किसानक्राफ्ट लिमिटेड ने भारत में इंटरकल्टीवेटर का निर्माण शुरू किया

 नवंबर 2021 – किसानक्राफ्ट, 15 साल पुरानी कृषि उपकरण कंपनी ने आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में ऑटोमैटिक इंटरकल्टीवेटर का निर्माण शुरू किया है। करीब 46 एकड़ में कंपनी ने अपना प्लांट स्थापित किया है और यह भारत की पहली कंपनियों में से एक है जिसने ऑटोमैटिक इंटर-कल्टीवेटर्स एकेए पावर-वीडर्स का निर्माण शुरू किया है। इंटरकल्टीवेटर्स निराई (वीडिंग), मिट्टी पलटने, मिट्टी की मल्चिंग के लिए बहु-उपयोगी उपकरण हैं, और ट्रेंचिंग, सीडिंग, सिंचाई, कटाई आदि के लिए अटैचमेंट के साथ आते हैं। इन उपकरणों को अभी तक मुख्य रूप से वर्तमान में चीन से आयात किया जा रहा है और किसानक्राफ्ट का उद्देश्य किसानों के लिए भारत में ही किफायती कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का निर्माण करना है।
रविंद्र अग्रवाल, एमडी, किसानक्राफ्ट लिमिटेड ने कहा कि “पिछले 15 वर्षों में, किसानक्राफ्ट ने छोटे किसानों की उत्पादकता और आय बढ़ाने में मदद करने के लिए उनके मशीनीकरण पर ध्यान केंद्रित किया है। हमने ऐसे उपकरण बनाने के लिए निरंतर इनोवेशंस किए हैं जो हमारे छोटे किसानों की अलग और जरूरी आवश्यकताओं का समाधान करने में सक्षम हों। हमें अब तक 12 पेटेंट मिल चुके हैं। अपने नेल्लोर प्लांट में, हमने बीआईएस-आईएसआई प्रमाणित इंजन, वाटर-पंप और इंटरकल्टीवेटर बनाना शुरू कर दिया है। हम इस अत्याधुनिक प्लांट में बहुत सारे कम्पोनेंट स्वयं बनाते हैं जिसमें एक आरओएचसी कम्पलाएंट, जेडएलडी, स्वचालित पाउडर कोटिंग लाइन शामिल है, जिसे नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके डिज़ाइन किया गया है। हम न केवल कृषि उपकरणों का आयात कम करेंगे बल्कि कृषि उपकरणों के निर्यात में भी वृद्धि करेंगे।”

अंकित चितलिया, सीईओ, किसानक्राफ्ट लिमिटेड ने कहा, किसानक्राफ्ट लिमिटेड ने कहा कि “46 एकड़ के परिसर में नई मशीनों के परीक्षण और विकास के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्लॉट्स भी शामिल हैं। इस सेगमेंट में एक मार्केट लीडर होने के नाते, किसानों को नए सिरे से उपयोगी कृषि समाधान प्रदान करना और उन्हें नई तकनीकों के बारे में शिक्षित करना हम अपना दायित्व समझते हैं। सरकार सीजनल श्रमिकों की कमी पर निर्भरता कम करने और खेती के तहत क्षेत्र का दायरा बढ़ाने के लिए छोटे किसानों के बीच मशीनीकरण को बढ़ावा दे रही है। छोटे किसानों को ऐसे उपकरणों की आवश्यकता होती है जो सरल, ऊबड़-खाबड़, बहु-उपयोग, किफायती और आसानी से सर्विस करने योग्य हों। किसानों को हमारे 5000 से अधिक डीलरों के अखिल भारतीय नेटवर्क के माध्यम से अपने उपकरणों की सर्विस करवाने की सुविधा मिलती है।”

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