अंतरराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन के अध्यक्ष राजकुमार मित्तल ने की है राष्ट्रीय स्तर पर बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ प्रकोष्ठ की स्थापना

अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन पूरी दुनिया में बेटियों को प्रोत्साहन देने चला रही विभिन्न कार्यक्रम- राजकुमार मित्तल, गाजियाबाद की डॉ.सपना बंसल बेटियों को प्रोत्साहन देने कर रही निरंतर कार्य, बेटियों को शिक्षित करने की दिशा में क्रिएटिविटी कैफे की डायरेक्टर मैसूर निवासी उषा केडिया भी कर रही सकारात्मक प्रयास-

शक्ति- 26 सितंबर को जहां पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय बेटी दिवस के रूप में बेटियों के महत्व पर लोग विभिन्न माध्यमों से अपनी अभी भावनाएं प्रस्तुत कर रहे हैं, तो वहीं अंतरराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन परिवार के मुखिया अध्यक्ष राजकुमार मित्तल कोलकाता, उपाध्यक्ष श्रीमती मीना गोयल नेपाल, महामंत्री अधिवक्ता प्रदीप कुमार सराफ कोलकाता, कोषाध्यक्ष गणेश भरतीया सहित सम्मेलन के सभी पदाधिकारी सदस्यों ने भी इस अवसर पर बेटी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि आज अंतरराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन में भी राष्ट्रीय स्तर पर बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ प्रकोष्ठ की स्थापना कर इसकी राष्ट्रीय संयोजक के रूप में दिल्ली के गाजियाबाद की डॉ.सपना बंसल को जिम्मेदारी देकर इस क्षेत्र में विभिन्न कार्य करने प्रारंभ किए हैं

अंतरराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन के बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ प्रकोष्ठ द्वारा विगत दिनों ही बेटियों के महत्व पर डॉ  सपना बंसल के मार्गदर्शन में वर्चुअल सेमिनार का भी आयोजन किया गया तथा बेटियों को लेकर जहां अंतरराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन परिवार द्वारा समय-समय पर सेमिनार, वर्चुअल मीटिंग तथा अप्रत्यक्ष रूप से भी अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन कर इस कार्य को गति दी जा रही है

तथा इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन के अध्यक्ष राजकुमार मित्तल एवं बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय संयोजिका डॉ  सपना बंसल कहती हैं कि आज सरकारे भी बेटियों को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न योजनाएं तथा कार्य कर रही हैं, चाहे केंद्र की सरकार हो या कि राज्य की सरकार हो अपने- अपने स्तर पर सभी सरकारे बेटियों की सुरक्षा, बेटियों की शिक्षा एवं बेटियों को कैसे सशक्त बनाकर उन्हें अपना सुनहरा भविष्य निर्माण करने की ओर प्रेरित किया जाए इस दिशा में कार्य किया जा रहा है, एवं अंतरराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन द्वारा भी अपनी विभिन्न प्रांतीय जिला एवं स्थानीय इकाइयों के माध्यम से भी कार्यक्रमों का क्रियान्वयन कर बेटियों के महत्व तथा विगत समय से चली आ रही कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियों को भी समाप्त करने की दिशा में अनूठी पहल की गई है

डॉ सपना बंसल कहती हैं कि आज इंसान जागरूक हो गया है, तथा पहले लोग घरों में बेटे के जन्म पर आतिशबाजी करते थे, एवं बेटियों के जन्म पर इतनी खुशियां नहीं मना पाते थे किंतु आज समय परिवर्तनशील है तथा लोग बेटियों के जन्म पर धूमधाम के साथ इसे बड़ी खुशी के रूप में मना रहे हैं

तथा आज जिस तरह से पूरे भारत देश में विवाह योग्य बच्चों के संबंध के दौरान बेटियों की कमी प्रत्यक्ष रूप से एक परेशानी बनी हुई है, तो वही वैवाहिक परिचय सम्मेलन के आयोजनो के दौरान भी देखा जाता है कि सम्मेलनों में बेटियां कम और बेटों की संख्या ज्यादा होती है, तो कहीं ना कहीं आगे हमें अपनी इन त्रुटियों को सुधारते हुए बेटियों को भी ससम्मान इस संसार में आने का अवसर देना होगा तथा अपने मन में बेटियों के प्रति भी उतनी ही भावना रखनी होगी जितना कि हम अपने बेटों को सम्मान देते है

वहीं अंतरराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन परिवार ने भी अंतरराष्ट्रीय बेटी दिवस के इस मौके पर लोगों से आग्रह किया है कि वे बेटियों को सम्मान दें, उन्हें अच्छा पढ़ाएं तथा बेटियां स्वयं अपने पैरों पर खड़ी होकर अपने परिवार को प्रगति के पथ पर अग्रसर कर सके तथा राष्ट्र के सर्वांगीण विकास में भी अपना योगदान दे सके ऐसी हमें पहल करनी चाहिए

वहीं कर्नाटक राज्य के मैसूर शहर की क्रिएटिविटी कैफे की डायरेक्टर श्रीमती उषा केडिया भी बेटियों को शिक्षित करने तथा उन्हें शिक्षा के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी निपुण बनाने की दिशा में सकारात्मक पहल कर रही है,कोविड काल मे भी उषा केडिया ने वर्चुअल माध्यम से देश-दुनिया के बच्चों को ऑनलाइन जोड़कर निशुल्क शिक्षा प्रदान की, तथा उषा केडिया के इस कार्य की लोग भूरी- भूरी प्रशंसा करते हैं, तथा बच्चों में भी क्रिएटिविटी कैफे के कार्यों को लेकर काफी उत्साह देखा जाता है

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