चिकित्सक को धरती पर भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है, जो मरीजों को नई जिंदगी प्रदान करते है। आगरा में ‘धरती के भगवान’ ने नवजात को भी नया जीवन दिया है। दरअसल, एत्मादपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात महिला चिकित्सक ने प्रसव के उपरांत नवजात की सांस न चलने पर अपने मुंह से सांस दी और उसको मौत के मुँह से बाहर निकला। यह मामला 1 मार्च का है। महिला चिकित्सक द्वारा अपने मुंह से नवजात को सांस देने का वीडियो सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसे देखकर हर कोई महिला चिकित्सक की भी सरहाना की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक एत्मादपुर के गांव बुर्ज गंगी निवासी खुशबू को प्रसव के लिए एक मार्च को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एडमिट किया गया था। सामान्य प्रसव से खुशबू ने बेटी को जन्म दिया। जन्म के कुछ देर बाद नवजात बच्ची की अचानक तबीयत ख़राब होने लगी। अस्पताल की डॉक्टर सुरेखा ने जांच की तो नवजात को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इस पर बच्ची को ऑक्सीजन लगाई, लेकिन कोई बात नहीं बनी। जिसके उपरांत डॉक्टर सुरेखा ने नवजात बच्ची को अपने मुंह से सांस देना शुरू किया। प्रसव के बाद नवजात की सफाई भी ठीक से नहीं हो पाई थी। उसके पूरे शरीर पर खून लगा था।
इन सब की परवाह किए बिना डॉक्टर सुरेखा नवजात की जिंदगी बचाने की जद्दोजहद में लग गई। वह तकरीबन 7 मिनट तक उसे सांस देती रहीं। आखिरकार उनकी कोशिश रंग लाई। नवजात की हालत में सुधार हुआ, जिसके बाद सब ने राहत की सांस भरी। डॉक्टर सुरेखा जिस वक़्त बच्ची की जान बचाने के लिए उसे मुंह से सांस दे रही थीं। वहां मौजूद स्टाफ ने उनका वीडियो बनाने में लगा हुआ था। जिसे देखकर हर कोई महिला चिकित्सक की सराहना कर रहा है।