खेतों में पानी का स्तर बनाए रखें किसान : कृषि वैज्ञानिक

बेमेतरा। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को खरीफ फसलों का उत्पादन बढ़ाने तथा सिंचाई का उचित प्रबंधन करने के लिए सलाह जारी की है। इसके लिए जिले के किसान अपने खेतों में स्प्रिंकलर पाइप का प्रयोग कर सकते हैं। कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि जिन किसानों ने रोपाई-बियासी का दूसरा सप्ताह पूरा कर लिया है, वे 20 से 25 किलो यूरिया को 50 किलो वर्मी कम्पोस्ट के साथ मिलाकर प्रति एकड़ 50 किलो की दर से छिड़काव कर सकते हैं।

कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि किसान अपने खेतों में पांच सेंटीमीटर पानी का स्तर बनाये रखें। फसलों में कीट एवं रोग का प्रकोप होने पर स्थानीय कृषि अधिकारियों एवं कृषि मित्रों की सलाह के अनुसार उचित दवाइयों का प्रयोग करें। कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि दलहन-तिलहन फसलों को अनावश्यक खरपतवारों से बचाने के लिए खेतों की समय-समय पर निंदाई, गुड़ाई जरूरी है। किसान इस समय कुल्थी एवं रामतिल की बुआई के लिए अपनी भूमि को तैयार कर सकते हैं। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा जारी मौसम आधारित सलाह के अनुसार बोता विधि से धान की बुआई करने वाले किसान बुआई के 20-25 दिन बाद खेतों में बियासी का कार्य कर सकते हैं। वैज्ञानिकों ने बताया कि इन धान के खेतों में पानी इकट्ठा नहीं हो पा रहा है वहां हाथ से निंदाई कर नाईट्रोजन खाद का प्रयोग करें। इसी प्रकार रोपा विधि से धान की बुआई करने वाले किसान इस समय रोपाई का कार्य पूरा कर लें। किसान एक स्थान पर चार से पांच पौधों की रोपाई कर दस प्रतिशत से अधिक उर्वरक का प्रयोग करें।

शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *