खनिज विभाग के शय में हर्राठेमा रेत खदान में हो रहा रेत का अवैध रूप से खनन, चैन माउंटेन मशीन से दिन रात किया जा रहा परिवहन

 विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल, कथनी और करनी में अंतर-

बालोद- जिले का बहुचर्चित रेत खदान हर्राठेमा, एक बार चर्चा और विवादों में आ खड़ा हुआ हैं। खनिज विभाग के शय में वैध खदान में अवैध रूप से रेत का उत्खनन किया जा रहा है। 24 घँटे दिन रात चैन माउंटेन मशीन के जरिये रेत खनन कर परिवहन किया जा रहा है। बावजूद इसके विभाग के जिम्मेदार कोई भी कार्यवाही नही कर पा रहे है। नियम कायदों की बात कर अवैध मुरुम खनन और बिना रॉयल्टी रेत परिवहन कर रहे वाहनों पर छोटी मोटी कार्यवाही कर विभाग के जिम्मेदार सुर्खिया जरूर बटोर लेते है। लेकिन उक्त रेत खदान में कोई कार्यवाही नही करने पर यह साफ जाहिर होता है कि रेत का अवैध खनन विभाग के शय पर ही हो रहा हैं।

कथनी और करनी में अंतर-
शुक्रवार को पायनियर ने शीर्षक “बालोद जिले के हर्राठेमा रेत खदान में नियम कायदों को ताक पर रख रेत का किया जा रहा अवैध रूप से खनन” समाचार का प्रकाशन किया गया। इस खबर पर खनि विभाग के अधिकारी ने कहा था कि हर्राठेमा रेत खदान में चैन माउंटेन मशीन की परमिशन नही दी गई है, और न ही रात को भी खनन करने की परमिशन है। ऐसा किया जा रहा है तो कड़ी कार्यवाही करने की भी बात अधिकारी ने कही थी। लेकिन कार्यवाही करने की बात कहने के 24 घँटे बाद भी विभाग के जिम्मेदारों में कोई कार्यवाही नही की। न ही विभाग के किसी भी अधिकारी-कर्मचारी ने हर्राठेमा खदान में जाकर देखा। जिसकी वजह से ही रेत खदान संचालक के हौसले बुलंद है।

विभाग के शय में हो रहा अवैध कारोबार-
रेत खदान से रेत भरकर सैंकड़ो हाइवा दिन और रात जिला मुख्यालय से होकर गुजर रहे है। बेधड़क बेझिझक होकर माफियाओं द्वारा इस अवैध कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है और यह सिलसिला बीते दो सप्ताह से अधिक समय से चला आ रहा है। माफियाओं द्वारा नियम कायदों को ताक पर रख कर अवैध रेत खनन किया जा रहा है। खनिज विभाग द्वारा अब तक इस अवैध कारोबार पर कार्यवाही नहीं करने से विभाग की संलिप्तता साफ तौर पर देखा जा सकता है। इतना ही नही प्रस्तावित खसरा नम्बर के बजाय अन्य खसरा नम्बर पर अवैध रूप से रेत का खनन किया जा रहा है। साथ ही माफियाओ द्वारा निर्धारित रॉयल्टी दर से अधिक की वसूली की जा रही है। यह पूरा कारोबार खुलेआम और विभाग के शय में हो रहा है।

सीएम के नाम का उपयोग कर बता रहे खुद को करीबी-
बताया जा रहा है कि हर्राठेमा रेत खदान का संचालन किसी कांग्रेसी नेता द्वारा किया जा रहा है। जो खुद को सीएम का करीबी बताते हुए सीएम भुपेश बघेल की मंशा पर पानी फेरने का काम कर रहे है। बताया यह भी जा रहा है कि सीएम का करीबी बताकर रेत खदान का संचालन कर रहे
कांग्रेसी नेता विभाग और प्रशासन को अपनी पहुच बताते हुए नियम कायदों को ताक पर रख चैन माउंटेन मशीन से रेत का अवैध रूप से खनन कर परिवहन कर रहा है। रात में भी रेत से भरी हाइवा बालोद से बेधड़क गुजर रही हैं। नेताजी का रसूख इतना है कि विभाग खदान में जाकर कार्यवाही करने कतरा रही है। वही विभाग द्वारा मिली जानकारी अनुसार रेत खदान का उत्खननपट्टा बिलासपुर के सिरगिट्टी निवासी बबलू कुमार जोशी के नाम पर स्वीकृत है।

सड़को पर कार्यवाही-
विभाग के जिम्मेदार अपनी नाकामियां छिपाने शुक्रवार को सड़कों पर बिना रॉयल्टी परिवहन कर रहे रेत हाइवा पर कार्यवाही करते नज़र आये। जो महज खानापूर्ति ही रही। लेकिन जिस रात खदान में नियम कायदों को ताक पर रेत का अवैध खनन किया जा रहा है, वहां मीडिया में कार्यवाही की बात कहने के बाद भी खनि. अधिकारी के द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही नही किया जाना समझ से परे है। विभागीय सूत्रों की माने तो जिला खनि. अधिकारी नियमो की सख्त है। जब से वे यहां पदस्थ हुई है, तब से लेकर अवैध खनन और परिवहन करने वालो पर नकेल कसने लगातार कार्यवाही कर रही है। यहाँ इनकी कार्यप्रणाली अच्छी हैं। लेकिन इन्ही जिम्मेदार अधिकारी की कार्यप्रणाली हर्राठेमा रेत खदान में अवैध रूप से रेत खनन पर कार्यवाही नही करने पर कई सवालियां निशान लगा रही है…?

“बिना रॉयल्टी के परिवहन कर रहे 2 हाइवा वाहन पर कार्यवाही की गई है, समय नही था, तो हर्राठेमा नही गए, ऑफिस भी देखना है, और एक जगह शिकायत आई थी तो वहां भी चले गए थे, देखते है हर्राठेमा को भी, ध्यान में है।”
मीनाक्षी साहू, जिला खनि. अधिकारी

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