सक्ति- वर्ष 2023 को अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है। मिलेट एक प्रकार का अनाज है, जिसे मोटा अनाज भी कहते हैं। मिलेट के अंर्तगत कोदो, कुटकी, रागी, ज्वार, बाजरा जैसे फसल आते हैं। इन फसलों में पौष्टिकता प्रचुर मात्रा में होने के कारण जन जन तक सर्व सुलभ बनाने के लिए इसके उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इससे अनेक प्रकार के व्यंजन बनाए जा सकते हैं। खीर, पराठा, पुड़ी, केक, तीखुर, हलुआ,दोसा, इडली एवं लगभग सभी प्रकार के छत्तीसगढ़ी व्यंजन आसानी से बनाए जा सकते हैं,इस वर्ष सक्ती जिले में 800 हेक्टर में रागी की खेती की जा रही है।
रागी में कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, एवं अन्य पोषक तत्व होते हैं। इसके उत्पादन बढ़ाने एवं दैनिक आहार में शामिल करने के लिए जागरुकता लाने के लिए स्कूलो में बच्चों को जानकारी दी जा रही है,विगत दिवस रोशन लाल पटेल वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के द्वारा स्वामी आत्मानंद हिन्दी एवं अंग्रेजी स्कूल मालखरौदा मे रागी विषय पर बच्चों को विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि वर्तमान में कुपोषण की समस्या काफी है, इससे निजात पाने के लिए दैनिक आहार में मिलेट का शामिल किया जाना बहुत जरूरी है। इसमें धान, गेहूं जैसे अनाजों से काफी ज्यादा मात्रा में पोषक तत्व होते हैं। इसके सेवन से रक्त चाप, मधुमेह,वजन बढ़ना, कैलिश्यम की कमी से बचा जा सकता है। व्याख्यान के दौरान बच्चों के लिए मिलेट आधारित क्विज प्रतियोगिता आयोजित की गई। पुरस्कार स्वरूप बच्चों को लेखन सामग्री दिया गया,इस दौरान शाला के प्राचार्य एन.आर.भारती एवं शिक्षक शिक्षिकाओं सहितस्कूल के सभी बच्चे उपस्थित थे