ह्दय की अनुभूति है प्रभात संगीत, प्रभात संगीत अकादमी का उद्घाटन

रायपुर, मानव को अपने आराध्य की स्तुति का सबसे बेहतर माध्यम है भजन-कीर्तन और संगीत साधना। परम ब्रम्ह से एकाकार करने आध्यात्मिक भावधारा को समर्पित है- प्रभात संगीत। नई पीढ़ी को आध्यात्मिक राग, लय, सुर, ताल और शास्त्रीयता से जोड़ने प्रभात संगीत अकादमी का शुभारंभ बैरन बाजार, रायपुर में किया गया। आनंद मार्ग के प्रणेता-संस्थापक आनंदमूर्ति जी ने 14 सितंबर 1982 को देवधर में प्रभात संगीत की रचना की थी। इसमें लगभग 5 हजार आध्यात्मिक भक्ति संगीत का संग्रह है जो शास्त्रीय सुरों से लोक धुनो पर आधारित बंगाली, अंग्रेजी, संस्कृत, हिन्दी, उर्दू, मगही, मैथिली और अंगिका भाषा में है।
रेनॉसा युनिवर्सल, रायपुर के चेयरमेन डॉ. सत्यजीत साहू ने प्रभात संगीत अकादमी को छत्तीसगढ़ की पावन धरा में समर्पित करते हुए कहा कि भारत विशेषकर उत्तरी हिन्दी बेल्ट के जीवन संस्कारों को प्रेरित करने में रामचरित्र मानस की महती भूमिका है। गांव-गली में जन-मन रामायाण का सस्वर पाठ करते है। जिस तरह रवीन्द्र संगीत बंगाल की आत्मा है, उसी प्रकार प्रभात संगीत भी दुनिया के सौ से भी अधिक देशों में आराधना का भक्ति संगीत है। भौतिक कामना में लिप्त नई पीढ़ी को संस्कार और संगीत के माध्यम से जीवन कर्म को सृजन के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से अकादमी का शुभारंभ किया गया है।

 
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. पुरुषोत्तम चन्द्राकर प्रसिद्ध लोक कलाकार, अतिथि गण आचार्य दयाशेखरानंद, एच.एल. ब्रोकर, छत्तीसगढ़ी महिला समाज की अध्यक्षा मालती परगनिहा, भुक्ति प्रधान चन्द्रशेखर चन्द्राकर रहे। कला गुरु प्राण दीप, लोक गायिका कीर्ति यादव और मायराम सुरजन स्कूल की संगीत की मेघावी छात्राएं कोमल साहू, मनीषा साहू, धनेश्वरी, पूनम, पायल, धुमलिका ने छ्त्तीसगढ़ी में लोक प्रस्तुति दी। प्रभात संगीत अकादमी के मुख्य प्रशिक्षक इंद्रजीत साहू और सिद्धार्थ देव है। कार्यक्रम में के.पी. सिंह, संगीता संजय पोमल, गंगा श्रीवासन, अभिषेक, जीतेश्वरी साहू, चन्द्रशेखर वजरे, आनंद मार्ग हाई स्कूल की प्राचार्या राधिका गेडाम, शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं शामिल हुए।

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