“लोन वर्राटू” अभियान से प्रभावित होकर 03 माओवादियों ने पुलिस अधीक्षक दन्तेवाड़ा के समक्ष किया आत्मसमर्पण

जिले में चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत् जिला दंतेवाड़ा के विभिन्न ग्रामों के व्यक्ति जो प्रतिबंधित नक्सली संगठन में सक्रिय है उन्हें आत्मसमर्पण कर सम्मान पूर्वक जीवन यापन करने के लिए थाना / कैम्पों एवं ग्राम पंचायतों में संबंधित क्षेत्र के सक्रिय माओवादियों के नाम चस्पा कर लोन वर्राटू ( घर वापस आईये) अभियान चलाया जा रहा है एवं पुलिस अधीक्षक दन्तेवाड़ा सिद्धार्थ तिवारी के द्वारा नक्सली संगठन में सक्रिय माओवादियों से आत्मसमर्पण कर सम्मान पूर्वक जीवन यापन करने के लिए लगातार आह्वान कर अपील किये जाने पर आज दिनांक 14 मार्च को मलांगेर एरिया कमेटी के जबेली पंचायत अन्तर्गत कार्यरत माओवादी जबेली पंचायत मिलिशिया सदस्य बामन राम मण्डावी उर्फ तिरी उर्फ मल्ला पिता जोगा मण्डावी उम्र लगभग 39 वर्ष जाति माड़िया निवासी जबेली स्कूलपारा थाना अरनपुर जबेली पंचायत सीएनएम सदस्या जोगी कलमूमी पति देवा मण्डावी उम्र लगभग 19 वर्ष जाति माड़िया निवासी जबेली पटेलपारा थाना अरनपुर एवं जबेली पंचायत सीएनएम सदस्या भीमे कुंजाम पति मंगडू मण्डावी उम्र लगभग 25 वर्ष निवासी जबेली स्कूलपारा थाना अरनपुर जिला दन्तेवाड़ा ने माओवादी संगठन के खोखली विचारधारा से तंग आकर लोन वर्राटू ( घर वापस आईये अभियान ) एवं छत्तीसगढ़ शासन के पुनर्वास योजना से प्रभावित होकर समाज के मुख्यधारा से जुड़कर विकास में सहयोग करने की इच्छा व्यक्त करते हुए विनय कुमार सिंह उप पुलिस महानिरीक्षक सीआरपीएफ,सिद्धार्थ तिवारी पुलिस अधीक्षक दन्तेवाड़ा,अम्ब्रेश कुमार कमाडेण्ट 111 वीं वाहिनी सीआरपीएफ,धमेन्द्र कुमार झा कमाडेण्ट 165 वीं वाहिनी सीआरपीएफ,राजेन्द्र जायसवाल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दन्तेवाड़ा,कमलजीत पाटले पुलिस अनुविभागीय अधिकारी कुआकोण्डा,अमित सिंह सहायक कमाडेण्ट 111 वीं वाहिनी “डी” कम्पनी सीआरपीएफ,आर०आर० मिश्रा सहायक कमाडेण्ट 111 वीं वाहिनी “एफ” कम्पनी सीआरपीएफ, शिशपाल सहायक कमाडेण्ट 165 वीं वाहिनी “जी“ कम्पनी सीआरपीएफ, निरीक्षक एम मूर्ति 111 वीं वाहिनी सीआरपीएफ एवं सुनील जैन प्रभारी अरनपुर के समक्ष थाना अरनपुर में आत्मसमर्पण किया आत्मसमर्पण कराने में विशेष आसूचना शाखा जिला दन्तेवाड़ा का विशेष योगदान रहा।

   

लोन वर्राटू अभियान के तहत् अब तक 128 ईनामी माओवादी सहित कुल 529 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर समाज के मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं।

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