हलचल… 25 से 30 विधायकों का टिकट कटना तय

राजा साहब का दिल बड़ा, पर राजनीति का अपना सिद्धान्त

वैसे तो टीएस सिंहदेव का दिल बहुत बड़ा है, देश में शायद ही कोई ऐसा मंत्री होगा जो जनता का काम न होने की वजह से अपने मंत्रालय से इस्तीफा दे दे, सिंहदेव ने अपने कार्यकाल में ये मिसाल भी छत्तीसगढ़ की जनता के सामने पेश की है। हाल ही में राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा टीएस सिंहदेव को केन्द्रीय चुनाव समिति का सदस्य बनाया गया है। चुनाव समिति के सदस्य बनते ही उनके विरोधियों की धड़कने बढ़ी हुई हैं। कहते हैं कि जब सिंहदेव के नाम का ऐलान हुआ तो उनके एक कट्टर विराधी उस दरम्यान दिल्ली में थे, वह गश खाकर गिर पड़े, पानी डालकर उन्हें उठाया गया। वहीं दूसरी ओर सिंहदेव ने अपने विरोधियों से कहा कि वे डरे नहीं, निराश न हों, हमारी जबाबदारी है कि हांथ में तराजू, आंख में पट्टी बंधी जैसी स्थिति होगी। लेकिन सवाल यह उठता है कि बाबा से विरोधी डरें कैसे ना? कुछ दिनों पहले सिंहदेव ने सरगुजा के एक मंच में सार्वजनिक रुप से कहा था कि कोई समझौता नहीं होगा। हांलाकि सिंहदेव ने इस दरम्यान किसी का नाम नहीं लिया। अब लोग कह रहे हैं कि राजा साहब का दिल बड़ा है, पर राजनीति के भी अपने कुछ वसूल होते हैं, सिद्धान्त होते हैं ।

संबंध निभाना बीजेपी से सीखें

संबंधों को कैसे निभाना है राजनीतिक दलों को बीजेपी से सीखना चाहिए। दरअसल में भाजपा ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ आरोप पत्र जारी किया। कई पन्नों के इस आरोप पत्र के कवर पेज में कई नाम और सरनेम उल्लेखित किए गए हैं। जिसमें प्रमुख रुप से ढांड, चौरसिया, ढेबर, भाटिया, समीर, शुक्ला, टूटेजा, हुसैन, माहेश्वरी। सिर्फ एक जगह कोई नाम और सरनेम का उल्लेख न करते हुए कोषाध्यक्ष (पद) उल्लेख किया गया है। भाजपा के इस आरोप पत्र को लेकर चारों ओर खुसर-फुसर हो रही है, लेकिन संबंध भी कोई चीज होती है। इसलिए अब लोग कह रहे हैं कि संबंध निभाना बीजेपी से सीखना चाहिए।

गुरु V/s गुरु

छत्तीसगढ़ में 2023 का चुनावी मुकाबला बेहद ही रोमांचक होने जा रहा है। इस चुनावी समर में हार और जीत भले ही जिसकी हो, लेकिन प्रत्येक सीट पर मुकाबला बेहद ही नजदीकी होने के आसार दिख रहे हैं। दरअसल में हाल ही में गुरु बाल दास को भाजपा प्रवेश कराया गया है। गुरु बालदास की एससी समाज में अच्छी खासी पैठ। यह माना जा रहा है कि गुरु बालदास इस शर्त के साथ भाजपा का दामन थामे हैं  कि उनके पुत्र खुशवंत साहेब को टिकट दी जाएगी। गुरु बालदास के भाजपा प्रवेश करते ही यह कयास लगाया जाने लगा है कि आरंग सीट से खुशवंत गुरु को भाजपा टिकट देगी। लेकिन संभवत: ऐसा नहीं होगा, पार्टी के आंतरिक सूत्रों की माने तो गुरु खुशवंत को टिकट तो दी जाएगी लेकिन चुनाव गुरु ङ्क/ह्य गुरु होगा। यानि की भाजपा गुरु खुशबंत साहेब को गुरु रुद्रकमुार के सामने मैदान में उतार सकती है।

 

दुर्ग सम्भाग में हालत पतली ?

2018 के विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस द्वारा दुर्ग सम्भाग को सबसे अधिक महत्व दिया गया। स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत ताम्रध्वज साहू, रविन्द्र चौबे, मोहम्मद अकबर, गुरु रुद्रकुमार, अनिला भेडिय़ा इस सम्भाग से मंत्री बने। लेकिन 5 साल बीतते- बीतते दुर्ग सम्भाग में कांग्रेस की जमीन दरकने लगी है। इस सम्भाग में कांग्रेस यदि प्रत्याशी बदलने का साहस नहीं दिखा पाई, तो शायद 23 का परिणाम 18 से एकदम भिन्न देखने को मिल सकता है। दरअसल में इसकी शुरुआत 2019 के लोकसभा चुनाव से हो चुकी है। 6 माह के अंतराल में हुए लोकसभा चुनाव में दुर्ग से भाजपा के विजय बघेल रिकार्ड मतों से चुनाव जीतकर सांसद बने। राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में भी भाजपा का परचम लहराया। विधानसभा चुनाव में अपार जनादेश के बाद भी कांग्रेस के तमाम दिग्गज मिलकर भी भाजपा की पकड़ को कमजोर नहीं कर पाए। सत्ता संघर्ष की लड़ाई के बीच कांग्रेस दुर्ग सम्भाग में संगठनिक लिहाज से काफी पीछे जा चुकी है।

वासरी मालिक और केन्द्रीय मंत्री का कनेक्शन ?

छत्तीसगढ़ में ईडी आईटी की टीम लगातार कोल स्कैम और मनी लांड्रिंग मामले में कार्रवाई कर रही है। कोल वासरी के एक संचालक सुनील अग्रवाल इस मामले में सलाखों के पीछे हैं। वहीं एक वासरी संचालक का केन्द्रीय मंत्री के प्रति प्रेम इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। कहते हैं कि 20 अप्रैल को मंत्री जी कोरबा और बिलासपुर आये तब यह वासरी संचालक उनके साथ रहा, उसके बाद 19 अक्टूबर को मंत्री जी फिर बिलासपुर आये तब भी वासरी संचालक उनके साथ परछाई की भांति घूमता रहा। अब केन्द्रीय मंत्री और वासरी संचालक के कनेक्शन की खोजबीन की जा रही है।

डहरिया और मनहरे

राजधानी रायपुर से लगी आरंग सीट कीे घेरेबंदी भाजपा आज से नहीं बल्कि चुनाव हारने के दिन से ही प्रारम्भ कर दिया था। भाजपा ने सबसे पहले आरंग क्षेत्र में खासी पकड़ रखने वाले वेदराम मनहरे को अपने पाले में कर लिया। बाद में गुरु बालदास को भी भाजपा प्रवेश करा लिया गया। ज्ञात हो वेदराम मनहरे ने भी भाजपा इसी शर्त में ज्वाइन की थी कि उन्हें आरंग विधानसभा क्षेत्र से टिकट दी जाएगी। इसलिए यह माना जा रहा है कि आरंग सीट पर मनहरे की दोवदारी जादा मजबूत है। वहीं पार्टी यदि आपसी सामंजस बैठाने में कामयाब होती है, तो गुरु बालदास के भाजपा प्रवेश से आरंग समेत अन्य सीटों पर इसका अच्छा खासा प्रभाव देखने को मिल सकता है। दरअसल में भाजपा ने एक तीर से दो निशाना साधा है। भाजपा यदि अपने रणनीति में कामयाब होती है, तो आरंग से डहरिया और मनहरे चुनावी मैदान में दो दो हाथ करते नजर आयेंगे।

25 से 30 विधायकों का टिकट कटना तय

राज्य में सत्ता वापसी के लिए कांग्रेस ने खराब परफार्मेंस वाले 25 से 30 विधायकों का टिकट काटने जा रही है। छानबीन समिति में इस पर मंथन किया जा चुका है। जल्द ही कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची जारी कर सकती है। खबरों के मुताबिक छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री रहे डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम डेंजर जोन में बताये जा रहे हैं। हालांकि उनके खराब परफॉर्मेंस के चलते उन्हें मंत्रीमंडल से भी बाहर कर दिया गया था। मनेन्द्रगढ़ विधायक विनय जयसवाल की टिकट कटने की सभांवना है। मनेन्द्रगढ़ सीट से विनय जयसवाल के साथ राजकुमार केशरवानी और प्रभा सिंह का नाम पैनल में रखा गया है। विनय जयसवाल की कार्यप्रणाली को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं, साथ ही सर्वे रिपोर्टों में भी उनकी स्थिति ठीक नहीं बताई जा रही है। रामानुजगंज विधायक बृहस्पिति सिंह भी डेंजर जोन में बताए जा रहे हैं। बृहस्पिति सिंह के सामने भाजपा ने पहले ही पूर्व मंत्री रामविचार नेताम का नाम घोषित कर दिया है। कांग्रेस की ओर से इस सीट पर बृहस्पिति सिंह के साथ ही डॉ अजय तिर्की का भी नाम शामिल है। संभव है जनता की नाराजगी और पार्टी संतुलन की दृष्टि से बृहस्पति सिंह को टिकट न देकर अजय तिर्की को टिकट दे दिया जाए। इसी तरह बैकुंठपुर सीट से वेदांती तिवारी का नाम पैनल में रखा गया है, वर्तमान में अंबिका सिंहदेव बैकुंठपुर की विधायक हैं। वहीं रायपुर उत्तर से विधायक कुलदीप जुनेजा पर भी पेंच फं स गया है। दरअसल में धमतरी सीट के पैनल में गुरुमुख सिंह होरा का सिंगल नाम बताया जा रहा है। ऐसी स्थिति में यदि गुरुमुख सिंह होरा को टिकट दी गई, तो कुलदीप जुनेजा की टिकट खतरे में पड़ सकती है।

editor.pioneerraipur@gmail.com

शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *