सामाजिक मांगों को लेकर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने हुआ धरना- प्रदर्शन, सौपा गया ज्ञापन, कॉमरेड अनिल शर्मा भी उतरे समर्थन में

सकती- अघोषित आदिम जन जाति मोवार/ मौवार समाज को छत्तीसगढ़ सरकार के आदिवासियो की सूची ( जो अभी अघोषित आदिम जन जाति है) में शामिल किए जाने की मांग को लेकर सक्ती जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन कर राज्यपाल , मुख्यमंत्री और आदिम जनजाति विभाग के उच्च अधिकारियों के नाम मांग पत्र सौंपा,मांग पत्र सौंपने के पूर्व अघोषित आदिम जनजाति मोवार/ मौवार समाज के पूरे छत्तीसगढ़ से बड़ी संख्या में आए लोगो की एक सामाजिक सभा हुई जिसमे प्रदेश अध्यक्ष उदित नारायण मैत्री द्वारा बताया गया की छत्तीसगढ़ राज्य शासन अघोषित आदिम जनजाति मोवार/ मौवार जाति की जाति सर्वे रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजने हेतु अपनी भूमिका सही नही निभा रही है ,जिससे हमारी जाति अपने अधिकारों से लंबे समय से वंचित है,मोवार /मौवार समाज के ( 18 गढ़ सचिव ) मुनसीर प्रसाद मैत्री ने सभा को संबोधित करते हुए बताया की छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अघोषित आदिम जन जाति मोवार/ मौवार समाज को छत्तीसगढ़ राज्य शासन और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय भी मानती है की हम अघोषित आदिम जनजाति ( आदिवासी ) है जिसमे अनेक प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत कार्य हो चुका है जैसे की 03/09/2012 को आदिम जनजाति ( आदिवासी ) का जाति सर्वे रिपोर्ट बनाई जा चुकी है परंतु छत्तीसगढ़ राज्य शासन प्रक्रिया को पूरी करके हमे जनजाति ( आदिवासी ) घोषित कराने में लंबे समय से बाधा उत्पन्न करते आ रही है।मोवार/ मौवार समाज के ( प्रवक्ता) रेशम लाल मैत्री द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया की अपने समाज को जो अघोषित आदिम जनजाति है घोषित कराने हेतु हर तरह के प्रयास हमेशा जारी रखेंगे ।मोवार/ मौवार समाज की (महिला प्रभाग प्रमुख) श्यामा मैत्री द्वारा सभा में उपस्थित महिलाओं का आह्वान किया गया की अघोषित आदिम जनजाति मोवार/मौवार को आदिवासी घोषित कराने में महिलाएं सभी तरह के प्रयास में डट कर सामना करेंगी । मोवार / मौवार समाज के महेश मैत्री ( कोषाध्यक्ष 18 गढ़ ) के द्वारा बताया गया की हमारी जाति को राज्य शासन अघोषित से घोषित की प्रकिया को पूरी करे। ताकि हमारी जाति को अपना अधिकार प्राप्त हो

कामरेड अनिल शर्मा द्वारा हमारी मांग का समर्थन किया गया, राज्य भर से आए हुए समाज के सभी समाज प्रमुखों ने भी संबोधित किया जिसमे पुरीनारायण मैत्री,बीरेंद्र मैत्री, रेशम लाल मैत्री , नान्हू राम मैत्री , बुद्धेश्वर मैत्री , धनेश्वर सिंह मैत्री,केराराम ,शंकरलाल , लक्ष्मी प्रसाद , हरिचंद , मोहन , कमलेश , रायसिंह , पुनिराम , रामराज , भूपदेव , पोखराज , घनश्याम , मनोज , मिथाईलाल , इंदल , वेदप्रकाश , चतुर , जीवनलाल , कार्तिकेश्वर , कैलेंद्र , टीकम एवम् अनेक सामाजिक कार्यकर्ता, पदाधिकारी ,बुजुर्ग , महिला , पुरुष , छात्र छात्राएं लगभग 600 से अधिक संख्या में भाग लिये और सभी के द्वारा एक मत से बोले जब तक घोषित नहीं होगा तब तक हर संभव प्रयास जारी रहेगा

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