पुलिस की लापरवाही का नतीजा है कि एक माह बाद बेटी कंकाल के रूप में मिली, छात्रा के पिता पुलिस पर आरोप लगाये

बालोद। गुरुर शासकीय कॉलेज की छात्रा बोड़रा (गुरुर) निवासी 22 वर्षीय कविता निर्मलकर के कंकाल को प्रारंभिक जांच के बाद गुरुवार सुबह फॉरेंसिक लैब रायपुर भेज दिया गया। इधर परिजनों ने पुष्टि करने के बाद बिना शव के ही अंतिम संस्कार और क्रियाकर्म की रस्में पूरी की। मृतका के पिता मिश्री लाल ने गुरुर पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि 30 मार्च से कविता लापता हुई। दूसरे दिन दोपहर में थाना पहुंच कर गुमसुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराए। बार-बार संदेहियों का नाम बताने के बाद भी पुलिस ने सुस्ती दिखाई। कविता के दोस्तों से भी ठीक से पूछताछ नहीं की गई।
मौके पर तत्काल एक्शन लिया होता तो बेटी को खोज लिए होते। पुलिस की लापरवाही का नतीजा है कि बेटी एक माह बाद कंकाल के रूप में मिली है। मिश्री लाल ने कहा कि उनकी बेटी ने आत्महत्या नहीं की है। जिस पेड़ पर फांसी लगाने की बात कही जा रही है वह पांच फीट का पेड़ है।

उसे एक माह पहले गांव के दो युवकों द्वारा जान से मारने की धमकी दी गई थी। हम गुरुर पुलिस की लापरवाही व निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे। गुरुर थाने के एसआई धनेश्वर साहू ने बताया कि गुमसुदगी दर्ज करने के बाद जांच की जा रही थी। जिन संदेहियों का नाम बताया गया है उनसे भी पूछताछ की गई है। मृतका के परिवार का आरोप गलत है।

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