मार्च पास्ट शुरू
माधव कंदली असमिया रामायण के लेखक हैं, जिस तरह कृतिवास ने बंगला में अद्भुत रामायण रचा, उसी तरह असमिया रामायण भी असम में लोक परंपरा में गहराई से बसा है। 21 सदस्यीय दल असम से आया है।
रामनामी समुदाय का मुख्य मंच के सामने पारंपरिक वेशभूषा में मार्च पास्ट।
गोआ से छत्तीसगढ़ आए कलाकार दल ने भी मार्च पास्ट में लिया हिस्सा।
झारखंड से आए 25 सदस्यीय दल ने अपने पारंपरिक वाद्ययंत्र और वेशभूषा में मार्च पास्ट किया। उन्होंने विशेष तरह के मुखौटे भी पहने हैं।