पीडीएस के चांवल में ठेकेदार द्वारा ब्यापक मात्रा में कालाबाजारी , हितग्राहियों में आक्रोश 

तिल्दा-नेवरा / सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत आबंटित चांवल में कालाबाजारी बरतें जाने की मामला प्रकाश में आया है ‌‌। केन्द्र एवं राज्य शासन द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य लोककल्याणकारी योजनाओं के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले हितग्राहियों को निशुल्क खाद्यान्न का आबंटन किया जाना सुनिश्चित है। ताकि गरीब परिवार भरपेट भोजन कर सके, लेकिन उसमें भी सेंधमारी की मामला सामने आ रही है ,जबकि खाद्य विभाग ने आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अधीन छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2016 में संशोधन कर अधिसूचना भी जारी कर दिया है कि प्रावधान के अनुसार राशन सामग्री को अन्यत्र बेचे जाने पर संबंधित हितग्राही को जेल भी हो सकती है।इसके बावजूद राशनकार्ड धारकों के हक का खाद्यान्न उचित मूल्य के बतौर ठेकेदार के द्वारा डाका डाला जा रहा है । यहां पर बताना लाजिमी है कि माह नवम्बर 2022 का राशनकार्ड धारी हितग्राहियों के हिस्से की चांवल में खाद्य विभाग द्वारा बढ़ोतरी की गई है , जानकारी के अनुसार बी पी एल एवं अन्य श्रेणी राशनकार्ड धारी हितग्राहियों को प्रति सदस्य 15 किलोग्राम चांवल अतिरिक्त आबंटन खाद्य विभाग द्वारा सुनिश्चित है। लेकिन हितग्राहियों के अज्ञानता के अभाव में इसका मुनाफा उचित मूल्य दुकान के बतौर ठेकेदार कमा रहा हैं । मिली जानकारी के अनुसार रायपुर जिला तिल्दा विकासखंड के ग्राम पंचायत सरोरा ,परसदा ,भुरसुदा (गुजरा) में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य के दूकान में ब्यापक रूप से खाद्यान्न की कालाबाजारी किये जाने का मामला प्रकाश में आया है। यहां पर कथित क्षेत्र के उचित मूल्य दुकान के बतौर ठेकेदार जो कि मेडिकल लाईन से जुड़ा हुआ पेशावर है ,इनके द्वारा शासन के सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर पलीता लगाया जा रहा है। कहा जावे जो शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को धराशाई किया जा रहा है।


राशनकार्ड धारी परिवार के सदस्यों का 05 किलो चावल ठेकेदार के कोष में
रायपुर जिला तिल्दा विकासखंड के ग्राम पंचायत सरोरा , परसदा ,भुरसुदा (गुजरा) के उचित मूल्य के दूकानों में एक ब्यक्ति विशेष का दबदबा है कहा जावे तो इन उचित मूल्य के दूकानों के बतौर ठेकेदार खाद्य विभाग के आदेशों को दरकिनार कर हितग्राही परिवार के सदस्यों के हिस्से का 05 किलो चावल को स्वयं डकार रहा है । कहा जावे तो बतौर ठेकेदार जो पेशे से डाक्टर है वह गरीबों के हिस्सा के चांवल पर डाका डालकर मालामाल हो रहा है ।खाद्य विभाग के अनुसार राशन कार्ड धारी परिवार को माह नवम्बर में प्रति सदस्य 15 किलो ग्राम अतिरिक्त चांवल आबंटित किया जाना है , लेकिन यहां पर उचित मूल्य दुकान के कथित ठेकेदार 05 से दस किलो ग्राम चावल को प्रति सदस्य पीछे डकार रहा है।
माह अप्रेल 2021 में भी 05 किलो चावल पर हुआ था कालाबाजारी
खाद्य विभाग द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष 2021 माह अप्रेल में भी अतिरिक्त चांवल की आबंटन सुनिश्चित किया गया था ।उस बीते वर्ष में भी कथित उचित मूल्य दुकान कू ठेकेदार द्वारा राशनकार्ड धारी परिवार के प्रति सदस्यों के 05 किलो ग्राम चांवल पर डाका डाला गया था।
कथित ठेकेदार जो अपने आप को छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री मोहम्मद अकबर का रिश्तेदार कहता फिरता है जिसके आड़ में कथित ठेकेदार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के खाद्यान्नों के कालाबाजारी में लिप्त है । जिनके हरकत से राशन कार्ड धारी हितग्राहियों में आक्रोश है। जानकारी में आया है कि इनके विरोध में क्षेत्रवासी पहले भी आवाज बुलंद कर चुके हैं।
भुरसुदा (गुजरा) उचित मूल्य दुकान में नवंबर माह में खाद्यान्न का नहीं हुआ आबंटन
रायपुर जिला तिल्दा विकासखंड के ग्राम भुरसुदा मे नवंबर माह के खाद्यान्न का उचित मूल्य के दूकान से आबंटन नहीं किया गया है इस मामले पर पत्रकारों के टीम के तफ्तीश के दौरान पाया गया कि ग्राम भुरसुदा के उचित मूल्य के दूकान में नवंबर माह के अंत तक ताला लटका हुआ था ।इस मामले पर प्रभावित हितग्राहियों का कहना था कि संबंधित दुकान के सेल्समेन एवं ठेकेदार के मनमानी के चलते प्रति माह समयावधि में निर्धारित मात्रा में चांवल का आबंटन नहीं होता।

उचित मूल्य के ठेकेदार ने दबंगता के साथ पत्रकारों को किया गुमराह

भुरसुदा उचित मूल्य के दूकान में नवंबर माह के अंतीम दिन भी ताला लटका रहा ,इस मामले पर हितग्राहियों ने संबंधित दुकान के ठेकेदार पर आक्रोश ब्यक्त करते हुए बताया कि कथित दुकान संचालक के मनमानी के चलते समय पर निर्धारित मात्रा में खायान्न का वितरण नहीं होता यही नहीं उन्होंने बताया कि मिट्टी तेल का आबंटन तो 12 माह गुजर गए हितग्राहियों को आबंटन ही नहीं हुआ है , यही नहीं नमक जैसे खाद्य पदार्थ का आबंटन भी नहीं किया जाता। उचित मूल्य के दुकान में नवंबर माह तक ताला लटकने के संबंध में फोन से जानकारी चाही गयी तो उनके द्वारा गुमराह करने का प्रयास किया गया, संचालक का कहना था कि उचित मूल्य का दुकान हमेशा खुलता है जबकि यथार्थ में सत्य से परे है।

उचित मूल्य का दुकान नवंबर माह में खुला नहीं है यह मुझे ज्ञात नहीं था। इसकी जानकारी मुझे अभी मिली, निर्धारित दर से कम मात्रा में खाद्यान्न का वितरण व संबंधित मामलों पर अनियमितता पर संचालक पर कार्यवाही किया जावेगा।

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