जैजैपुर,आज वायुमंडल इतना प्रदूषित हो गया है जिनका परिणाम पेड़ पौधों में भी दिखाई पड़ने लगा है जहां पर वातावरण के परिवर्तन होने से अप्रैल माह में ही जामुन की फसल बाजार में आने लगा है। जबकि कहा जाता था कि आम पके तो जाती कोयल ,जामुन फले तो आती कोयल यह चरितार्थ अब नहीं रह गया। आप लोगों ने बचपन में यह कहावत तो जरूर पढ़ा होगा जो आज सीधे वातावरण पर असर दिखाई दे रहा है। अभी आम की फसल पकी नहीं और काली जाम बाजार में आ जाने से वातावरण में कितना परिवर्तन हो गया है यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। जबकि अभी आम में चेर ( गुठली) भी बना नहीं लेकिन काली जाम अभी से बाजार में आ दमका। यह है वातावरण से छेड़छाड़ करने का प्रभाव।