कर्नाटक में आया ज़ीका वायरस का पहला मामला, दिखें ये लक्षण तो हो जाएं अलर्ट

कर्नाटक के रायचुर ज़िले में ज़ीका वायरस के पहले मामले की पुष्टि की गई है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने जानकारी देकर बताया कि एक पांच साल की बच्ची सोमवार (12 दिसंबर) को इस घातक वायरस से संक्रमित पाई गई है। दक्षिणी राज्य में इस बीमारी का यह पहला मामला आया है। सरकार ने जनता को आश्वासन दिया है कि ज़ीका वायरस की ख़बर से घबराने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि सरकार इस बीमारी को रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रही है और साथ ही दिशा-निर्देश भी जारी करेगी।

ज़ीका वायरस एडीज़ मच्छर के काटने से होता है। WHO के मुताबिक, यह मच्छर ज़ीका के अलावा डेंगू, चिकंगुनिया और पीले बुखार का कारण भी बनते हैं। ज़ीका वायरस का निदान एक ब्लड टेस्ट की मदद से किया जाता है। ज़ीका वायरस का अभी तक कोई इलाज या वैक्सीन नहीं है।

Zika Virus: कैसे होते हैं ज़ीका वायरस के लक्षण?

बदन पर रैशेज़, बुखार, कंजेक्टिवाइटिस, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, सिर दर्द, बेचैनी इस बुखार के होने पर आम लक्षण के तौर पर दिखते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि मच्छर के काटने के 3 से 14 दिनों के अंदर ज़ीका वायरस रोग के लक्षण दिखने लगते हैं। यह लक्षण आमतौर पर 2 से 7 दिनों तक रहते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, ज़ीका वायरस से संक्रमित होने पर ज़्यादातर लोगों में लक्षण नज़र नहीं आते हैं।

अमेरिका के CDC के अनुसार, ज़ीका वायरस की कोई ख़ास दवा या वैक्सीन नहीं है। इसलिए अगर आपको इससे जुड़े लक्षण या संकेत महसूस हों, तो फौरन यह काम करें:

  • लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं ताकि जल्द से जल्द इलाज शुरू हो सके।
  • संक्रमण की पुष्टि होने पर दवाइयों के साथ ज़्यादा से ज़्यादा आराम करें।
  • शरीर में पानी की कमी न हो इसलिए खूब सारा फ्लूएड्स लें।
  • बुख़ार और दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर की सलाह से ही दवाई लें।
  • ब्लीडिंग के जोखिम से बचने के लिए जब तक यह साबित न हो जाए कि डेंगू नहीं है, तब तक एस्पिरिन और अन्य गैर-स्टेरायडल विरोधी भड़काऊ दवाएं (एनएसएआईडी) न लें।
  • अगर आप पहले से किसी बीमारी की दवाइयां ले रहे हैं, तो और दवाइयां लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर कर लें।
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