संस्थापक चेयरमैन श्री ओपी जिन्दल की 91वीं जयंती पर विशेष जेएसपीएल के रायपुर मशीनरी डिवीजन ने स्टील एवं ऊर्जा क्षेत्र में दिखाई आत्मनिर्भरता की राह

·   श्री ओपी जिन्दल ने सिखाया, योजना सही हो तो दरवाजे खुलते चले जाते हैं
·    रायपुर मशीनरी डिवीजन में 91वीं जयंती पर संस्थापक चेयरमैन को दी गई भावपूर्ण श्रद्धांजलि, राष्ट्र निर्माण में आगे बढ़कर योगदान करने का संकल्प
·   रायगढ़ में अपनी तरह का विश्व का सबसे बड़ा स्पंज आयरन प्लांट लगाया और तकनीक सांझा कर स्पांज आयरन उत्पादन के लिए उद्यमियों की पौध लगाई
·   स्टील उत्पादन के लिए मशीनें विदेश से आती थीं लेकिन रायपुर मशीनरी डिवीजन ने कई मशीनें बनाकर विदेशों पर निर्भरता कम की
·      जेपीएल-तमनार, जेएसपीएल-अंगुल प्लांट और ओमान के जिन्दल-शदीद स्टील प्लांट की सफलता में रायपुर मशीनरी डिवीजन का बड़ा योगदान
जिनके मन में समाज और देश को आगे ले जाने का संकल्प होता है, उनके आगे बड़ी से बड़ी चुनौतियां भी घुटने टेक कर आगे का रास्ता दे देती हैं। जेएसपीएल के संस्थापक चेयरमैन श्री ओपी जिन्दल जी ऐसे ही कर्मयोगी थे। जो ठान लिया, उसे पूरा करके ही मानते थे। 1952 में कोलकाता के लिलुआ में पाइप, बेंड एवं सॉकेट प्लांट की स्थापना के बाद से ही उन्होंने प्रतिज्ञा कर ली थी कि वे राष्ट्र के बुनियादी ढांचे को दुरुस्त करने के लिए स्टील भी बनाएंगे और इसी उद्देश्य से उन्होंने अपनी जन्मभूमि हिसार में 1960 में उद्योग की अलख जगाई और 1962 में जिन्दल इंडिया नामक कंपनी की आधारशिला रखी, जिसे आज जिन्दल इंडस्ट्रीज के नाम से पुकारा जाता है। बाऊजी ने उसके बाद 1970 में जिन्दल स्ट्रिप्स लिमिटेड कंपनी की शुरुआत की लेकिन इससे पहले ही उन्होंने हिसार में ही 10-12 टन की आर्क फर्नेस लगाई, जो स्टील उत्पादन के उनके सपनों की पहली सीढ़ी थी। वे चाहते तो विदेशी तकनीक के आधार पर स्टील प्लांट लगा सकते थे लेकिन उनके मन में स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी तकनीक से ही स्टील उत्पादन की इच्छा थी इसलिए 1980 के बाद उन्होंने हिसार में ही लगभग 400 डायमीटर का 1 टन क्षमता वाला मिनी स्पंज आयरन/डीआरआई प्लांट लगाकर प्रयोग किया जो 1985-86 में पूरी तरह सफल रहा। इसके बाद उन्होंने बड़े पैमाने पर स्पंज आयरन उत्पादन के लिए रायगढ़ को चुना और वहां 300 टन क्षमता की पांच भट्ठियां (रोटरी किल्न) स्थापित की। इसके साथ ही साथ स्पंज आयरन के लिए आवश्यक लौह अयस्क (आयरन ओर) की आपूर्ति के लिए उन्होंने ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में स्थित टीआरबी आयरन ओर माइंस, टेंसा का अधिग्रहण कर लिया, जो आज भी पूरे जेएसपीएल के लिए आयरन ओर का अपना मुख्य स्रोत है।
बाऊजी की दूरदर्शिता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने टेंसा माइंस को अपनाकर एकीकृत स्टील प्लांट की अवधारणा पूरे व्यावसायिक जगत के समक्ष प्रस्तुत की। इसी कड़ी में उन्होंने रायगढ़ स्टील प्लांट के सफल संचालन के लिए रायपुर में हेवी मशीनरी डिवीजन के रूप में वर्कशॉप की स्थापना की, जो आज भी रायगढ़ स्टील प्लांट के साथ-साथ जेएसपीएल-अंगुल, जेपीएल-तमनार, जिन्दल शदीद-ओमान और समूह की अन्य इकाइयों को बड़े मशीनरी उत्पाद उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भरता की ज्वलंत उदाहरण बना हुआ है। इतना ही नहीं, रायपुर मशीनरी डिवीजन द्वारा देश की नामचीन कंपनियों जैसे- लार्सन एंड टुब्रो, टाटा, ब्लू स्टार, आईओसीएल, बीएचईएल एवं टेक्निप जैसी कंपनियों को भी मशीनों एवं उपकरणों की आपूर्ति की जा रही है।
वैसे भी, बाऊजी को किसी भी वर्कशॉप से हमेशा ही प्रेम रहा क्योंकि वे रोज स्वयं नए-नए प्रयोग एवं खोज किया करते थे, जो एक अच्छी वर्कशॉप संभव होता है। बाऊजी की यही सोच एवं दूरदर्शिता के परिणामस्वरूप आज जेएसपीएल समूह देश को स्टील एवं ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के प्रति समर्पित है। बाऊजी का मानना था कि योजना सार्थक हो, काम की दिशा सही हो तो चुनौतियां ही स्वयं रास्ता बना देती हैं।
बाऊजी एक व्यवसायी ही नहीं बल्कि नए उद्यमियों के पथ प्रदर्शक भी थे। उन्होंने रायगढ़ में प्लांट लगाने के बाद स्पंज आयरन बनाने की तकनीक अनेक योग्य उद्यमियों में भी बांट दी। उनके इस कदम से न सिर्फ औद्योगिक माहौल बना बल्कि उद्योगपतियों की नई पौध भी तैयार हुई।
रायपुर मशीनरी डिवीजन में स्टील प्लांट निर्माण में काम आने वाली हॉट मेटल क्रेन, लैडल, अर्थमूवर्स, ब्लास्ट फर्नेस, स्पंज आयरन मशीनें, सिंटर प्लांट, कंटीन्युअस कास्टर और रॉलिंग मिल के उपकरणों के साथ-साथ पावर प्लांट के लिए ब्वायलर, रोटर व केसिंग, सीमेंट प्लांट के लिए हाउसिंग्स व किल्न और पेट्रोकेमिकल उद्योग के लिए अमोनिया स्टोरेज टैंक, एयर रिसीवर और स्टेनलेस स्टील का डीपिच्ड टार एसिड रिसीवर बनाया जाता है।
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान रायपुर मशीनरी डिवीजन ने देश में ऑक्सीजन ढुलाई के लिए उपयुक्त टैंक का अभाव देखते हुए ऑक्सीजन सर्ज टैंक का निर्माण किया। आज ऐसे दो टैंक रायगढ़ और दो अंगुल प्लांट में राष्ट्र सेवा के प्रति समर्पित हैं, जो देश की औद्योगिक के साथ-साथ चिकित्सा संबंधी ऑक्सीजन की जरूरत पूरी करने में योगदान कर रहे हैं।
एक अन्य उपकरण प्राइमरी वेस्ट हीट एक्सचेंजर का भी निर्माण रायपुर प्लांट में किया गया है जो अपने आप में अनूठा है। इसका इस्तेमाल अंगुल के सीजीपी (कोल टू गैस प्लांट) में किया जा रहा है। यह प्लांट कोयले से सिनगैस बनाकर वातावरण में कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा को कम करता है और इस गैस से स्पंज आयरन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जेएसपीएल का अंगुल प्लांट विश्व का पहला और सबसे विशाल कोल टू गैस प्लांट है, जिसका प्रयोग स्टील उत्पादन में किया जा रहा है। पर्यावरण संरक्षण और निरंतर विकास का यह अद्भुत संगम है। यानी कि विकास तो होगा ही, प्रदूषण भी न्यूनतम स्तर पर रहेगा।
श्री ओपी जिन्दल जी की 91वीं जयंती पर राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान का स्मरण करते हुए उनके बेटे और जेएसपीएल के चेयरमैन श्री नवीन जिन्दल की उन उक्तियों के साथ हम विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिसमें उन्होंने कहा था, “जो देश के लिए अच्छा है, वही व्यापार के लिए अच्छा है और जो व्यापार के लिए अच्छा है, वही देश के लिए अच्छा है।” बाऊजी आज भी हमारे साथ हैं-हमारे पास हैं और उनके विचार सदैव मानवता को नई दिशा दिखाने का कार्य करते रहेंगे।

जेएसपीएल के संस्थापक चेयरमैन ओपी जिन्दल को 91वीं जयंती पर याद किया गया
ओपी जिन्दल जी ने जो सपने अधूरे छोड़े, उन्हें पूरा करना हमारा कर्तव्यः प्रदीप टंडन
“मेड इन इंडिया” के बाऊजी के सपने “मेड इन जेएसपीएल” के मंत्र के साथ पूरा कर रहा रायपुर मशीनरी डिवीजनः नीलेश शाह
बाऊजी ने हमें सिखाया, जीवन में आगे बढ़ना है तो हमें निरंतर सीखते रहना हैः अरविंद तगई
बड़े प्लांटों की स्थापना में मेड इन रायपुर की अहम भूमिकाः राकेश गुप्ता
रायपुर, 7 अगस्त 2021 – उद्योग जगत के पुरोधा, समर्पित समाजसेवी, स्वावलंबी भारत के अग्रणी दूरद्रष्टा और जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के संस्थापक चेयरमैन बाऊजी श्री ओपी जिन्दल जी की 91वीं जयंती पर आज कृतज्ञ कर्मचारियों ने उन्हें याद किया और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
जेएसपीएल के रायपुर स्थित मशीनरी डिवीजन में प्रातः 9 बजे आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कंपनी के प्रेसिडेंट प्रदीप टंडन ने कहा कि बाऊजी श्री ओपी जिन्दल जी ने जो सपने अधूरे छोड़े, उन्हें पूरा करना और जो आधारशिला रखकर गए, उन्हें आगे बढ़ाना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि आज हमसभी यहां एक उद्देश्य से इकट्ठा हुए हैं, यह उनकी ही देन है। हम इस अवसर पर राष्ट्र निर्माण में पूरे समर्पण भाव से अपना दायित्व निभाने का संकल्प लें।
रायपुर मशीनरी डिवीजन के बिजनेस यूनिट हेड नीलेश टी. शाह ने कहा कि चेयरमैन श्री नवीन जिन्दल के नेतृत्व में जेएसपीएल ओडिशा के अंगुल में एक ही स्थान पर दुनिया का सबसे बड़ा स्टील प्लांट का सपना साकार करने जा रहा है तो इसमें रायपुर मशीनरी डिवीजन की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि बाऊजी ने मेड इन इंडिया का जो सपना देखा था, उसे हम मेड इन जेएसपीएल के माध्यम से साकार कर रहे हैं। आज पूरे देश में स्टील की जितनी वैरायटी जिन्दल समूह तैयार कर रहा है, वह पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण है।
यूनिट हेड अरविंद तगई ने ओपी जिन्दल के साथ काम करने का अनुभव सांझा करते हुए कहा कि उन्होंने हमें जीवन में निरंतर आगे बढ़ने के लिए निरंतर सीखते रहने का मंत्र दिया। कारखाना प्रबंधक राकेश गुप्ता ने कहा कि जेएसपीएल ही नहीं बल्कि देश के अनेक बड़े प्लांट के निर्माण में रायपुर मशीनरी डिवीजन ने प्रमुख भूमिका निभाई है। कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुरूप आयोजित इस कार्यक्रम का संचालन कार्मिक प्रमुख सूर्योदय दुबे ने किया।

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