संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी 18 से अनिश्चितक़ालीन हड़ताल पर

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शिवराज सरकार ने 5 साल बीत जाने के बाद भी नहीं दिया 90 प्रतिशत वेतनमान, आक्रोशित कर्मचारीं अब सड़क पर

भोपाल। मध्यप्रदेश के 32000 संविदा स्वाथ्य कर्मचारी 18 अप्रैल से एक बार फिर अनिश्चितक़ालीन हड़ताल में जाने का फ़ैसला लिया है । मध्यप्रदेश के एनएचएम के अंतर्गत कार्यरत 32000 से अधिक संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने शिवराज सरकार के वादाख़िलाफ़ी पर अब सड़क का रुख़ अख़्तियार करने जा रहा है । दरअसल में कर्मचारियों का आरोप है की शिवराज सरकार सिफऱ् घोषणाएँ करती है , उसे पूरा नहीं किया जाता । मामला संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समकक्ष 90 प्रतिशत वेतनमान का है जिसको लेकर शिवराज सरकार प्रदेश की जनता के सामने लबरा साबित हो चुकी है । 5 साल से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने एनएचएम में कार्यरत संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं दिया जिसको लेकर कर्मचारी लामबंद हो रहे हैं।5 जून 2018 को शिवराज सरकार ने संविदा में कार्यरत सभी कर्मचारियो को नियमित कर्मचरियो के भाँति सभी सुविधाएँ देते हुए नियमित पदो के समकक्ष 90 प्रतिशत वेतन देने की नीति बनाई, इस नीति का प्रलोभन देकर राज्य के लाखों संविदा कर्मचारीं तथा उनके परिवार का वोट कबाड़ लिया । वोट लेने के बाद आजतक संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी दर – दर भटक रहे । शिवराज सरकार उन्हें 90 प्रतिशत वेतन का लाभ नहीं दे रही ॥ अब चुनावी साल में यह लबरापन शिवराज सरकार की गले की फाँस बन गई है और लाखों कर्मचारियो ने विद्रोह कर दिया है । जो चुनाव में सरकार के पतन का कारण बन सकता है।

कोरोनाकाल में फूल बरसाये अब संविदा कर्मचारी दर दर भटक रहे – कमलनाथ

पूर्व सीएम कमलनाथ ने शिवराज सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि शिवराज सरकार लबरी है यह सरकार सिर्फ वोट कि राजनीति करती है, 5 साल में संविदा कर्मचारियों को उनका हक नहीं दिया गया। वोट के झूठी नीति बनाई। ख़ुद की बनाई संविदा नीति का पालन नहीं कर सकी येसी सरकार को संविदा कर्मचारी चुनाव में सबक़ सिखायेंगे। कमलनाथ ने कहा जनता जान चुकी है यह लबरी सरकार है।

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