आईएएस विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत पहुंचे सलाखों के पीछे

14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी, दूसरी ओर एक और आईएएस का लॉकर खंगाला

 रायपुर, गुरुवार को 6 दिन की रिमांड खत्म होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने आईएएस समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी को पुन: न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत के कोर्ट में पेश किया। जहां पर हुई बहस के बाद तीनों आरोपियों को 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी दी गई। 10 नवम्बर को अब आगे की कारवाई पर सुनवाई होगी। तब तक जाँच की कार्रवाई और तेजी से की जायेगी। ईडी के अधिवक्ता बृजेश मिश्रा ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुये कहा कि बहुत सारे चेक मिले है, बहुत सारे मटेरियल मिले है, नगदी मिले है, पेपर्स मिले है, जो अपराध को इंगित करता है। हालाकि पत्रकारों द्वारा पूछे गये अन्य सवालों पर गोपनीयता बरती गई जिस पर उन्होंने कोई जबाब नहीं दिया।
एक और आईएएस से हुई पूछताछ, लॉकर को भी खंगाला
वही दूसरी ओर एक और आईएएस को ईडी कार्यालय लाया गया जहां पर उनसे पूछताछ हुई। ईडी के अधिकारियों ने खबर ना छापने की शर्त पर बताया कि यह कार्रवाई लंबी चलेगी। फिलहाल आरोपियों के बाहर आने के चांस बहुत कम हैं। आगे की जांच में और भी तथ्य सामने आ सकते हैं। एक आईएएस के लॉकर को भी खंगाला गया।
आईएएस समीर विश्नोई, लक्ष्मीकांत तिवारी के चेहरे पर दिखी मायूसी, सुनील अग्रवाल खिलखिलाते रहे
ईडी की कारवाई के बाद आईएएस समीर विश्नोई के चेहरे में मायूसी की झलक साफ दिखाई दी। वह खोये- खोये से रहे। पलभर के लिए ऐसा लग रहा था कि वह समझ नहीं पा रहे की यह क्या हो रहा। कोल कारोबारियों की नजदीकी ने उन्हें कहां से कहां पहुंचा दिया, एक आईएएस के रुतबा के बाद अब जेल का सफर। निश्चित ही किसी अफसर के लिए यह आत्ममंथन का विषय है। शायद इसी कारण से समीर विश्नोई खोये-खोये से रहे। वही दुसरी ओर उम्रदराज लक्ष्मीकांत तिवारी भी अपने चिर परिचितों से यह कहते नजर आए कि ऐसा पैसा किस काम का, इस उम्र में मै कहां फंस गया। ठीक इन दोनों आरोपियों के विपरीत कोल कारोबारी सुनील अग्रवाल खिलखिलाते नजर आये। जेल दाखिल होते वक्त भी उन्होंने परिजनों तथा दोस्तों को हाथ हिलाकर अभिवादन किया। साथ ही अपने साथ लगभग 20 किताबों का सेट लेकर जेल गये।

माँ अब तू ही बचा सकती है…

कोल स्कैम में बुरे फंसे आईएएस समीर विश्नोई जेल दाखिल होने से पहले केन्द्रीय जेल परिसर स्थित आदि शक्ति श्री चामुंडा देवी के सामने मत्था टेका, लगभग 5 मिनट तक मंदिर के बंद गेट के सामने मायूस होकर वह बैठे रहे। शायद समीर ने माँ से इस वक्त यही प्रार्थना की होगी कि माँ अब तू ही इस ईडी से बचा सकती है।

 

कोल कारोबारी सुनील अग्रवाल, आईएएस समीर विश्नोई के कंधे में हाथ रखकर जेल के दरवाज़ तक एक साथ गये, यह तस्वीर पत्रकारों के बीच चर्चा का विषय बनी, एक कोयला कारोबारी और एक आईएएस की इस तरह की नजदीकी की सार्वजनिक तस्वीर चर्चा का विषय बनना स्वाभाविक भी है।

कोई अधिकारी 24 घंटे से ज्यादा जेल में रहता है तो स्वत: निलंबित माना जाता है : चंदेल
छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार आईएएस समीर विश्नोई व अन्य के विरुद्ध राज्य शासन द्वारा निलंबन की कार्यवाही न किये जाने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विश्नोई को पहले 14 दिन की ईडी रिमांड और अब पुन: 14 दिन की जेल अभिरक्षा मिलने के बाद भी राज्य शासन द्वारा निलंबन आदेश जारी नहीं करना आखिर क्या प्रदर्शित कर रहा है? नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने भूपेश बघेल सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि शासन आखिर किस मजबूरी में इनका निलंबन नहीं कर पा रहा है?सरकार की इनसे क्या साठगांठ है? अधिकारियों के घर से नकद राशि बरामद हो गई, किलो के भाव में सोना मिल गया, तथ्यों के प्रकाश में मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत आरोपियों को जमानत नहीं दे रही है। इसके बावजूद भी इनका निलंबन नहीं होना यह साफ संकेत दे रहा है कि सरकार की इन आरोपियों से साठगांठ है। इन्हें और बाकी जिन से भी पूछताछ हुई है, सभी को तुरंत प्रभाव से निलंबित और पद मुक्त किया जाना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने भूपेश बघेल सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा है कि वैसे भी यह स्पष्ट नियम है कि शासन का कोई अधिकारी अगर 24 घंटे से ज्यादा जेल में रहता है तो वह स्वत: निलंबित माना जाता है। लेकिन कई दिन जेल में रहने के बाद भी सरकार ने निलंबन का आदेश जारी नहीं किया यह अपने आप में एक बड़ा आश्चर्य है।

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