हलचल… आम जनता को नवा रायपुर में सस्ती जमीन क्यों नहीं ?

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आम जनता को नवा रायपुर में सस्ती जमीन क्यों नहीं ?

भारतीय संविधान में सभी सरकारें लोक कल्याण को ध्यान में रखकर प्राथमिकता से काम करती हैं। पिछले चार सालों से छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार भी यह कार्य बखूबी करते आई है। 12 सितम्बर को सरकार ने नवा रायपुर में कमर्शियल हब बनाने के लिए 1083 एकड़ जमीन व्यापारियों को एलाट करने का ऐलान किया है। व्यापारिक हितों को देखते हुए यह अच्छा और सराहनीय निर्णय हो सकता है। खबरों के मुताबिक 540 रुपये प्रति वर्गफिट की दर से यहां पर कमर्शियल जमीनों का आवंटन व्यापारियों को किया जाएगा। खास बात यह है कि यह कमर्शियल हब आम जनता की जरुरतों और रोजगार को देखते हुए बनाया जाएगा। ठीक इसके विपरीत आम जनता को घर और छत बनाने के लिए राज्य सरकार (एनआरडीए) यहां पर मिनिमम दर 1550-1900 रुपये प्रति वर्गफिट की दर से आवासीय प्लाट बेच रही है। क्या सरकार इस निर्णय से आम जनता के साथ न्याय कर रही है? इस पर मंथन करने की आवाश्यकता है। कई गांवों को हटाकर नवा रायपुर बनाया गया, किसानों, गरीबों, मजदूरों की जमीनों को अधिग्रहित किया गया, तब जाकर नवा रायपुर बना। तो फिर व्यापारियों को 540 रुपये प्रतिवर्ग फुट में कामर्शियल जमीन, और आम जनता को छत के लिए 1550-1900 रुपये प्रतिवर्ग फुट में आवासीय जमीन क्यों? नवा रायपुर में आम जनता को सस्ती जमीन क्यों नहीं?

टिकट में टकराहट

मंत्री रविन्द्र चौबे सीएम भूपेश के दो रत्नों में से एक हैं। चौबे के बारे में कहा भी जाता है कि उन्हें राजा (सीएम) और साजा से खासा प्रेम है। हालांकि चौबे सभी राजाओं (मुख्यमंत्रियों) के प्रिय रहे हैं, चाहे वह दिवंगत नेता पूर्व सीएम अजीत जोगी हों या पूर्ववर्ती भाजपा सरकारें। भाजपा सरकार में भी रविन्द्र चौबे को अघोषित रुप से 13वें मंत्री के नाम से संबोधित किया जाता रहा है। रविन्द्र चौबे अपने विशेष गुणों के कारण पहले जोगी फिर भाजपा और अब सीएम भूपेश के खास बने हुए हैं। लेकिन चौबे और उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के बीच कई बार टकराहट सामने आ चुकी है। इस बार टिकट वितरण को लेकर टकराहट साफ दिख रही है। एक तरफ सीएम भूपेश के नजदीकी मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि 35 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम तय कर लिए गए हैं। बांकी सीटों पर मंथन किया जा रहा है। रविन्द्र चौबे ने यह भी कहा कि 40 सीटों पर नए चेहरे उतारे जा सकते हैं। चौबे की मानें तो 40 कांग्रेसी विधायकों की टिकट कटने जा रही है। वहीं उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने टिकट को लेकर कहा कि अभी सिर्फ 4 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम तय हुए हैं, बांकी पर मंथन चल रहा है। चौबे और सिंहदेव के बयानों से राज्य के कांग्रेसी नेता काफी आसमंजस की स्थिति में हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस में टिकट को लेकर बड़ी टकराहट दिख रही है।

दो साल से अधिक सजा वाली धारा के आरोपियों को टिकट नहीं

भारतीय जनता पार्टी 2 साल से अधिक सजा वाली धारा के अरोपियों को टिकट देने से परहेज कर सकती है। दरअसल में सांसद राहुल गांधी समेत देश में कई विधायकों की सदस्यता इसको लेकर खत्म की गई है। भाजपा इस मामले पर काफी गंभीर है। छत्तीसगढ़ में भी माना जा रहा है कि ऐसे उम्मदवारों से भाजपा दूरी बनाकर रखेगी।

मोदी को खूब भाए सिंहदेव

वैसे तो छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और पीएम मोदी में हमेशा ठनी रहती है। सीएम भूपेश राज्य की मांगों को लेकर औसतन हर माह 3 से 4 पत्र पीएम मोदी को लिखते हैं। और इसको लेकर लगातार आरोप -प्रत्यारोप भी लगाए जाते रहे हैं। लेकिन रायगढ़ पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी के साथ पहली बार मंच साझा कर रहे डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने मोदी की जमकर तरीफ की। सिंहदेव ने कहा की प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ को हमेशा मांगों से ज्यादा दिया है। सिंहदेव भी मोदी को भी खूब भाए, सिंहदेव का भाषण सुन पीएम मोदी ने भी हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया। टीएस सिंहदेव के इस भाषण को लेकर भाजपा अब चुनावी मैदान में कूद गई है। भाजपा राज्य की जनता को यह बताने की कोशिश कर रही है कि सीएम भूपेश केन्द्र सरकार के मामलों में छत्तीसगढ़ की जनता को गुमराह करते आए हैं। वहीं इस दौरान मंच में बैठे मोदी और सिंहदेव किसी विषय को लेकर बहुत ही गंभीर नजर आए। पीएम मोदी और सिंहदेव की यह तस्वीर सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बनी रही। तस्वीर देखकर यह कहा जा सकता है कि मोदी को सिंहदेव खूब भाए।

सटोरी की शाही शादी

सटोरी सौरभ चंन्द्राकर की शाही शादी में शहर ही नहीं अन्य राज्यों के नामी लोगों ने शिरकत की है। कहते हैं कि संयुक्त अरब अमीरात में हुई इस शादी में तकरीबन 200 करोड़ रुपये खर्च किए गए। महादेव सटटा एप में जब से ईडी की एन्ट्री हुई है तब से इसकी परतें खुल रही हैं। सटोरी चंन्द्राकर की शादी में बड़े -बड़े सेलिब्रिटी भी शामिल हुए थे। सिर्फ शादी में 200 करोड़ रुपये खर्च करने की बात सामने आई है। सटोरियों ने खास लोगों को नागपुर से दुबई ले जाने के लिए प्राइवेट जेट भी किराये से लिया था। आयोजन के लिए कई पार्टियों को हवाला के माध्यम से करोड़ों रुपये नगद दिए गए है। ईडी ने अब तक सटटा मामले में 417 करोड़ रुपये की सम्पत्तियों और कैश को भी सीज किया है। ईडी के इस खुलासे के बाद महादेव का प्रसाद लेने वालों की नींद उड़ गई है।

हांफती लीडरशिप

छत्तीसगढ़ में भाजपा की लीडरशिप हांफते नजर आ रही है। अमित शाह और मोदी के लाख प्रयासों के बाद भी भाजपा छत्तीसगढ़ में कुछ खास नहीं कर पा रही। राज्य में भले भी स्थानीय कांग्रेस विधायकों की नाराजगी के बदौलत विधानसभा चुनाव में टफ फाइट हो सकती है। लेकिन राज्य भाजपा के नेता पिछले 5 साल में कुछ खास नहीं कर पाये। इसके विपरीत 15 साल सत्ता से बाहर रही कांग्रेस विपक्ष में रहते हुए भाजपा के नाक में दम कर रखा था। भाजपा में दिग्गजों की फौज है उसके बाद भी लीडरशिप क्यों हांफ रही है? यह मंथन और चिन्तन का विषय है। राज्य में साहू वोटरों की बहुलता को देखते हुए सासंद अरुण साव को प्रदेश भाजपा की कमान सौंपी गई। लेकिन उनके नेतृत्व में भी आवास आन्दोलन के अलावा कोई अन्य आन्दोलन नहीं खड़ा हो सका। सैकड़ों मुद्दे होने के बाद भी राज्य भाजपा की लीडरशिप हांफते दिख रही है।

 

                                                                                                                               editor.pioneerraipur@gmail.com

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