फ्लाई ऐश से एनटीपीसी सीपत बनाएगा टाइल्स, गिट्टी, बालू जैसे बिल्डिंग मटेरियल, प्राकृतिक संसाधनों का दोहन होगा कम

फ्लाई ऐश से एनटीपीसी सीपत बनाएगा टाइल्स, गिट्टी, बालू जैसे बिल्डिंग मटेरियल, प्राकृतिक संसाधनों का दोहन होगा कम

सीपत,छत्तीसगढ़ के बिलासपुर सीपत में स्थापित एनटीपीसी सीपत स्टेशन एनटीपीसी लिमिटेड का चौथा सबसे बड़ा बिजली उत्पादन करने वाला प्लांट है। सीपत स्टेशन एनटीपीसी के अग्रणी कोयला आधारित पावर स्टेशनों में से एक है। इस प्लांट से बिजली बनाने की प्रक्रिया में निकलने वाला राख जिसका रखरखाव बहुत बड़ी समस्या है। इसी समस्या से बचने के लिए एनटीपीसी सीपत नए पहल का प्रयोग कर रहा है।राखड़ से ब्रिक्स (ईंटा) बनते तो सभी ने देखा है इसी कड़ी में अब एनटीपीसी राखड़ से ही कई प्रकार के बिल्डिंग मटेरियल का निर्माण भी कर रहा है जिसमे बालू, टाइल्स, गिट्टी का निर्माण भी शामिल है।

इसी क्रम में राख से संबंधित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एनटीपीसी सीपत ने मैरियट रायपुर में 24.01.2023 को एक कार्यक्रम का आयोजन किया तथा छत्तीसगढ़ के बिल्डर्स को आमंत्रित कर अपने राखड़ उत्पादों का प्रदर्शन किया है। कार्यक्रम में अथिति के रूप में एनटीपीसी रायपुर के महाप्रबंधक पीयूष सक्सेना, जीएम (ओएस) एवं क्रेडाई के अध्यक्ष, मृणाल गोलछा तथा वरिष्ठ सदस्य सुनील तापड़िया भी उपस्थित थे।सीपत स्टेशन से निकले राखड का शत प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है तथा इसका उपयोग सीमेंट उद्योग ,विनिर्माण इकाइयों , रोड और फ्लाई ओवर का निर्माण किया जा रहा है।

इसके अलावा, एलडब्ल्यूए, जीपीसीए, एनएसीए, ऐश टू सैंड, ऐश बैगिंग जैसी विभिन्न परियोजनाएं निष्पादन के विभिन्न चरणों में हैं। इसके अतिरिक्त राखड से बने हुए उच्च गुणवत्ता युक्त फ्लाई ऐश ब्रिक्स अत्याधुनिक मशीनों द्वारा निर्मित ईंट बिक्री के लिए उपलब्ध है| एनटीपीसी सीपत के कार्यकारी निदेशक घनश्याम प्रजापति ने कहा, “एनटीपीसी सीपत राखड़ को उपयोगी बनाने की प्रक्रिया में काम कर रहा है हम कई प्रकार के बिल्डिंग मटेरियल बनाने प्रयासरत है।“
इस कार्यक्रम में ये भी बोला गया की सीपत में टाइल्स, गिट्टी, ईंटा, बालू का निर्माण प्रारम्भ हुआ है जल्द ही रायपुर में भी प्रोडक्शन शुरू करेंगे।

घनश्याम प्रजापति ने कहा कम्पनी द्वारा बनाये गए उत्पाद से न केवन राखड़ प्रबंधन में सहयोग मिलेगा बल्कि प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कम होगा। कार्यक्रम को संचालित करने वाले विनय कुमार तिवारी, अपर महाप्रबन्धक, ऐश डाइक प्रबंधन ने कहा, “हम अपने उत्पाद में बाजार की जरुरत के हिसाब से आगे परिवर्तन करते रहेंगे, और बेहतर क्वालिटी कैसे की जा सकती है, इसका फीड बैक लेकर उपयोगकर्ता की जरुरत के हिसाब से सतत सुधार करते रहेंगे।“

उत्पादों की तकनीकी जानकारी कंपनी के अधिकारी हर्षद प्रमोद पितले, वरिष्ठ प्रबंधक (एश डाइक प्रबंधन) और बी. नागेश्वर राव, डीजीएम (नई पहल) ने बिल्डर्स के समक्ष प्रस्तुत की साथ ही बिल्डर्स की जिज्ञासाओं को भी दूर किया। आने वाले सालों में प्राकृतिक संसाधनों की कमी देखते हुए एनटीपीसी सीपत एक स्थायी दुनिया में अपने नए पदचिन्हों को ले पहुँचा है। जिससे ना केवल बिजली उदपादन का बाइ-प्रॉडक्ट राखड़ का सद-उपयोग हो रहा है बल्कि राखड़ को पर्यावरण प्रदूषण के हिस्से में भी रोका जा रहा है।

शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *