जेठा के कलेक्ट्रेट मैदान में गणतंत्र दिवस मुख्य समारोह का हुआ अंतिम रिहर्सल, शक्ति जिले के पहले गणतंत्र समारोह को लेकर तैयारियां जोरों पर, प्रशासन ने करी नागरिकों से समारोह में शामिल होने की अपील, शक्ति जिले में धान के विकल्प के रूप में किसान कर रहे मिलेट्स की खेती

सक्ति- नवगठित शक्ति जिले में गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह का आयोजन कलेक्ट्रेट परिसर मैदान में किया जायेगा। समारोह दिवस में किसी प्रकार की समस्याएं न आए और आयोजन की तैयारी सही तरीके से हो गई है की नहीं, यह परखने के लिए आज गणतंत्र दिवस समारोह का अंतिम रिहर्सल किया गया गणतंत्र दिवस समारोह के फाइनल रिहर्सल में जो भी कमियां महसूस हुई उसे सुधारने के निर्देश भी दिए गए। समारोह दिवस में मुख्य अतिथि को मंच पर लाने से लेकर परेड और मार्चपास्ट की सलामी से लेकर कार्यक्रम के समाप्ति तक आवश्यक व्यवस्था का जायजा लिया गया। स्कूली विद्यार्थियों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम और देशभक्ति गीतों पर आधारित फाइनल रिहर्सल प्रस्तुत किये गए। सक्ती कलेक्ट्रेट परिसर मैदान में गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह मनाया जाएगा। यहां मंच सहित वीआईपी के बैठने, आमनागरिको के प्रवेश और बैठने का स्थान भी निर्धारित किया गया है। कार्यक्रम स्थल पर अधिकारियों को व्यवस्था के लिए निर्देशित भी किया गया है। गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर स्कूली विद्यार्थियों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये जायेंगे। देशभक्ति गीतों पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किये जायेंगे। इसके साथ विभिन्न विभागों द्वारा झांकी भी निकाली जाएगी, शक्ति जिले के जेठा मैदान में होने वाले गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह को लेकर जिला प्रशासन की सक्रियता से यह बात तो स्पष्ट रूप से नजर आ रही है कि प्रशासन इस गणतंत्र समारोह को विगत दिनों उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाकर तैयारियों में जुटा हुआ है,तथा इतने दिनों तक नियमित रूप से गणतंत्र समारोह की तैयारियां करवाना एवं जिला प्रशासन के उच्चाधिकारियों द्वारा निरंतर मानिटरिंग करना कहीं न कहीं इस समारोह को भव्यता प्रदान करने का परिचायक है

लाभप्रद लघु धान्य (मिलेट्स) फसलो की पैदावार में वृद्धि की ओर कदम बढ़ाता सक्ती जिला, किसान धान के विकल्प के रूप में लगा रहे (मिलेट्स) फसल,जिले में पहली बार रबी सीजन में लगाई जा रही रागी की फसल

सक्ति-मिलेट्स (कोदो, कुटकी, रागी, ज्वार एंव बाजरा) के पोषक मान लाभकारी गुणो एंव खाद्य सुरक्षा को दृष्टिगत करते हुए जनमानस में जागरुकता लाकर दैनिक आहार में शामिल करते हुए उत्पादन, उत्पादकता एंव विपणन को प्रोत्साहित करने हेतु संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 (IYOM) घोषित किया गया है, जिसके तहत राज्य शासन द्वारा मिलेट फसल जैसे कोदो, कुटकी एंव रागी के फसल के क्षेत्र का विस्तार करने जोर दिया जा रहा है। जिले में पहली बार रबी सीजन में रागी फसल वृहद क्षेत्र में लगाई जा रही है, जिले में लगभग 823 हेक्टेयर में किसान रागी को ग्रीष्मकालीन धान के विकल्प के रूप में लगा रहें है जिसमें विकास खण्ड सक्ती में 206 हे. विकासखण्ड मालखरौदा में 205 हे विकास खण्ड उभरा में 206 हे तथा विकास खण्ड जैजैपुर में 206 हेक्टेयर में रागी की खेती की जा रही है। प्रदेश में रागी के फसल को बढ़ावा देने के लिये कृषि विभाग द्वारा विकासखण्डवार लक्ष्य अनुसार प्रति हेक्टेयर 6000 रु. अनुदान भी दिया जा रहा है,उप संचालक कृषि शशांक शिन्दे ने बताया कि जंहा धान की फसल में 13000 रु. प्रति एकड़ लागत तथा गेंहू की फसल में 11000 रु. प्रति एकड़ लागत आती है। इसके विपरीत रागी की खेती में 9000 रु. प्रति एकड़ लागत आती है। जबकि धान एव गेंहू में प्रति एकड़ आय 15000 है लेकिन रागी की खेती में शुध्द आय 19624 रु. प्रति एकड़ होती है साथ ही ग्रीष्मकालीन धान की तुलना में 75 प्रतिशत पानी की बचत होता है, खाद व कीटनाशक आदि की आवश्यकता भी कम मात्रा में होती है। प्रदेश में मिलेट फसलों के क्षेत्र विस्तार एंव उत्पादन की संभावना को ध्यान में रखकर प्रदेश में मिलेट मिशन चलाया जा रहा है, जिसके तहत इन फसलों का क्षेत्र बढ़ाने, उत्पादन बढ़ानें बाजार की सुविधा उपलब्ध कराने, एंव सवंर्धित उत्पादों के निर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा है,मिलेट्स के फायदे- मिलेट्स के पोषक मूल्य उच्च होते है जिसमें कैल्सियम, आयरन, एमिनो एसिड्स प्रोटीन, फास्फोरस आदि प्रचलित आहार चावल से अधिक होते है। रागी में प्रोटीन 73 प्रतिशत, 12.5 प्रतिशत, कार्बोहाइड्रेट 70.4 प्रतिशत एंव मिनरल 2.7 प्रतिशत तक पाया जाता है। इस तरह यह स्वास्थ्य शरीर के लिये आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करता है तथा कुपोषण का दूर करने में सहायक है। मिलेट्स को दैनिक आहार में शामिल करने से मिलेट्स के फाईबर उदर विकार, उच्च रक्तचाप तथा आंतो के कैंसर से शरीर की रक्षा करता है। मिलेट्स के फायदेमंद गुणो को बताने कृषि विभाग द्वारा व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। मैदानी अधिकारियों द्वारा उच्च एंव उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों / महाविद्यालयों में छात्रो को सप्ताह के प्रत्येक शनिवार को मिलेट्स आधारित व्याख्यान दिया जा रहा है।

 
फसल में कीट और बीमारी भी नहीं के बराबर लगते हैं उत्पादन में नही होती है ज्यादा परेशानी
उप संचालक कृषि जिला सक्ती के द्वारा बताया गया कि रागी फसल में कीट-बिमारी भी नहीं के बराबर लगती है, जिससे फसल उत्पादन में कोई परेशानी नहीं है। रागी फसल के रकबा को बढ़ानें शासन स्तर पर भी जोर दिया जा रहा है, जिसके फलस्वरुप विभागीय योजनांतर्गत क्षेत्रवार प्रदर्शनी लगाई जा रही है। वहीं कृषि विभाग सक्ती के अधिकारियों द्वारा भी कृषकों का बैठक लेकर रागी फसल के खेती के बारे में विस्तृत जानकारी देकर किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा हैं। बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत बीज निगम जांजगीर चांपा में जिला सक्ती के ऐसे कृषक जिनका बीज प्रमाणित तथा प्रमाणित – 1 है ऐसे किसान पंजीयन करवा सकते है। कृषकों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से कृषि विभाग कड़ी मेहनत कर रहा है एंव राज्य स्तर पर भी रागी फसल को बढ़ावा देने हेतु कांकेर जिले में मिलेट प्लांट की स्थापना की गई है|

शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *