VIDEO: गुंडरदेही में साम्प्रदायिकता की आड़ में की जा रही राजनीति करने की कोशिश, धार्मिक भावना से किया जा रहा खिलवाड़- कुंवर सिंह निषाद

बालोद। गुंडरदेही नगर के चंडी मंदिर में 100 साल पुरानी मुस्लिम धर्म सैय्यद की लगी चादर मामले में सोशल मीडिया में बेवजह विवाद पैदा करने की स्तिथि में पोस्ट वायरल और कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा बेवजह इसे मुद्दा बनाये जाने के मामले में स्थानीय विधायक एवं संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद ने कहा है कि गुंडरदेही में जिस हिसाब से साम्प्रदायिकता की आड़ में राजनीति करने की कोशिश कर रहे है। ये उचित नही हैं। ये हमारी आस्था का केंद्र हैं औऱ माँ चंडी का मंदिर सैकड़ो साल पुराना मंदिर हैं। जहां धार्मिक भावना, साम्प्रदायिकता, मैं समझता हूँ, की जिस हिसाब से लोग एक होकर चलते हैं। और उस चंडी मंदिर में हिन्दू-मुसलमान दोनों की आस्था हैं।

कुछ लोग साम्प्रदायिकता की आड़ में धार्मिक भावना से कर रहे हैं खिलवाड़-
कुँवर सिंह निषाद ने आगे कहा कि ये जमीदारी प्रथा के समय से मुसलमानो का जो पवित्र झंडा है, जिसमे 786 लिखा है। जो आज भी लगा हुआ है। जमीदार परिवार जब कोई इसका विरोध नही कर पा रहे है। स्वंय इनके वंशज राजेन्द्र राय ने व्यक्तत्व दिया है, की उनके दादा लोगों ने इन परम्परा की शुरुआत की हैं। आज उसी मंदिर से बाबा सैय्यद का मजार में उर्स होता है, तो सबसे पहले चादर मंदिर से जाता हैं। और उसी मजार से जब हिन्दू धर्म के लोग शादी ब्याह करते है, तो वहां से मिट्टी जाती हैं, तब चून माटी होता हैं और उसी शीतला से जब किसी भी मुसलमान के परिवार में माता (चिकन पॉक्स) आती है, तो उसी माता की मिट्टी को लगाते हैं। हम आस्था के साथ शरीर में लगाते हैं। ये धार्मिक भावना को जिस तरह से भड़काने का प्रयास किया जा रहा है, मैं समझता हूं, ये उचित नही हैं। 15 साल भाजपा की सरकार थी, तब क्यो किसी को याद नही रहा। लेकिन आज 4 साल कांग्रेस की सरकार बीत जाने के बाद, आज पांचवे चुनावी साल में इस बात उछाला जा रहा है। लगातार कुछ लोग साम्प्रदायिकता की आड़ में धार्मिक भावना से खिलवाड़ कर रहे हैं। ये उचित नही है और जो भी इसे राजनीति रंग देना चाहेगा तो गुंडरदेही क्षेत्र की जनता उन्हें माकूल जवाब देगी। इसके लिए हम सब तैयार हैं।

सौ सा पुराना मंदिर, लोगो की आस्था से जुड़ा-
उल्लेखनीय हो कि जिले के गुंडरदेही नगर के बाजार चौक में स्थित चंडी मंदिर जो भाईचारे और कौमी एकता का प्रतीक बना हुआ है। इस मंदिर में माता की मूर्ति के साथ साथ मुस्लिम धर्म सैय्यद बाबा का चादर भी लगी हुई हैं। जिसको लेकर के यहां के लोगों में भाईचारा और एकता स्पष्ट नजर आता है। बताया जाता है कि गुंडरदेही नगर के राम सागर तालाब से निकली हुई माता चंडी की मूर्ति के साथ-साथ सैय्यद बाबा का यह चादर भी मिला था। 100 वर्षों से अधिक पहले जब यह मिला तब से यह यहां स्थापित है। यहां के राजा स्वर्गीय निहाल सिंह के पूर्वज इसे स्थापित किए थे और तब से यहां लोग माता की पूजा भी करते हैं और इस चादर पर शीश नवाते हैं। लेकिन कुछ दिनों पहले कुछ असामाजिक तत्वों ने इस मुस्लिम धर्म के चादर को लेकर गलत तरीके से सोशल मीडिया में गलत जानकारी ट्रोल कर भ्रम फैलाया था। जिसके बाद में यहां के लोगों में काफी आक्रोश हैं। वही अज्ञात असमाजिक तत्व पर कार्यवाही के किये मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने गुंडरदेही पुलिस को ज्ञापन भी सौपा हैं।

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