दही हांड़ी फोड़ने के प्रयास में जमीन पर गिरा छात्र एक माह से विस्तर पर है 

शिवरीनारायण – नगर के अधिवक्ता महेश कश्यप के सुपुत्र रूपेश कश्यप सरस्वती शिशु मंदिर विघालय शिवरीनारायण में कक्षा 11 वी का छात्र है वह कृण्ण जन्माष्टमी के दिन अपने स्कूल आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित होने के बाद अपने दोस्तों के साथ घर वापस आ रहा था तभी स्कूल के पास ही एक वृक्ष में दही हांड़ी बंधा हुआ था उस दही हांड़ी को वृक्ष में बांधने वालों ने रूपेश एवं उनके दोस्तों को दही हांड़ी को फोड़ने के लिए प्रेरित किया तब रूपेश और उसके दोस्त अपने आप को रोक नही पाये और सभी छात्र घेरा व पीरामिड़ बना कर दही हांड़ी को फोड़ने का प्रयास करने लगा पीरामिड़ के सबसे ऊपर में रूपेश था वह दही हांड़ी को फोड़ने के प्रयास में अपना संतुलन खो दिया और सीधा फर्श में जा गिरा जिससे उनके सिर पर गम्भीर चोट आयी और बेहोश हो गया। उनके बिगड़ते हलात को देखते हुए उनके पिता ने उन्हे अपोलो बिलासपुर में भर्ती कराया जां पर उनके सिर में ब्लड़ जम जाने के कारण डाॅक्टरों को सिर का सर्जरी करना पड़ा । अब उनकी स्थिति पहले से बेहतर है अपोलो से उनकी छुट्टी हो गई है लेकिन उनका दवा और बैड़रेस्ट जारी है रूपेश का कहना है कि उन्हे कमजोरी महसूस हो रही है वह अधिक समय तक बैठ या खड़ा नही रह सकता इसलिए वह ज्यादा समय तक विस्तर पर ही सोये रहता है।

उल्लेखनीय है कि कृण्ण जन्माष्टमी में दही हांड़ी बांधने और फोड़ने के संबंध में शासन प्रशासन व्दारा कोई नियम नही बने होने के कारण लोग इसे काफी मस्ती में मनाते हैं कुछ लोग दही हांड़ी को काफी ऊपर में बांध देते हैं और दही हांड़ी को फोड़ते समय फोड़ने वालों पर पानी डालना , रस्सी को हिलाना आदि अन्य उपद्रव करते हैं जिससे पीरामिड़ बनाने वालों की संतुलन बिगड़ जाती है और वह जमीन पर जा गिरता है जिससे कई लोगों को चोट लगती है और इसका जिम्मेदारी किसी को नही ठहराया जा सकता। इसी तरह जिस जगह पर दही हांड़ी बांधी जाती है उनके नीचे जमीन की स्थिति को भी ध्यान नही रखा जाता कई बार दही हांड़ी के नीचे का जमीन पत्थर या सिमेंट का फर्श रहता है या उनके आसपास पत्थर पड़े रहते हैं जिसके कारण दही हांड़ी फोड़ने वाले जब फर्श में गिरते हैं तो उन्हे गम्भीर चोट लग जाती है । इसलिए शासन प्रशासन को दीपावली,होली,दशहरा त्यौहारों की भांति कृण्ण जन्माष्टमी पर्व में दही हांड़ी बांधने व फोड़ने संबंधी नियम बना कर उसे लोगों से पालन कराने स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदारी सौंपना चाहिए इससे कृण्ण जन्माष्टमी में दही हांड़ी फोड़ने के समय होने वाली घटनाओं पर रोक लग सकती है ।

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