तिल्दा, नेवरा में की मुक्तिधाम एक समय जहां काटे चुभते थे और बैठने तक कि जगह नही थी। वही आज हरियाली छाई हुई है। जहा दिवारे जर्जर और पपड़ी युक्त थी वो कलर फूल दिखाई दे रहे हैं नेवरा के कुछ युवकों की टीम ने मुक्तिधाम की दशा सुधारने का बीड़ा उठाया। सभी ने मिल जुलकर आर्थिक सहयोग के साथ प्रतिदिन सेवा कार्य के सोच के साथ रोज श्रमदान किया। ऐसे में एक वर्ष पहले जिस मुक्तिधाम में पीने के पानी की कोई व्यवस्था नही थी और न ही समतल जमीन। सभी युवा के प्रयासों से आज जमीन समतल है, कई सुंदर पौधे मुक्तिधाम में लगे हुए है। लोग मुक्तिधाम में और भी सुविधा बढ़ाने की जरूरत को देखते ये समिति जो सेवा भावी लोग श्रमदान करना चाहे य अर्थदान तो वे समिति से जुड़कर शहर के मुक्तिधाम के विकास में सहयोग कर सकते है।
जहां एक और लोगो मे रूढ़िवादिता के चलते मुक्तिधाम में जाना तक पसंद नही करते वही मुक्तिधाम जीर्णोद्धार समिति के दर्जनों युवा रोज मुक्तिधाम में जाकर श्रमदान करते है। पर्यावरण को ध्यान में रखकर यहां दर्जनों की संख्या में पौधरोपण किया गया जिसमें पीपल, बादाम सहित कई सुंदर पोधो को व्यवस्थित रूप से रोपण किया गया है। मुक्तिधाम सेवा कार्य में दुलार साहू भागी निषाद सोनू साहू मनीष शर्मा कोमल वर्मा हरिराम सुंगलू शिवकुमार आजम रिकू जायसवाल दुर्गेश निषाद ओमप्रकाश साहू गज्जू सेन ने बताया कि यह मुक्तिधाम पूरी तरह से हाशिए पर था यहा बैठने तक के लिए समतल जमीन नही थी और न ही पानी की कोई व्यवस्था सबसे पहले हमने पानी की पंप को सुधार कर काटो की पेड़ो और झाड़ी को हटाकर अन्य मरमात और पेंटिग का कार्य किए है ऐसे में हम सभी युवा लोगो ने मिलकर बदहाल पड़े इस मुक्तिधाम में परिवर्तन का संकल्प लिया और रोजना लगातार श्रम और समय दिया आज यह मुक्तिधाम बहुत अच्छे हालात में आ गया है। और लोग भी सेवा हेतु आगे आ रहे हैं|