अंबिकापुर में नवजात को बी की जगह चढ़ा दिया ओ पाजिटिव समूह का रक्त

मेडिकल कालेज अस्पताल में रक्त समूह की जांच में बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां एक नवजात को बी पाजिटिव की जगह ओ पाजिटिव रक्त चढ़ा दिया गया। मामला सामने आने के बाद प्रबंधन में खलबली मच गई। अस्पताल अधीक्षक ने तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

जानकारी के अनुसार मेडिकल कालेज के मातृ एवं शिशु अस्पताल अंबिकापुर में बलरामपुर जिले के भेसकी गांव की महिला का प्रसव हुआ था। 12 सितंबर को प्रसव के बाद बच्चे को एसएनसीयू में भर्ती कराया गया था।बच्चे की कमजोरी को देखते हुए चिकित्सक ने रक्त चढ़ाने की सलाह दी। जांच के बाद ओ पाजिटिव रक्त का सैंपल दिया गया था। ओ पाजिटिव रक्त की व्यवस्था की गई और नवजात को चढ़ा दिया गया। दूसरे दिन रक्त की आवश्यकता पड़ने पर स्वजन को एक बार फिर ब्लड पर्ची देकर रक्त लाने को कहा गया लेकिन जब पर्ची में स्वजन ने बी पाजिटिवदेखा तो परेशान हो गए। स्वजन ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही करने का आरोप लगाया। मेडिकल कालेज अस्पताल अंबिकापुर के अधीक्षक डा लखन सिंह को जैसे ही मामले की शिकायत मिली।

उन्होंने तत्काल शिशु रोग विभाग और ब्लड बैंक के विभागाध्यक्ष से जानकारी ली दोनों पक्षों ने दावा किया कि उनके द्वारा सही पर्ची दी गई थी लेकिन बीच में गड़बड़ी कहां हो गई इसे लेकर प्रबंधन भी हैरत में है। अस्पताल अधीक्षक का कहना है कि पहले की तुलना में बच्चे की हालत ठीक है वह पाजिटिव यूनिवर्सल डोनर होता है इसलिए खून के कारण किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आएगी। फिर भी हमने शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष को बच्चे पर सतत निगरानी और बेहतर से बेहतर उपचार करने के निर्देश दिए हैं। किस स्तर पर लापरवाही हुई है इसकी जांच करा रहे हैं। तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया है।जांच टीम को सभी पक्षों से जानकारी लेकर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने कहा गया है। भविष्य में रक्त के सैंपल की जांच में यह परिस्थिति ना बने इसके लिए भी कड़े निर्देश जारी किए गए हैं।
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