हत्या के आरोपियों को मिली आजीवन कारावास की सजा, 20 फरवरी को शक्ति न्यायालय ने दिया फैसला, अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक दुर्गा प्रसाद साहू ने की मामले की पैरवी

सक्ती– अभियोजन के अनुसार प्रकरण का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार से है दिनांक 25 जुलाई 2019 को ग्रामवासी कटौद के द्वारा थाना डभरा को मोबाइल से सूचना दी गई की छीतीभूषण चंद्रा व उसके परिवार को दिनांक 24-7- 2019 एवं 25-7-2019 की दरमियानी रात को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा घर में घुसकर धारदार वस्तु से हमला कर जख्मी कर दिया है,सूचना मिलने पर थाना डभरा के सहायक उपनिरीक्षक एस एन मिश्रा मौके पर गए मौके पर प्रार्थीया गमलेश्वरी चंद्रा ने देहाती नालसी दर्ज कराया कि कटौद उसका मायका है जहां उसका भाई के परिवार के साथ अलग घर में रहता है उसके भाई के परिवार में उसका भाई छीतीभूषण, भाभी रामेश्वरी, भतीजा वंशु एवं भतीजी वंशिका चंद्रा रहते हैं दिनांक 24 जुलाई 2019 की शाम 6:30 बजे सब ठीक-ठाक था 25-7-2019 को करीब 11:00 बजे उसका पति नरेश चंद्रा छीतीभूषण के घर दूध लेने गए थे तो उनका दरवाजा अंदर से बंद था खटखटाया तो कोई नहीं खोला वापस आकर उसने बताएं तो वह अपने भाई और भाभी के मोबाइल में फोन किया तो कोई नहीं उठाया जब उसके बच्चे स्कूल से वापस घर आए तो उनसे पूछी कि वंशु व वंशिका स्कूल आए थे क्या तो बताया कि नहीं आए थे तब उसने शंका में अपने पति नरेश एवं गांव के जनपद सदस्य चूड़ामणी के साथ छीतीभूषण के घर जाकर बाहर से दरवाजा खटखटाया आवाज दिए फोन किए कोई जवाब नहीं मिलने पर दरवाजा तोड़कर अंदर जाकर देखें पीछे का दरवाजा खुला था भाई छीतीभूषण घर के अंदर कमरे में फर्श पर घायल अवस्था में पड़ा था उसके सीर चेहरा एवं शरीर में कई जगह धारदार हथियार से चोट पहुंचाया गया था खून निकल रहा था भाभी रामेश्वरी परछी र्में तखत पर पड़ी थी उसके शरीर चेहरा एवं शरीर के अन्य भाग में धारदार हथियार से चोट पहुंचाया गया था भतीजा वंशु चंद्रा भाभी के बगल में तखत पर घायल पड़ा था उसे भी कई जगह चोट लगी थी भतीजी वंशिका चंद्रा घायल थी उसको भी चोट लगी थी चारों को गंभीर चोट आई है पुछने पर कोई कुछ नहीं बता पा रहा था जिन्हें गांव वालों की सहायता से इलाज हेतु 108 एंबुलेंस से डभरा अस्पताल भिजवाए थे जहाँ से हायर सेटर रीफर किया गया उपरोक्त लोगों को कोई अज्ञात व्यक्ति रात को हत्या करने की नियत से घर में घुसकर धारदार हथियार से चोट पहुंचाया है और उन लोगों को मरा समझकर भाग गया है। प्राथिया की उक्त रिपोर्ट पर से थाना डभरा में प्रथम सूचना प्रतिवेदन 255 /2019अपराध धारा 457 323 307 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत अपराधं पजीबद्ध किया गया विवेचना के दौरान आहतो का मुलाहिजा करवाया गया क्षिति भूषण का मृत्यु कालीक कथन कराया गया जिसके आधार पर प्रकरण में अभियुक्तगण के विरुद्ध 147 148 149 120 बी भा द वि जोड़ी गई विवेचना के दौरान अभियुक्तगण का मेमोरेंडम कथन लिया गया तथा मेमोरेंडम के आधार पर घटना में प्रयुक्त लकड़ी बांस का डंडा लोहे का राड मोटरसाइकिल व अन्य संपत्ति जप्त किया गया इलाज के दौरान वंशु चंद्रा उम्र 7 वर्ष की रायगढ अस्पतालृ मे मृत्यु होने से पीएम कराया गया संपूर्ण विवेचना उपरांत धारा 450 323 307 147 148 149 120b 302 भारतीय दंड संहिता के तहत अभियुक्तगण के विरुद्ध माननीय न्यायालय में अभियोग पत्र पेश किया गया तथा न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश सक्ति के समक्ष अभियुक्तगण के विरुद्ध प्रकरण प्रारंभ किया गया

अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 26 गवाहों का परीक्षण कराया गया। आहत छीती भूषण ने न्यायालय में बताया कि वह गांव के काशी प्रसाद गौरीशंकर एवं गुड्डी चंद्रा को पहचानता है काशी प्रसाद एवं गौरीशंकर उसके गांव के हैं तथा गुड्डी चंद्रा ग्राम करीगांव का निवासी है वह लोग उसके पिता की हत्या के संबंध में जेल में बंद है आगे उसने बताया है कि दिनांक 24 -7- 2019 की रात्रि लगभग 1:00 बजे वह अपने लड़के वंशु के साथ पर्छी में तखत पर सोया था और बगल में ही उसकी पत्नी रामेश्वरी और पुत्री वंशिका सोई थी रात्रि के समय उसके चादर को गोपाल चंद्रा एवं नवीन सिदार खींचे तब वह जाग गया वह देखा कि गोपाल चंद्रा अपने हाथ में चाकू पकड़ा था और महेंद्र के हाथ में लोहे का राड था नवीन तुलेश्वर चंदन शिवचरण अपने-अपने हाथ में लाठी पकड़े हुए थे उसने अभियुक्त गण ने कहा कि इतनी रात को से घर में क्यों आए हो जिस पर नवीन सीधा बोला कि तुम्हारे परिवार को जान से मारना है तभी गोपाल चंद्रा उसके दाएं चेहरे पर चाकू से मार दिया तथा महेंद्र ने लोहे की राड से उसके सिर पर मार दिया नवीन तुलेश्वर चंदन शिवचरण चंद्रा लाठी से उसके शरीर के कई जगह पर मारपीट किए उसी समय वह अपने परिवार के लोगों को भागने के लिए कहा और वह बेहोश हो गया बाद में उसे अस्पताल में पता चला कि अभियुक्तगण उसके पुत्र वरुण उर्फ वंशु चंद्र की हत्या कर दिये हैं एवं उसकी पत्नी को भी चोट पहुंचाए हैं उसकी पत्नी के पेट के पास मारने से लगभग 32 टांके लगे थे उसकी पुत्री वंशिका के सिर पर लगभग 32 टांके लगे थे उसका सिर बुरी तरह से फट गया था आरोपी गण के द्वारा उसे मारने पर उसका दांत निकल गया था उंगली कलाई आंख में गंभीर चोट लगी थी आगे उसने बताया है कि यादराम गणेश राम साहू समझौता कराने आए थे कि तुम्हारे पिता की हत्या के संबंध में जो प्रकरण चल रहा है उसमें राजीनामा कर रूपये या खेत ले लो लेकिन उसने राजीनामा नहीं किया इसी बात को लेकर आरोपी गण उन लोगों के घर उसकी हत्या करने आए थे। इसी प्रकार का बयान अन्य गवाह रामेश्वरी चंद्रा चूड़ामणि वर्मा नरेश कुमार विजेंद्र कुमार सीता चंद्रा गेंददास एवं अन्य गवाहों ने दिया है तथा अभियोजन के कहानी का समर्थन किया है अभियुक्त गण की ओर से प्रकरण में झूठा फंसाया जाना व्यक्त किया गया दोनों पक्षों को माननीय न्यायालय द्वारा सुना गया

तथा प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश बाला राम साहू द्वारा दिनांक 20 2 2023 को निर्णय पारित किया गया कि अभियोजन अभियुक्त गण के विरुद्ध धारा 120b भारतीय दंड संहिता के आरोप को प्रमाणित करने में असफल रहा है इसलिए अभियुक्त अगर को धारा 120 बी के आरोप से दोषमुक्त किया गया तथा अभियोजन अभियुक्त गण के विरुद्ध धारा 148 450 307 /149 तीन बार 302 / 149 भारतीय दंड संहिता के आरोप को संदेह से परे प्रमाणित पाते हुए अभियुक्त गण शिवचरण चंद्रा तुलेश्वर चंद्रा नवीन सिदार महेंद्र कुमार बघेल चंदन मनहर एवं भोपाल उर्फ गोपाल प्रसाद को भारतीय दंड संहिता की धारा 148 के अपराध के लिए 2 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 के जुर्माने से भारतीय दंड संहिता की धारा 450 में 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000 के जुर्माने से भारतीय दंड संहिता की धारा 307/ 149 तीन बार के अपराध के लिए आहत छीती भूषण चंद्रा की हत्या के प्रयत्न के लिए 10 वर्ष के सश्रम कारावास और 2000 के जुर्माने से तथा आहत रामेश्वरी चंद्र की हत्या के प्रयास के लिए 10 वर्ष के सश्रम कारावास और 2000 जुर्माने से तथा आहत वंशिका चंद्रा की हत्या करने के प्रयास के लिए 10 वर्ष के सश्रम कारावास और 2000 के जुर्माने से तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 302 / 149 के अपराध के लिए आजीवन कारावास और 3000 जुर्माना से दंडित किया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से दुर्गा प्रसाद साहू शासकीय अधिवक्ता लोक अभियोजक द्वारा पैरवी की गई

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