डराने लगी अप्रैल की आहट, इंदौर में पिछले साल मिले थे 40 हजार से ज्यादा संक्रमित

अप्रैल अब सिर्फ एक सप्ताह दूर है। पिछले साल के अप्रैल को याद कर इंदौरवासी अब भी सहर जाते हैं। 2021 का अप्रैल ऐसे जख्म देकर गया है जिन्हें इंदौरी कभी याद नहीं करना चाहेंगे। कोरोना की दूसरी लहर ने पिछले अप्रैल में जमकर कहर बरपाया था। शहर में 40 हजार से ज्यादा संक्रमित मिले थे। डेढ़ सौ से ज्यादा मौतें इस दौरान हुई थी।

अस्पतालों में हालात इतने खराब थे के मरीजों को इलाज तो दूर पलंग तक नहीं मिल पा रहे थे। मई के दूसरे पखवाड़े से ही हालात नियंत्रित हो सके थे। विश्व के कई देशों में कोरोना के एक बार फिर सिर उठाने का असर शहर पर भी नजर आने लगा है। डाक्टरों का कहना है कि कोरोना वायरस बार-बार प्रकृति बदल रहा है। ऐसे में इस बात की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता कि जून-जुलाई में यह एक बार फिर सिर उठा ले। जरूरी है कि हम कोरोना प्रोटोकाल का पूरा पालन करें। हमारी जरासी लापरवाही संक्रमण को बढ़ा सकती है।

कोरोना के टीके दे रहे सुरक्षाकवच

डाक्टरों का कहना है कि कोरोना के दोनों टीके लगवा चुके लोगों को कोरोना का गंभीर संक्रमण होने की आशंका सबसे कम है। वायरस का हमला होता भी है तो टीके की वजह से शरीर में बनी एंटीबाडी वायरस से स्वत: ही लड़कर उसे खत्म करने में सक्षम है। लोगों को चाहिए कि वे समय पर कोरोना के दोनों टीके लगवा लें। 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए कोरोना की सतर्कता डोज लगाई जा रही है। इसे भी अनिवार्य रूप से लगवा लेना चाहिए।

समय पर लगवा लें टीका

कोरोना के टीके वायरस से सुरक्षा दे रहे हैं। जरूरी है कि हर नागरिक समय पर कोरोना के दोनों टीके लगवा ले। किशोरों और बच्चों के लिए भी कोरोना के टीके उपलब्ध हैं।

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