केवल व्यक्तिगत हित के लिए, अधिकारियों से मिलता है कर्मा परिवार त्रस्त अधिकारी इसलिए उनसे मिलना नहीं चाहते – रामू नेताम

एक जनप्रतिनिधि के तौर नेताओं की ये जिम्मेदारी होती है कि वो अपने क्षेत्र की समस्याओं को पहचाने और जनता के हित के लिए वो सरकार को इस विषय में सूचित कर समस्या का निदान प्रशासन के माध्यम से करे।

परंतु दंतेवाड़ा जिले में कर्मा परिवार के राजनेता एक जनप्रतिनिधि होने की अवधारणा को न केवल अपमानित कर रहे हैं अपितु वो राजनीति को एक व्यवसाय की तरह केवल अपने नफे नुकसान के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

जिला पंचायत सदस्य और बीजेपी मंडल महामंत्री रामू नेताम ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से विधायक और जिला पंचायत अध्यक्ष पर तीखे आरोप लगाए

उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता ने बड़ी आशा से इस परिवार से विधायक और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव किया था परंतु सत्ता के नशे में मदमस्त इन नेताओं ने क्षेत्र की जनता की समस्याओं को दरकिनार करते हुए केवल स्वहित के कार्यों को ही तवज्जो दिया

रामू नेताम ने कहा कि प्रेस के माध्यम प्राप्त जानकारी के अनुसार जिलाधीश के कुछ समय इंतजार कराए जाने से नाराज जिला पंचायत अध्यक्ष ने सत्ता की अकड़ का प्रदर्शन करते हुए जिलाधीश से कहा कि आप दो कौड़ी के लोगों को तवज्जो दे रहे हैं और उन्हें समय दे रहे हैं ये ठीक नहीं है ।

जबकि उस समय कुछ आदिवासी समाज के जनप्रतिनिधि तथा समाजसेवी जिलाधीश से जनसमस्याओं के निराकरण के लिए जिलाधीश से भेंट कर रहे थे, रामू नेताम ने कहा कि जनप्रतिनिधि जनता का सेवक होता है और अपनी ही जनता को दो कौड़ी के लोग कहना जिला पंचायत अध्यक्ष की अहंकारी और घटिया सोच का प्रदर्शन है जब कांग्रेस सरकार आदिवासियों का आरक्षण छीन रही थी तब जिला पंचायत सदस्य और कर्मा परिवार के किसी सदस्य ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी और आज जब आदिवासी समाज के लोग प्रशासन से अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए मिल रहे हैं तो उन्हें दो कौड़ी का कह रहीं हैं।

रामू नेताम ने कर्मा परिवार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस परिवार को जनता की समस्याओं और क्षेत्र के विकास से कोई सरोकार नहीं है, इनका एकमात्र ध्येय अपना विकास, सरकारी जमीनों पर कब्जा, सरकारी आवासों पर अपने परिवारों का कब्जा है ये केवल अपने और अपने परिवार के लोगों के विकास के लिए प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए ही मिलती हैं जिसका परिणाम है कि निम्न से लेकर उच्च अधिकारी इनसे मिलने में कतराते हैं

रामू नेताम ने कहा कि ये परिवार चाहता है कि कलेक्टर अपना अधिकांश समय इस परिवार की समस्याओं को सुनने में व्यर्थ करे और तो और ये एक जिलाधीश से वीआईपी ट्रीटमेंट की अपेक्षा रखते हैं, पर इन्हे पता होना चाहिए कि जिलाधीश केवल इनके परिवार के विकास के लिए जिला में नहीं बैठे हैं जिलाधीश का कार्य जनता की समस्याओं का निराकरण करना है ।

विगत 4 वर्षों से अधिकारी कर्मचारी कर्मा परिवार की दादागिरी से त्रस्त हो चुके हैं जिसका परिणाम ये है कि वो अब इनसे मिलना नहीं चाहते, इनका यही रवैया रहा था जल्द ही जनता इन्हें सबक सिखायेगी। रामू नेताम जिला पंचायत अध्यक्ष और बीजेपी मंडल महामंत्री जिला दंतेवाड़ा

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