राज्य में आरक्षण मुद्दे के स्टैंड मामले में मंत्री सिंहदेव को नए राज्यपाल से है उम्मीदे, टीएस बोले: गवर्नर अनुसुइया के हस्ताक्षर नही करने से रुकी भर्तियां…. देखें वीडियों

बालोद- छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव रविवार को जिले के एक वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल हुए। इससे पहले मंत्री टीएस सिंहदेव गुंडरदेही विधानसभा के ग्राम भाठागांव/आर में एनएसयूआई की कार्यकर्ता से भेंट मुलाक़ात किये। जिसके बाद ग्राम झलमला के सुप्रसिद्ध माँ गंगा मइया मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। जहां पर यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पूरे जोश के साथ मंत्री सिंहदेव का स्वागत किया। वही इस दौरान मंत्री टीएस सिंहदेव ने आरक्षण का मुद्दे स्टैंड रहते रविवार को हुए राज्यपाल अनुसुइया उईके के ट्रांसफर पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि आरक्षण जैसे मामले में राज्यपाल के कार्यालय में मामले की फ़ाइल इतने लंबे समय तक लंबित नही रखना था। गवर्नर गलत कर रही हैं। जबकि विधानसभा से सर्वसम्मति के साथ पारित कर आरक्षण की फ़ाइल को पेश किया गया था। उसको लेकर बैठ गई। ये सही है कि संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नही है, की कितने दिनों तक गवर्नर इसको हा या न करेगी। निश्चितकालीन ऐसे मुद्दों पर उनको अपनी सहमति य असहमति व्यक्त करने में देरी नही करनी चाहिए। अगर इस बिल से वो असहमत है तो इसे वापस कर देती। और अगर सहमत है तो अपना हस्ताक्षर कर देती। लेकिन उन्होंने जो रास्ता इख्तियार किया फाइल पर बैठने का, वो गलत था। इसके चलते राज्य में पूरी भर्तियां रुक गई हैं। लोगो को जो सेवा मिलनी चाहिए, चाहे वो पुलिस विभाग की हो या फिर शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग की हो, वो भर्तियां नही होंगी तो सेवा कौन करेगा…? मैं इसे बड़ी गलती मानता हूं, की अनिश्चितकालीन तक इस निर्णय को स्थगित रखना गलत है। वही मंत्री सिंहदेव ने नए राज्यपाल के आने के बाद आरक्षण के फ़ाइल को जल्द सुलझाने की उम्मीद जताई है।
अंतिम बजट आना शेष है- सिंहदेव
वही पिछले चुनाव के समय किये गए चुनावी वादों के मामले पर मंत्री सिंहदेव ने बताया कि घोषणा पत्र कांग्रेस का था। जिसमे से कई सारे वादे सरकार सरकार ने पूरा कर लिया है और कई बातें ऐसी हैं। जिन्हें पूरा कर लिया जाना था। जो आज तक पूरी नहीं हुई है। अभी इस सरकार के कार्यकाल के अंतिम बजट आना शेष है। उम्मीद है इस अंतिम बजट में छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार अपने बचे हुए चुनावी वादों को भी पूरा करते हुए चाहे बेरोजगारी भत्ता की बात हो या संविदा कर्मियों को नियमित करने की बातों से तमाम मुद्दों पर इस बजट सत्र में पूरी कर ली जाएगी।

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