सिद्ध चक्र महामंडल विधान के चौथे दिन इंद्र इंद्राणीयों ने समर्पित किए 128 अर्घ्य

रायपुर: आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में चल रहे 8 दिवसीय श्रीसिद्ध चक्र महामण्डल विधान में आज मंगलवार को चौथे दिन भगवान शांतिनाथ की वृहद शांतिधारा का वाचन ब्रह्मचारी विजय भईया गुणायतन द्वारा किया गया ट्रस्ट मंदिर कमेटी के अध्यक्ष संजय जैन नायक ने बताया कि विधान में सैकडों श्रद्धालुओं ने आज पुष्पदंत भगवान का स्वर्ण कलशों से अभिषेक कर पूजा अर्चना की। साथ ही आज की चमत्कारिक रिद्धि सिद्धि प्रदाता शांति धारा करने का सौभाग्य दिलीप निकुंज जैन गुढियारी को प्राप्त हुआ विधान की पूजा में चौथे वलय की आराधना करके इन्द्र इन्द्राणियों ने 128 श्रीफल अघ्र्य समर्पित किए। इस अवसर पर ब्रम्हचारी विजय भईया गुणायतन ने धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि भगवान की पूजा अर्चना करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और सुख दु:ख तो आते जाते हैं।

अपने अपने कर्मो का फल सबको मिलता है। बड़े मंदिर में सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में ब्रह्मचारी विजय भईया के सान्निध्य में चल रहे सिद्धचक्र मण्डल विधान की मधुर भक्तिमय संगीत से महा अर्चना हुई, जिसमें प्रथम बार 300 श्रावक श्राविकाओं ने एक साथ महा आराधना की। सभी ने संगीतमय भजनों पर नृत्य भी किया इस अवसर पर ट्रस्ट कमेटी एवं कार्यकारणीगण के साथ साथ समाज के धर्म प्रेमी बंधु सदस्य उपस्थित थे।

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