साहित्य मधुशाला (मैसूर ) की ऑनलाइन काव्य गोष्ठी में बरसा होली का रंग, मैसूर की जानी-मानी संस्था ने संस्थापक उषा केडिया के मार्गदर्शन में किया कार्यक्रम का आयोजन

सक्ति-मैसूर की जानी मानी संस्था साहित्य मधुशाला द्वारा होली के अवसर पर शनिवार 11 मार्च 2023 को ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें देश विदेश के रचनाकारों ने अपनी रचना से मंच को रंगीन कर दिया,कार्यक्रम की अध्यक्षता बैंगलुरु के जाने माने साहित्यकार जैन राजेंद्र गुलेच्छा ने दीप प्रज्वलन व श्रुत की देवी माँ सरस्वती की वंदना के साथ की,कार्यक्रम का सुंदर संचालन संस्थापक अध्यक्ष ऊषा जैन केडिया ने अपने चिर-परिचित अन्दाज़ में चार पंक्तियों के माध्यम से सबको बारी बारी से रचना प्रस्तुत करने हेतु आमंत्रित करके किया

काठमाण्डू नेपाल के वरिष्ठ कवि जयप्रकाश अग्रवाल ने अपनी रचना-“हाँ बरसाने पहुँची, ग्वाल बाल की टोली से” सुंदर आग़ाज़ किया। कोलकाता से जुड़ी कवयित्री ऊषा जैन ने हरियाणवी लोकगीत ….”आयी होली आजा भरतार” की सुमधुर प्रस्तुति दी। बैंगलोर के युवा कवि आनंद दाधीच ने ….”प्रेम रस बरसाओ ना” द्वारा होली पर एक गृहिणी की व्यथा को अभिव्यक्त किया। कोलकाता की कवयित्री संगीता चौधरी ने “खोई खोई अँखियाँ, अँखियों में सपना ” गीत को अपनी मधुर आवाज में पेश किया। खरसिया की कवयित्री अनामिका ने ..”आज इन्द्रधनुषी त्यौहार में जग रंगीन हो गया” रचना द्वारा सुंदर प्रस्तुति दी

सरिया की कवयित्री डिम्पल ने अपनी रचना ….”हाड़-मांस की एक प्यारी की” रचना द्वारा स्त्री की व्यथा को अभिव्यक्त किया। बैंगलुरु की कवयित्री दीपिका मिश्रा ने ….कृष्ण को सखी के संग देख भोले भी होली खेल रहे की सुंदर प्रस्तुति दी। बैंगलोर के जाने माने कवि जैन राजेंद्र गुलेच्छा राज ने होली पर अपनी रचना …. “ये ढंग नहीं है तेरे मन का होना यूँ बदरंग” की बहुत ही सुंदर प्रस्तुति दी। संस्था कि अध्यक्ष उषा केडिया ने …. “सात के धागो में बधा है संसार” रचना द्वारा सप्तमय संसार का वर्णन किया। अंत में युवा कवि ब्रजेंद्र मिश्र ने …”स्मार्ट हो रही हैं जी वस्तुएं” के रूप में एक व्यंग्य रचना प्रस्तुति की

होली पर हुयी इस काव्य गोष्ठी में सम्मिलित हुए सभी कवियों को संस्था के द्वारा हास्य-व्यंग्य युक्त उपाधियों से नवाज़ा गया और सुंदर सर्टिफ़िकेट भी प्रदान किये गये, उसके बाद प्रस्तुतियों पर कार्यक्रम के अध्यक्ष राजेंद्र गुलेच्छा ने सभी रचनाओं की बहुत ही सुंदर समीक्षा की।अंत में संगीता चौधरी कोलकाता द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के पश्चात गोष्ठी का विधिवत समापन हुआ,ज्ञातव्य है कि इस साहित्य संस्था से अनेक जाने माने कवि रचनाकार जुड़े हुए हैं। इस संस्था में प्रति सप्ताह विषयोत्सव प्रतियोगिता होती है एवं प्रति मास काव्य गोष्ठी का सुंदर आयोजन होता रहता है

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