महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर ऑनलाइन हुआ साहित्य मधुशाला में काव्य वर्षण सम्मिलित हुए भारत- नेपाल से कविवर

साहित्य मधुशाला मैसूर ने किया था आयोजन

सक्ती- साहित्य मधुशाला मैसूर द्वारा दिनांक 28/02/2022 को शिवरात्रि महोत्सव की पूर्व संध्या पर ऑनलाइन काव्य सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें भारत व नेपाल के कविवर शामिल हुए

मंच का संचालन साहित्य मधुशाला मैसूर की संस्थापिका उषा केडिया ने किया।  प्रेमलता अग्रवाल (अम्बिकापुर छत्तीसगढ़) ने मंत्रोचारण द्वारा दीप प्रज्वलित कर माँ सरस्वती की स्तुति प्रस्तुत कर कार्यक्रम की शुरुआत की, संगीता चौधरी ( कोलकाता,पश्चिम बंगाल) ने माँ सरस्वती एवं सुर साम्राज्ञी लता जी को याद करते हुए सखी रे नाचे मन को मोर….भजन के साथ शिव जी के सम्पूर्ण परिवार के साथ हुए वार्तालाप का वर्णन किया, जयप्रकाश अग्रवाल ( काठमांडू, नेपाल) ने भगवान कृष्ण एवं शिव की समानता का वर्णन किया ग्वाल बाल के प्यारे कान्हा ब्रज प्रेमी है भोले नाथ….भजन को सुर उनकी धर्मपत्नी उषा अग्रवाल ने दिया

लोकतंत्र के लिए बताया इंसान बन गया दुकान। दीपिका मिश्रा( मिराजपुर, उत्तर प्रदेश)भक्ति में शक्ति है शक्ति में संसार कविता के साथ वक़्त का पहिया नही रुकता किसी के लिए बताया, किशोर धनावत( रायपुर,छत्तीसगढ़) ने यह आप का प्यार ही है वरना जो हमें खिच लाया वरना इस शहर में जाने के ठिकाने बहुत है, सुलोचना धनावत( रायपुर, छत्तीसगढ़) ने मेरे पहले प्यार का उपहार सिंदूर है माथे पर सजी बिंदी यह मेरी पहचान है का अपनी कविता के द्वारा सुंदर चित्रण किया। बैंगलोर से सम्मिलित हुए जैन कवि राजेन्द्र गुलेच्छा ने ‘जतन जितने भी कर लो तुम शमा जलाने के लिए एक फूँक ही काफ़ी है उसे बुझाने के लिए” कविता की सुंदर प्रस्तुति दी

अंत में उषा जैन केडिया ने कृष्ण भगवान को हुए प्रेम पर हास्य कविता इश्क़ को बुख़ार के साथ सप्तमय संसार के बारे में अपनी प्रस्तुति दी,कार्यक्रम का समापन  उमा बंसल ( कोरबा, छत्तीसगढ़) ने सबकी रचनाओं की बहुत सुंदर शब्दों में समीक्षा करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया,संस्थापिका उषा केडिया ने भी उपस्थित सभी लोगों का धन्यवाद व्यक्त किया

शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *