श्री राघव मन्दिर किरंदुल में पूर्ण श्रद्धा एवं भक्ति भाव के साथ शारदीय नवरात्रि पर्व मनाया जा रहा है। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि अर्थात नवरात्रि के तीसरे दिन माता रानी के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा का पूजन किया जाता है। देवी चंद्रघंटा के सिर पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र नजर आता है। इसलिए भक्त उन्हें चंद्रघंटा कहकर बुलाते हैं। देवी चंद्रघंटा का वाहन सिंह होता है। मां की 10 भुजाएं, 3 आंखें, 8 हाथों में खड्ग, बाण आदि अस्त्र-शस्त्र हैं। इसके अलावा देवी मां अपने दो हाथों से अपने भक्तों को आशीष देती हैं।