जी पहचानकर्ता के माध्यम से एक फर्जी सहमति पत्र गुलवीर सिंह निषाद के नाम से बना लिया गया। जिसके आधार पर उसे परिवहन की अनुमति प्राप्त की है। खनिज विभाग द्वारा उन्हे 5 हजार घनमीटर मुरुम परिवहन की अनुमति प्राप्त की थी। लेकिन उसी के जमीन से लगभग 15 हजार घनमीटर की खुदाई कर परिवहन किया गया है।

किसान ने किया मुआवजे की मांग-
किसान गुलवीर सिंह पिता जीवराखन ने गुरुवार को कलेक्टर जनदर्शन के माध्यम से मांग की है कि ग्राम मुढ़िया, प.ह.नं. 19 में स्थित खसरा नं 590 रकबा 0.75 हे. जमीन का वह नंबरदार है तथा उसके चाचा चैतन्य निषाद उक्त भूमि का सह खातेदार है। उसके बाहर होने से उक्त भूमि की देखरेख उनके द्वारा किया जाता है। इसी अभिप्राय से जनदर्शन में उनके द्वारा मुआवजा के लिए आवेदन किया गया था। उनके द्वारा निर्माण एजेंसी को कोई सहमति पत्र नहीं दिया गया है। चूंकि विगत तीन वर्षों से उक्त भूमि में फसल नहीं लगाया जा सका है। गहरी खुदाई होने के कारण उनकी जमीन कृषि योग्य नहीं रही और अब उसमें पानी भर गया है। इसीलिए बाफना कंस्ट्रक्शन कंपनी दुर्ग की जमा अमानत राशि से 16 लाख उसके चाचा चैतन्य निषाद को दिया जावे। साथ ही कंपनी द्वारा की गई अवैध खुदाई व फर्जी सहमति पत्र की जांच कर कार्यवाही की जाये।

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