11 दिसंबर से बिलासपुर से नागपुर तक प्रारंभ होनी है नई वंदे भारत सुपरफास्ट ट्रेन, शक्ति रेलवे स्टेशन दशकों से है उपेक्षा का शिकार
सक्ती-अधिवक्ता संघ के जिला अध्यक्ष पंडित दिगंबर प्रसाद चौबे एवं नोटरी ऑफिसर गिरधर जायसवाल के द्वारा अधिवक्ता साथियों के साथ मिलकर वंदे मातरम ट्रेन को बिलासपुर के बजाय रायगढ़ से प्रारंभ करने तथा वंदे मातरम ट्रेन के सक्ती स्टापेज की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम संबंधी ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व आईएएस रेना जमील को दी गई,इस संबंध में ज्ञापन में बताया गया है कि रेल मंत्रालय द्वारा बिलासपुर जोन में नई सवारी एक्सप्रेस वंदे मातरम सुपरफास्ट ट्रेन बिलासपुर से नागपुर तक चलाया जाना प्रस्तावित है, बिलासपुर से चलाए जाने के कारण छत्तीसगढ़ की आधी जनता को इस सुविधा का लाभ नहीं मिल सकेगा उक्त वंदे मातरम सुपरफास्ट ट्रेन को छत्तीसगढ़ के सीमांत रेलवे स्टेशन रायगढ़ से नागपुर तक चलाए जाने पर छत्तीसगढ़ की जनता को इसका लाभ मिल सकेगा, उक्त वंदे मातरम सुपरफास्ट ट्रेन को रायगढ़ से नागपुर तक चलाए जाने एवं जिला मुख्यालय सक्ती के रेलवे स्टेशन सक्ती में ट्रेन का स्टॉपेज दिया जाए
ज्ञापन में आगे बताया गया है कि कोरोना संक्रमण काल से अधिकांश सवारी गाड़ियों को बंद कर दिया गया है,जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, बिलासपुर से नागपुर की ओर चलने वाले बहुत सारे अन्य एक्सप्रेस पैसेंजर ट्रेन उपलब्ध है, वंदे मातरम सुपरफास्ट ट्रेन को रायगढ़ से नागपुर तक चलाने एवं सक्ती स्टॉपेज की मांग बिलासपुर रेल मंडल को आदेशित करने की मांग की गई है,इस अवसर पर अधिवक्ता रथराम पटेल, प्यारे लाल पटेल, अजीत क्षत्री, दादू चंद्रा पूर्व जनपद पंचायत सदस्य नारायण सिदार उपस्थित थे
उल्लेखित हो की शक्ति क्षेत्र के रेल यात्री रेलवे ट्रेनों के स्टॉपेज के मामले में दशकों से उपेक्षित हैं,यहां निजामुद्दीन से रायगढ़ जाने वाली गोंडवाना एक्सप्रेस की मांग वर्षो से की जा रही है, किंतु क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं रेलवे प्रशासन के कान में जूं नहीं रेंग रही है, तथा रेल यात्रियों के अनवरत आंदोलन एवं ज्ञापन देने के बावजूद आज पर्यंत तक गोड़वाना का स्टॉपेज नहीं मिल सका है, वहीं दूसरी ओर शक्ति रेलवे स्टेशन में रेल यात्री सुविधाओं के मामले में भी यहां के रेल यात्रियों को उपेक्षित रखा जा रहा है, तथा यहां की जनता अपने आप को ठगा सा महसूस करती है,किंतु इसके बावजूद न जाने क्यों रेलवे प्रशासन नियम कानूनों की बात कह कर हमेशा शक्ति क्षेत्र की उपेक्षा कर रहा है, किंतु अब रेलयात्री इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने वाले एवं आने वाले समय में क्षेत्र की जनता जनप्रतिनिधियों को भी इस उपेक्षा का सबक जरूर सिखलाएगी