कैम्पा में 4 वर्षों से काबिज, व्ही. श्रीनिवास राव बनेंगे वनबल प्रमुख…?

@thethinkmedia.com रायपुर
वनबल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी इसी माह के आखिरी में रिटायर हो जाएंगे। रिटायरमेंट के बाद कौन बनेगा वनबल प्रमुख इस विषय को लेकर लगातार नए-नए कयास लगाये जा रहे हैं। इसी बीच 20 सितम्बर को छत्तीसगढ़ सरकार ने आदेश जारी करते हुए 1988 से 1991 बैच के अफसरों को प्रधान मुख्य वन संरक्षक का स्केल दे दिया है। इसमें आठ अफसरों के नाम शामिल हैं जिसमें सर्वप्रथम जयसिंह म्हस्के, आशीष कुमार भट्ट, तपेश कुमार झा, अनिल कुमार राय, अनिल कुमार साहू, व्ही श्रीनिवास राव, अनिता नंदी, मोरिश तुषार नंदी शामिल हैं। हालांकि अभी पीसीसीएफ का पद रिक्त न होने की वजह से यह सभी अफसर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक का ही कार्य करेंगे। पीसीसीएफ का एक पद 30 सितम्बर यानि की राकेश चतुर्वेदी की रिटायर होने के बाद रिक्त होगा। अनिल राय तथा अनिल साहू वर्तमान में विभाग से बाहर पदस्थ हैं। जयसिंह म्हस्के 31 अक्टूबर को रिटायर हो जाएंगे, अब तपेश झा तथा श्रीनिवास राव हैं जिनके बीच वर्चस्व की लड़ाई हो सकती हैं। हालांकि नए वनबल प्रमुख की नियुक्ति का अंतिम निर्णय सरकार को लेना है।
अभी तक माना जा रहा था कि राकेश चतुर्वेदी के रिटायर होने के बाद संजय शुक्ला वनबल प्रमुख बन सकते हैं। वहीं सुधीर अग्रवाल के नाम पर भी विचार करने की बात सामने आ रही थी। लेकिन 20 सितम्बर को जारी आदेश के बाद नए समीकरण पर कयासों का दौर शुरु हो गया है। कहा जा रहा है कि पिछले 4 सालों से कैम्पा में काबिज व्ही. श्रीनिवास राव भी अब नए वनबल प्रमुख के दौड़ में शामिल हो गए हैं। वन विभाग का इतिहास उठाकर देखें तो शायद ही कोई अफसर 4 वर्षों से अधिक समय तक कैम्पा के सीइओ की जिम्मेदारी सम्भाली हो, लेकिन राव ऐसे अफसर हैं जो 4 वर्षों से अधिक समय से कैम्पा में ही पदस्थ हैं। इस बीच सभी अफसरों की जिम्मेदारी बदलती रही लेकिन व्ही श्रीनिवास राव जस के तस हैं। जाहिर सी बात है कैम्पा जैसे महत्पूर्ण विभाग में इतना लम्बा समय तक रिजल्ट ओरिएन्टेड अफसर ही पदस्थ रह सकता है। राव के रिजल्ट से वनमंत्री अकबर खासा प्रभावित हैं। कहा जा रहा है चतुर्वेदी के रिटायर होते ही राव को प्रमोट किया जा सकता है। हालांकि इसको लेकर जानकारों का अलग-अलग मत है। कुछ लोगों का मानना है कि सीधा राव को प्रमोट नहीं किया जा सकता इससे विभाग के कई सीनियर अफसरों की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। तो वहीं कुछ लोगों का मानना है कि सरकार इस विषय पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं।
एक तर्क यह भी है कि संजय शुक्ला के मई 2023 में रिटायर होने के बाद राव का नम्बर लग सकता है। लेकिन ऐसा नहीं है राव इसी माह पीसीसरएफ बनना चाहते हैं। सूत्र बताते हैं कि राव यह भली-भॉति जानते हैं कि अक्टूबर 2023 में विधानसभा चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो जाएगी। महज 4 माह काम करने के बाद फिर नई सरकार का गठन होगा। भविष्य की कैसी और क्या परिस्थितियां होगी। इसलिए अभी से श्रीनिवास राव ने पीसीसीएफ बनने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। बहरहाल इस मामले पर अंतिम निर्णय सरकार को लेना है।
संजय शुक्ला के खिलाफ फैलाई जा रही अफवाह या है कोई साजिश
अभी तक संजय शुक्ला का नाम वनबल प्रमुख के रुप में फाइनल माना जा रहा था लेकिन नए समीकरण के बाद लोग कई तरह के कयास लगाने लगे हैं। लघु वनोपज के एमडी रहते हुए संजय शुक्ला के कार्यों की खूब सराहना हुई। संजय शुक्ला की पकड़ विभाग में भी काफी मजबूत है। कहा जाता है कि शुक्ला सीएम भूपेश के गुड बुक के अफसर माने जाते हैं। लेकिन इस बीच उनके बारे में यह अफवाह फैलाई जा रही है रही है कि वे खुद 8 माह के लिए पीसीसीएफ नहीं बनना चाहते। वे रेरा के चेयरमैन बनने के इच्छुक हैं। कहीं इस तरह की अफवाह फैलाकर संजय शुक्ला के खिलाफ साजिश तो नहीं रची जा रही। या सिर्फ यह एक अफवाह है यह तो आने वाले समय के साथ ही स्पष्ट हो सकेगा।
व्ही श्रीनिवास राव के वनबल प्रमुख बनने से अपग्रेट होंगे अन्य अफसर
वर्तमान में व्ही श्रीनिवास राव कैम्पा के सीइओ हैं। यदि राव को वनबल प्रमुख बनाया जाता है तो कैम्पा जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी किसी अन्य अफसर को दी जाएगी। इस बात से विभाग के सभी अफसर अवगत हैं। राव के जाने से अन्य अफसर भी अपग्रेट हो जाएगे। इसलिए अंदर खाने में यह बात भी चल रही है कि चार साल से काबिज कैम्पा के सीईओ व्ही श्रीनिवास राव के पीसीसीएफ बनने से अन्य अफसरों को भी कैम्पा जैसे महत्वपूर्ण विभाग में कार्य करने का अवसर मिल सकता है।

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