संविधान के प्रावधानों व उच्चतम न्यायालय द्वारा तय 50%आरक्षण सीमा में मछुआ समाज के जातियों के लिए 12% आरक्षण का प्रावधान रखने मुख्यमंत्री निवास में ज्ञापन सौंपा

मछुआ समाज के जातियों के आरक्षण के लिए डॉ.शांति कुमार ने सौंपे मुख्यमंत्री को बार-बार ज्ञापन
वर्तमान हालात से जागी मछुआ आरक्षण की आश
मछुआ आरक्षण हेतु अध्यादेश जारी करने के लिए किया: राज्यपाल से निवेदन
शिवरीनारायण। छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य विकास सलाहकार मंडल छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व सदस्य डॉ. शांति कुमार कैवर्त्य ने छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम उनके अधिकारियों को मुख्यमंत्री निवास रायपुर में मछुआ समाज के जातियों को 12% आरक्षण देने के लिए ज्ञापन सौंपा।उन्होंने राजभवन रायपुर में अधिकारियों के माध्यम से राज्यपाल को प्रेषित अपने इस ज्ञापन में राज्यपाल से मछुआ समाज के जातियों के लिए 12% आरक्षण के प्रावधान रखने के लिए अध्यादेश जारी करने का निवेदन भी किया है।
राज्य मत्स्य पिछड़ा और सलाहकार मंडल के सदस्य डॉ.कैवर्त्य ने अपने ज्ञापन में उल्लेख किया है कि छत्तीसगढ़ में आरक्षण व्यवस्था को लेकर वर्तमान में जिस तरह से की परिस्थितियां निर्मित हुई है। इससे निश्चित ही आने वाले निकट भविष्य में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदेश में आरक्षण व्यवस्था बनाए रखने हेतु आरक्षित वर्गों के लिए संवैधानिक प्रावधानों व उच्चतम न्यायालय द्वारा तय आरक्षण सीमा (लगभग 50%) के तहत ही आरक्षण का प्रतिशत/ कोटा निर्धारित कर अधिनियम/अध्यादेश जारी करेंगे।जिसमें मछुआ समाज के जातियों के लिए 12% आरक्षण का प्रावधान रखने का आग्रह किया गया है।


ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा विधानसभा चुनाव 2018 के पूर्व यह घोषणा की गई थी कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने पर एससी/ एसटी आरक्षण की भांति मछुआ समाज को आरक्षण दिया जाएगा और इसकी सहमति अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी दी थी। सरकार बनने के पश्चात भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कुछ महत्वपूर्ण अवसरों पर भी मछुआ समाज को आरक्षण देने की घोषणा की थी। छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भी ऐसी ही घोषणा कर रखी है। डॉ.शांति कुमार कैवर्त्य ने कांग्रेस के उक्त वरिष्ठ नेताओं के आरक्षण के इन्हीं वायदों को पूरा कराने हेतु इन विधि सम्मत 50% आरक्षण में ही मछुआ समाज के जातियों के लिए 12% आरक्षण सुनिश्चित कर अध्यादेश जारी करने का निवेदन किया है। पूर्व में भी डॉ. कैवर्त्य ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भारतीय संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप एवं उच्चतम न्यायालय के द्वारा तय आरक्षण सीमा के भीतर आरक्षित वर्गों के प्रतिशत/ कोटे का पुनः निर्धारण कर मछुआ समाज को उचित आरक्षण दिए जाने हेतु अध्यादेश जारी करने के लिए समय-समय पर ज्ञापन सौंपते रहे हैं।

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