महिला एवं बाल विकास विभाग, चाइल्ड हेल्प लाईन एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने की बाल विवाह रोकने की कार्यवाही

बाल विवाह रोकने की गई है टास्क फोर्स का गठन

जशपुरनगर /कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के मार्गदर्शन में जिले में बाल विवाह की पूर्णतः रोकथाम हेतु टॉक्स फोर्स का गठन किया गया है।
महिला एवं बाल विकास विभाग जिला कार्यक्रम अधिकारी बी. डी. पटेल के पहल से विगत दिवस 12 अप्रैल 2024 को महिला एवं बाल विकास विभाग, चाइल्ड हेल्प लाईन एवं पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त टास्क फोर्स को बाल विवाह होने की सूचना मिलने पर बाल विवाह रोकने की कार्यवाही की गई है। उन्होंने बताया कि जशपुर विकासखण्ड के ग्राम कस्तुरबा में बालक कामेश्वर सिंह पिता स्व दुतिया, माता बसंती देवी का विवाह 17 अप्रैल 2024 को तय किया गया था। किन्तु बालक कामेश्वर सिंह का दाखिल खारिज के अनुसार जन्म तिथि 12 जुलाई 2006 है। जिसके आधार पर बालक कामेश्वर सिंह का उम्र-17 वर्ष, 10 माह, 13 दिन होना पाया गया। बालक के माता की सहमति से विवाह स्थगित करने हेतु कहा गया।
बालक के माता द्वारा बताया गया कि कानूनी अज्ञानता के कारण शादी करने की बात कही गयी। बाल विवाह रोकने के दौरान संयुक्त टास्क फोर्स टीम में पर्यवेक्षेक हेमलता केरकेट्टा, नीलू एक्का, सामाजिक कार्यकर्ता अमित तिडू टीम मेम्मबर, आरक्षक जया पैंकरा, आरक्षक कुलरंजन एक्का एवं बेलसागर कुजूर द्वारा कार्यवाही की गयी।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी चन्द्रषेखर यादव द्वारा बताया गया कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई ही नहीं अपितु कानूनन अपराध है। बाल विवाह से बच्चों के सर्वागीण विकास प्रभावित होता है। बाल विवाह रोक-थाम हेतु बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 लागू किया गया है। जिसमें लड़के की आयु 21 वर्ष एवं लड़की की आयु 18 वर्ष निर्धारित की गयी है। अधिनियम के तहत् बाल विवाह करने वाले वर एवं वधु के माता पिता, सगे संबंधी, बाराती यहॉ तक कि विवाह कराने वाले पुरोहित पर भी कानूनी कार्यवाही किया जाना प्रावधानित है। अधिनियम के तहत् 2 वर्ष के कठोर सश्रम कारावास तथा 1 लाख का जुर्माना अथवा दोनो से दण्डित किये जाने का प्रावधान है।

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