निजी स्कूल चलेंगे आंदोलन की राह पर- संगठन ने लगाया सरकार पर आरोप, गरीब बच्चों की निर्धारित राशि देने में सरकार कर रही मनमानी, कलेक्टर को सौंपा गया ज्ञापन, शक्ति जिले की करोड़ों रुपए की राशि के लिए नेताओं/ अधिकारियों के चक्कर लगाते- लगाते संचालक परेशान

सक्ति– छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निजी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों को प्रतिवर्ष आरटीई के तहत प्रवेश दिलाकर एक निर्धारित राशि प्रदान की जाती है, किंतु शक्ति जिले में निजी स्कूल संचालक विगत कई वर्षों से इस राशि के लिए परेशान हो रहे हैं, विगत दिनों अशासकीय विद्यालय प्रबंधक संघ जिला शक्ति द्वारा कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया था,ज्ञापन में मुख्य मांग निशुल्क शिक्षा के तहत गरीब बच्चे जो कि अशासकीय विद्यालयों में पढ़ रहे हैं,उसकी उनकी क्षतिपूर्ति राशियां प्रदान करवाने हेतु लिखा गया है, शक्ति जिले की पिछले कई वर्षों की राशियां लंबित हैं, जिसके भुगतान के लिए विगत 3 वर्षों से अशासकीय विद्यालय के संचालक अधिकारियों एवं नेताओं की खाक छान रहे हैं, लगभग सभी कार्यालयों तथा नेताओं से मिलकर तथा लिखित में आवेदन देकर अनुरोध किया गया परंतु अभी तक सरकार से ना राशि मिली ना ही कोई आश्वासन मिला है

अशासकीय विद्यालय प्रबंधक संघ जिला शक्ति के द्वारा मांग किए गए पत्र में लिखा गया है कि केवल शक्ति जिले की बहुत सी राशियां शेष है, जिसमें 2016 से 2020 तक की लगभग 3,30 करोड़ सत्र 2020- 21 कि 4,30 करोड़ तथा पिछला सत्र 2022 23 जिसे समाप्त हुए 3 महीने हो चुके हैं की पूरी राशि सभी विद्यालयों की शेष है,ज्ञात हो कि निशुल्क शिक्षा के तहत सभी अशासकीय विद्यालयों में प्रतिवर्ष गरीब बच्चों की विशेष अभियान चलाकर भर्ती कराई जाती है जो कि विगत 10 वर्षों से अनवरत जारी है तथा सभी विद्यालयों में इनकी संख्या बढ़ चुकी है परंतु इनकी क्षतिपूर्ति की राशियां समय पर ना प्रदान करने से सभी स्कूलों को आर्थिक असर पड़ रहा है एवं सभी में रोष व्याप्त है। उक्त राशियां भुगतान नहीं किए जाने पर संघ ने घोषणा की है कि वह चरणबद्ध आंदोलन करेंगे साथ ही मुख्यमंत्री से भी आग्रह किया गया है कि इस मामले पर रुचि दिखाते हुए आवश्यक कार्यवाही करें ज्ञापन देने वालों ने शक्ति के जिला अध्यक्ष विजय लारेंस, उपाध्यक्ष अनिल दरयानी, सचिव योगेश साहू, सह सचिव कृष्ण कुमार जायसवाल ,मोहम्मद अनीस, नितिन सोनी , आशुतोष चंद्रा, अशोक चंद्रा ,गुलाब चंद्र ,लीलाधर चंद्रा संतोष रत्नाकर ,सुशील चंद्रा सोमेश जायसवाल , शिव सिदार आदि बड़ी संख्या में संचालक मौजूद थे

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