मानसून के जाने के संकेत नहीं

रायपुर. सामान्य तौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून वापस लौटते हुए 11 अक्टूबर तक प्रदेश की सीमाओं के बाहर निकल जाता है. इससे इस महीने में औसतन 35.6 मिलीमीटर की औसत बारिश होती है. लेकिन इस बार बारिश पीछे लौटते नहीं दिख रहे हैं. मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा का कहना है, सामान्य तौर पर छत्तीसगढ़ में मानसून का आगमन 10 जून होता है. वहीं विदाई 11 अक्टूबर तक. रायपुर में मानसून की विदाई की सामान्य तिथि 9 अक्टूबर मानी जाती है. लेकिन पिछले 10 सालों में ऐसा केवल दो बार देखा गया है. एक बार 2018 में मानसून की वापसी 5 अक्टूबर को हो गई थी. वहीं 2019 में इसकी वापसी 10 अक्टूबर को हुई.

शेष आठ वर्षों में मानसून की वापसी हमेशा 11 अक्टूबर के बाद ही हुई है. 2011 में तो 24 अक्टूबर तक मानसून बना हुआ था. इस बार भी मानसून के लंबा खींचने की संभावना बन रही है. रायपुर सहित कई जिलों में गुरुवार को भी मध्यम स्तर की बारिश दर्ज हुई है. आगे भी बारिश जारी रखने के संकेत मिल रहे हैं. मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मानसून की विदाई रेखा अभी भी उत्तरकाशी, नजीबाबाद, आगरा, ग्वालियर, रतलाम और भरूच तक स्थिर है. पिछले दो दिनों से उसकी स्थिति वहीं बनी है. ऐसे में इसके महीने के आखिर में ही पूरी तरह वापस लौट पाने का अनुमान है. मौसम विभाग ने 14 अक्टूबर तक बारिश के साथ उत्तर छत्तीसगढ़ में सरगुजा संभाग और दक्षिण छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में बिजली गिरने की आशंका जताई है.

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