कर्मचारियों के चेंबर में पहुंची कलेक्टर नूपुर- कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना ने किया जिला कार्यालय का औचक निरीक्षण, जिले में शासन की योजनाओं से महिला समूह को मिल रहा समुचित लाभ

सक्ति– कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना ने मंगलवार को जिला कार्यालय सक्ती में संचालित विभिन्न शाखाओं का औचक निरीक्षण किया। जहां उन्होंने सभाकक्ष, जनसंपर्क विभाग, निर्वाचन शाखा, आदिवासी विकास विभाग, अधीक्षक शाखा, स्थापना शाखा, नाजिर शाखा, अपर कलेक्टर न्यायालय, स्टेनो कक्ष, भू अभिलेख शाखा का औचक निरीक्षण किया गया तथा समस्त कर्मचारियों को शासन के निर्देशानुसार निर्धारित समय अवधि में कार्यालय में उपस्थित रह कार्य संपादित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अधिकारी कर्मचारी को कार्यालय का साफ-सफाई रखने, टेबल कुर्सी एवं अभिलेखों को व्यवस्थित रखने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों से विभागीय दायित्वों का निर्वहन किये जाने का निर्देशित किया गया। निरीक्षण के दौरान डिप्टी कलेक्टर रूपेंद्र पटेल, तहसीलदार सुशीला साहू, सहायक कोषालय अधिकारी राकेश चौधरी, जिला नाजिर यशवंत चौधरी सहित अन्य विभागीय अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे

ग्राम तलवा, छीतापंडरिया गौठान में ग्रामीणों और स्व-सहायता समूह की महिलाओं को आय अर्जन के साथ ही स्वरोजगार का मिल रहा बेहतर प्लेटफार्म

सक्ति-छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरुवा अऊ बाड़ी योजना के तहत गौठान निर्माण से ग्रामीण क्षेत्रों के आम नागरिकों सहित स्व सहायता समूह की महिलाओं को लाभ मिल रहा है। इसी क्रम में नवगठित सक्ती जिले के जनपद पंचायत जैजैपुर अन्तर्गत आने वाले ग्राम तलवा, छीतापंडरिया में तीन एकड़ क्षेत्र में फैले गौठान में मुर्गी पालन, मछली पालन, सब्जी उत्पादन एवं वर्मी खाद उत्पादन कर महिला स्व-सहायता समूहों के आय में वृद्धि हो रही है और वे आत्मनिर्भर बन रही हैं। ग्राम तलवा, छीतापंडरिया के गौठान में महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य शारदा यादव एवं हीरा बाई सहित अन्य को विभिन्न प्रकार से आय अर्जन एवं स्वरोजगार का बेहतर प्लेटफार्म मिला है। इस स्वरोजगार से समूह के आय में वृद्धि हुई और किसानों को रसायन मुक्त जैविक खाद के उपयोग का बढ़ावा मिला, जिससे जैविक खेती की ओर अग्रसर हो रहें है

छीतापंडरिया गौठान में अमरिका बाई ने गोबर विक्रय कर 41 हजार रूपए से अधिक का किया आय प्राप्त

इस गौठन के मध्यम से सबसे अधिक गोबर विक्रेता अमरीका बाई के द्वारा 20 हजार 6 सौ 13 किलोग्राम गोबर विक्रय किया गया है। जिसके द्वारा उन्हें 41 हजार 2 सौ 26 रूपये का आय प्राप्त हुआ। यह उनके अकेले की आय है। उनके इस आमदानी को देखते हुये उनकी सहेली श्रीमती लक्ष्मी बाई शुक्ल ने भी गोबर 12 हजार 6 सौ 23 किलोग्राम विक्रय किया। जिससे उन्हें 25 हजार 2 सौ 46 रुपए का आय प्राप्त हुआ। इसी प्रकार संतोष यादव ने भी गोबर विक्रय 10 हजार 3 सौ 88 किलोग्राम किया। जिससे उन्हें 20 हजार 7 सौ 78 रुपए का आय प्राप्त हुआ। सभी ग्रामीणजन सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना से बहुत ही खुश हैं। उन्होंने शासन को गोधन न्याय योजना संचालित करने के लिए धन्यवाद दिया,जनपद पंचायत जैजैपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार नवदुर्गा स्व सहायता समूह को ग्राम तलवा में पंचायत द्वारा राम सागर तालाब में मछली पालन कराए जाने के लिए समूह का गठन 20 मई 2018 को किया गया। समूह में कुल 10 सदस्य है। सभी सदस्य सम्मिलित होकर विविध आजीविका मूलक गतिविधि के तहत सब्जी उत्पादन व मछली पालन का कार्य कर आय अर्जित कर रहे है। गौठान में सब्जी और मुर्गी पालन का कार्य भी कर रहे है। गौठान में जुड़ने से उन्हे आजिविका गतिविधि का अवसर मिला। जिसमें प्रारंभिक निवेश 10 हजार से 84 हजार रुपए आय प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया की उनके समूह का वार्षिक आय 2 लाख 50 हजार रू हो जाता है। इसी प्रकार जय माँ सरस्वती महिला समूह में 10 सदस्य कार्यरत है। जिनको गौठान में जुड़ने से चारागाह, डबरी में मछली पालन एवं सब्जी उत्पादन का अवसर मिला। जिसमें प्रारंभिक निवेश 17 हजार रूपये है। समूह का उक्त आजीविका गतिविधि से अब तक प्रारंभिक तौर पर 1 लाख 5 हजार रूपये आय अर्जन किया

आजीविका गतिविधियों से जुड़कर समूह की महिलाओं ने बुना सफलता का ताना-बाना,मालखरौदा विकासखंड के ग्राम पंचायत चरौदा गौठान में कर रही सब्जी बाड़ी, मुर्गी पालन, मछली पालन, वर्मी कंपोस्ट का कार्य

सक्ति-आजीविका गतिविधियों से जुड़कर स्व सहायता समूह की महिलाओं ने सफलता का ताना-बाना बुनना शुरू कर दिया है। विकास के इस रास्ते में उनका सहारा छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरूवा अऊ बाड़ी के तहत मालखरौदा विकासखंड की ग्राम पंचायत चरौदा में बनाई गई गौठान बनी है, जिसमें सब्जी बाड़ी, मुर्गी पालन, मछली पालन, वर्मी कंपोस्ट, मशरूम आदि गतिविधियां संचालित कर आगे बढ़ रही हैं,चरौदा गौठान में समूह की महिलाएं वर्मी कंपोस्ट निर्माण करने तक सीमित नहीं है बल्कि वह आजीविका गतिविधियों से जोड़कर अपने आप को सक्षम बनाकर और आर्थिक रूप से मजबूत होकर कार्य कर रही है। गौठान से सती स्व सहायता समूह की महिलाएं जुड़ी और सब्जी बाड़ी का कार्य शुरू किया। समूह की अध्यक्ष गंगा बाई रत्नाकर ने बताया कि शुरुआती मेहनत के साथ एनआरएलएम से मिली सहायता राशि से सब्जी बाड़ी में पैसा लगाया और उत्पादन शुरू किया। चारागाह के क्षेत्र में भिंडी, टमाटर, आलू, पत्ता गोभी, धनिया, चना, प्याज, मक्का, भाटा, बरबट्टी एवं भाजी सहित कई प्रकार की सब्जियां लगाई। इस कार्य में 56 हजार 230 का खर्च आया। समूह की कड़ी मेहनत का नतीजा यह रहा कि सब्जियों के उत्पादन से उन्हें 2 लाख 25 हजार 650 की आय अर्जित हुई। समूह यही नहीं थमा उसने सब्जी बाड़ी के साथ मुर्गी पालन का कार्य भी हिम्मत और लगन के साथ शुरू किया। गौठान में मिली जगह का सही उपयोग करते हुए प्रारंभ में समूह ने 500 चूजा का पालन किया, धीरे-धीरे बढ़ते हुए 2500 चुजा का पालन शुरू हो गया। समूह की महिलाओं ने अच्छे से पालन करते हुए जब चुजे मुर्गी के आकार के हो गए तो उन्हे बाजार में बेचकर 2 लाख 82 हजार रुपए प्राप्त हुए जिसमें से चूज़े पर व्यय राशि को काटकर समूह को 1 लाख 82 हजार का फायदा हुआ। इस समूह ने आगे की योजना बनाई और मछली पालन करने का फैसला किया। इस कार्य में समूह द्वारा 50 हजार की लागत लगाई और प्रतिवर्ष मछली बेचकर समूह ने अब तक 2 लाख का लाभ अर्जित किया,जय मां लक्ष्मी समूह द्वारा वर्मी कंपोस्ट का कार्य किया जा रहा है। समूह की अध्यक्ष श्रीमती कविता साहू ने बताया कि गांव में ही समूह की महिलाओं को रोजगार मिल रहा है, जिससे किसी को भी बाहर जाकर काम नही करना पड़ रहा है। समूह ने गोधन न्याय योजना से गौठान जुड़ने के बाद से लगभग 8 सौ नवासी क्विंटल की खरीदी की। जिसे समूह ने वर्मी कंपोस्ट टैंक में डालकर लगभग 3 सौ सात क्विंटल जैविक खाद तैयार किया। खाद को 2 लाख 60 हजार 7 सौ में विक्रय किया गया जिससे समूह को 1 लाख 2 हजार 194 लाभांश प्राप्त हुआ। जल्द ही इस समूह द्वारा मशरूम उत्पादन का कार्य भी शुरू किया जाना है। जिसका महिलाओं द्वारा प्रशिक्षण लिया गया है

जेठा गौठान में स्व सहायता समूह की दीदीयों द्वारा की जा रही विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियां,रीपा योजना अंतर्गत मारुती स्व सहायता समूह द्वारा रेस्टोरेंट एंड कैफे का किया जा रहा संचालन,शारदा स्व सहायता समूह वर्मी कंपोस्ट निर्माण कर तीन लाख रूपए से अधिक की कर चुकी है कमाई

सक्ती- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश के गौठानों में विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियों के संचालन के साथ ही रीपा योजना से क्षेत्र के युवाओं ग्रामीणों और महिलाओं सभी को रोजगार मिल रहा है और ग्रामीणजन लाभान्वित हो रहे हैं। नवगठित सक्ती जिले का जेठा गौठान जो लगभग 7 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। इस गौठान में मुर्गी शेड, बकरी शेड, पशु शेड, वर्मी टैंक, नाबेड टैंक और अंजोला टैंक बना हुआ है। इसके साथ ही इस गौठान के माध्यम से रीपा योजना अंतर्गत नेशनल हाईवे 49 पर रेस्टोरेंट एंड कैफे का संचालन मारुति स्व सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है। इसके साथ ही इस गौठान में शारदा स्व सहायता समूह द्वारा वर्मी कंपोस्ट निर्माण का कार्य कर अब तक 3 सौ 83 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का निर्माण करते हुए 3 लाख 83 हजार रूपए की कमाई समूह द्वारा किया जा चुका है। इसके साथ ही शारदा स्व सहायता समूह द्वारा गौठान में हाइब्रिड प्रजाति के 250 अमरूद का पौधा भी लगाया गया है जो भविष्य में बहुत ही लाभदायक होगा। जेठा गोठान में विभिन्न स्व सहायता समूह की दीदीयों द्वारा आजीविका मूलक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। जिससे उन्हें रोजगार और आय प्राप्त हो रहा है और उनके आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है
, जनपद पंचायत सक्ती के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से प्राप्त जानकारी अनुसार गौठान में विभिन्न स्व सहायता समूह पूरे लगन और ईमानदारी से कार्य करते हुए अपने आय के स्त्रोत में वृद्धि कर रही हैं। उन्होंने बताया की गौठान में संचालित मुर्गी शेड में अंजली स्व सहायता समूह द्वारा सोनाली प्रजाति का मुर्गी पालन किया जा रहा है। जिससे उन्होंने 1 लाख 18 हजार रूपए का लाभ प्राप्त किया। इसी प्रकार दूसरे मुर्गी शेड में जय मां अम्बे स्व सहायता समूह द्वारा बायलर मुर्गी का पालन किया जा रहा हैं। जिससे उन्होंने 1 लाख 50 हजार रूपए का लाभ प्राप्त किया। गौठान के डबरी में ही भवानी स्व सहायता समूह द्वारा मछली पालन का कार्य किया जा रहा है। जिससे एक बार में उन्हें चालीस हजार रूपए का आय अर्जन हो रहा है। इसी प्रकार बकरी शेड में चांद स्व सहायता समूह द्वारा बकरी पालन का कार्य किया जा रहा है। इन विभिन्न आजिविका गतिविधियों के माध्यम से स्व सहायता समूह आय अर्जन कर लाभान्वित हो रहे हैं। इसके साथ ही जेठा गौठान में सौदर्यीकरण का कार्य करते हुए गौठान को मनमोहक और आकर्षक स्वरूप दिया गया है। गौठान के अंदर रास्ते के चारो तरफ पौधरोपण का कार्य किया गया है। रास्ते के मध्य में बांस पुल का निर्माण इसके प्राकृतिक महत्व को बढ़ा रहा है। इसके साथ ही गौठान के एक कोने में कबाड़ से जुगाड़ तर्ज पर मशरूम के मॉडल बने हुए है जो गौठान की खुबसुरती को दोगुना कर रहें है। इसके साथ ही गौठान में प्राकृतिक झोपड़ी, तुलसी का पौधा और पशुओं का बाड़ा है जिसमें पैरा, चारा, पानी एवं बैठने के लिए चबूतरे की व्यवस्था भी की गई है। इसके अलावा जेठा गौठान में महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना के तहत स्व सहायता समूहो के माध्यम से रेडीमेड गारमेन्ट के संचालन की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है। यह मनमोहक गौठान आसपास के क्षेत्र के लोगों के लिए आजीविका का एक बेहतर केंद्र बना हुआ है। जिससे ग्रामीणजन लाभान्वित हो रहे है।

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