पार्किसन रोग का इलाज अब राजधानी रायपुर में भी, छतराम को अब नहीं लगाना पड़ेगा महानगरों के चक्कर

कोरबा निवासी छतराम कुर्रे पार्किसन नामक रोग से ग्रसित हैं। 64 वर्षीय छतराम पिछले 10-12 सालों से इस बीमारी से जूझ रहे हैं। गुरुवार को छतराम कुर्रे को राजधानी रायपुर स्थित श्रीबालाजी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। जहां पर नामी डॉक्टर कमलाकांत भोई के द्वारा इलाज किया जा रहा है। पार्किसन रोग का इलाज छत्तीसगढ में शायद यह दूसरी बार किया जा रहा है। इस रोग से ग्रसित मरीजों को अक्सर बडे- बडे महानगरों के चक्कर लगाने पडते थे, अब श्रीबालाजी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में इस रोग के इलाज से निश्चित ही राहत की खबर है। इस बीमारी का इलाज टेबलेट के माध्यम, डीबीएस द्वारा तथा Apomorphine Pump  के द्वारा किया जाता है। डीबीएस के माध्यम से इलाज में तकरीबन 10 से 16 लाख का खर्च आता है, जो की काफी कास्टली पडता है। श्रीबालाजी हॉस्पिटल में छतराम का इलाज Apomorphine Pump के माध्यम से किया जा रहा है।

चिकित्सकों द्वारा बताया गया कि पम्प में लगने वाले एक इंजैक्शन की कीमत तकरीबन 700 रुपयें होती है। बीमारी ग्रसित छतराम साहू का शरीर हमेशा कांपते रहता है। दवाई का असर कुछ देर ही रहता है इसलिए चिकित्सकों द्वारा पम्प लगाया गया है।

क्या है पार्किसन
पार्किसन रोग गति सम्बधी एक रोग है जिसके बारे में अनुमान किया जाता है कि यह दुनिया भर में करीब 63 लाख लोगों में हो सकता है। यह रोग मस्तिष्क के एक हिस्से में पाई जाने वाली कोषिकाओं के मृत्यु के कारण होता है, जिसमें डौपामान नामक एक रसायन पाया जाता है। बिना पर्याप्त डौपामाइन के पेषियों को नियंत्रित करने वाली मस्तिष्क की तंत्रिकाएं ठीक से काम नहीं करती।

इस रोग के लक्षण
1. इस रोग से ग्रसित मरीज में एक अनियंत्रित कंपन, विशेषकर हाथों और पैरों में जादा होती है। प्राय: दिखने वाला प्रथम लक्षण है अंगूठों और तर्जनी की आगे- पीछे होने वाली लयबद्ध गति, जिसे पिल रोलिंग भी कहते हैं। इस रोग से ग्रसित मरीज को दैनिक कार्य जैसे बटन टांकना या हजामत करोना कठिन हो जाता है।
2. चलना फि रना धीमा और कष्टदायी हो जाता है।
3. हाथ ,भुजा दोलना तथा चेहरे के हाव -भव में कमी हो जाना।
4. कठोर मांसपेशियों की असामान्य अकडन
5. संतुलन तथा समन्वय में कमी, जिससे गिरने का खतरा रहता है।

पेसेंट विगत 10- 12 वर्षो से इस बीमारी से ग्रसित है, बीमारी की वजह से पूरे शरीर मे कंपकपाहट रहती है, गुरुवार को हॉस्पिटल मे दाखिल किया गया है। हमारा प्रयास है, की पेसेंट को जल्दी से जल्दी राहत मिले । पेसेंट का इलाज Apomorphine Pump के माध्यम से किया जा रहा है।
डॉ. कमला कान्त भोई
एम. डी (मेडिसिन), डी. एम. ( न्यूरोलॉजी, कोलकाता)

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