हलचल…. पुरंदेश्वरी के बाद अब माथुर बस्तर में सक्रिय

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पुरंदेश्वरी के बाद अब माथुर बस्तर में सक्रिय

इन दिनों भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर बस्तर में सत्ता की चाबी खोज रहे हैं। दरअसल में बस्तर की 12 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। लेकिन यह आकड़ा आगे बरकरार रहेगा यह कुछ कहा नहीं जा सकता। भाजपा के प्रदेश प्रभारी लगातार बस्तर की सभी सीटों का दौरा कर रहे। कार्यकर्ताओं को रिचार्ज कर रहे हैं। हांलाकि इससे पहले पुरंदेश्वरी भी बस्तर में सक्रिय रहीं। भाजपा यह भली-भांति जानती है कि बस्तर से ही सत्ता का द्वार खुलेगा। इसीलिए सम्भवत: दोनों प्रभारियों का बस्तर पर विशेष फोकस रहा है। घोर सत्ता विरोधी लहर में भी बस्तर की कई सीटों में जीत का आकड़ा बेहद नजदीक रहा। कम अंतर में कांग्रेस के प्रत्याशियों को जीत मिली। कोंडागांव सीट की बात करें तो पीसीसी चीफ मोहन मरकाम मात्र 1796 वोटों से जीत हासिल कर पाये थे। वहीं नारायणपुर से चंदन कश्यप 2647 मतों से केदार को हराया था। इनके आलावा भी भाजपा उन तमाम सीटों पर फोकस कर रही है जहां जीत का अतंर कम है।

एक भाजपा नेता के बेटे की कांग्रेस प्रवेश की चर्चा

दुर्ग संभाग के एक भाजपा नेता के बेटे की इन दिनों कांग्रेस में जाने की चर्चा दबे स्वर में उठ रही है। दरअसल में संसदीय कार्य की जानकारी रखने वाले नेता जी अपने सुपुत्र को दुर्ग संभाग की एक सीट से चुनाव लड़ाना चाहते हैं लेकिन भाजपा यदि परिवादवाद के फार्मूला के चलते इस युवा नेता को टिकट नहीं देती तो मामला बिगड़ सकता है। उन्हें सम्भवत: कांग्रेस से टिकट का आश्वासन मिल सकता है। हालांकि यह तो आने वाले समय में ही स्पष्ट हो पायेगा। लेकिन इन दिनों इस खबर की जमकर चर्चा हो रही है।

उत्तराधिकारी पंकज ?

रायपुर ग्रामीण से इस बार विधानसभा चुनाव में सत्यनारायण शर्मा की जगह पंकज शर्मा दो-दो हाथ करते नजर आ सकते हैं। सत्यनाराण शर्मा इस बार अपने उत्तराधिकारी के रुप में पंकज को रायपुर ग्रामीण से चुनाव लड़ाना चाहते है। पंकज शर्मा ने भी चुनाव लडऩे की खबर पर मुहर लगा दी है। दरअसल में पंकज के जन्म दिवस के अवसर रायपुर ग्रामीण का इलाका पोष्टर बैनर से अटा-पड़ा था। चुनावी साल में पंकज की सक्रियता ने साफ कर दिया है कि रायपुर ग्रामीण से कांग्रेस के अगले प्रत्याशी पंकज शर्मा ही होंगे।

निरंजन ने सुको से याचिका वापस क्यों ली?

ईडी की कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाले अफसर आबकारी आयुक्त निरंजन दास ने तकनीति त्रुटि का हवाला देते हुए अपनी याचिका वापस ले ली है। याचिका में कहा गया था कि 52 अफसरों ने सीएम भूपेश बघेल से ईडी के प्रताडना के खिलाफ ज्ञापन दिया है। कुल मिलाकर ईडी भयादोहन कर रही है। लेकिन अब यह याचिका वापस ले ली गई है? निरंजन के याचिका वापस लेने के कई मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि इससे पहले भी ईडी ने एक और अन्य विभाग में दबिस दिया था जहां पर विभाग के अधिकारियों पर ईडी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने का दबाब बनाया गया, लेकिन विभाग के मुखिया ने साफ मना कर दिया था। इसके पूर्व ऐसे ही मामले मे एक एसपी की विदाई हो चुकी है। अब निरंजनदास के मामले में आगे क्या होगा यह तो आने वाले समय मेें ही स्पष्ट हो सकेगा।

कांग्रेस को स्काई वॉक तो भाजपा को यूनिपोल ?

इन दिनों राजधानी रायपुर में यूनिपोल सबकी पोल खोल रहा है। और यह बड़ा मुद्दा तब बन गया जब कांग्रेसी महापौर ने ही यूनिपोल की पोल खोल दी। यूनिपोल की पोल खुलते ही नगर निवेशक समेत कई अफसरों को रवाना कर दिया गया। कथित यूनिपोल घोटाला ने भाजपा को बैठे-बैठाये एक बड़ा मुद्दा दे दिया है। अभी तक रायपुर शहर में कांग्रेस स्काई वाक के निर्माण को लेकर भाजपा को घेरने की कोशिश करती थी, अब यूनिपोल की पोल ने सब कुछ उल्टा कर दिया है। भाजपा लगातार इसको लेकर हंगामा कर रही है। यूनिपोल घोटाले का दोष कुछ दिन पहले तक अफसरों पर मढ़ा जा रहा था, लेकिन इस कथित घोटाले ने अब राजनीतिक रुप ले लिया है। भाजपा विधायक पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को भी निशाने पर लिया है। कुल मिलाकर चुनावी साल में भाजपा को स्काई वॉक के जबाब में यूनिपोल एक बड़ा मुद्दा मिल गया है। दोनो ही मुद्दे जनता को दिखने और चुभने वाले हैं।

 

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