हलचल… राहत की सांस

राहत की सांस

2018 के विधानसभा चुनाव में निराशाजनक परिणाम के बाद भाजपा ने 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में 7 बार सांसद रहे रमेश बैस समेत सभी की टिकट काट दी थी। भाजपा का यह प्रयोग कारगर साबित हुआ। प्रदेश की 11 लोकसभा सीटों में से 9 सीटों पर भाजपा का कब्जा हो गया। महज 6-7 महीनों में परिणाम भाजपा के फेवर में दिखे। भाजपा के इस प्रयोग के बाद राज्य के तमाम दिग्गज नेता अपनी टिकट को लेकर चिंतित थे। उन्हें यह भय सता रहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव में ज्यादातर पुराने चेहरों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। लेकिन इसी बीच कर्नाटक में भाजपा की करारी हार ने छत्तीसगढ़ में होने वाले इस प्रयोग से बचा लिया। प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा सभी नए चेहरे नहीं, बल्कि जीतने वाले प्रत्याशियों पर दांव लगाएगी। माथुर के इस बयान के बाद सभी दिग्गज नेताओं ने राहत की सांस ली।

ब्लैक स्कॉर्पियो का कनेक्शन?

छत्तीसगढ़ में ईडी कथित शराब घोटाले में लगातार कार्रवाई कर रही है। पिछले सप्ताह शराब कारोबार से जुड़े अरविंद सिंह को ईडी ने शमशान घाट से गिरफ्तार कर लिया। क्रिया-कर्म के वस्त्र में ही उसे कोर्ट में पेश कर दिया गया। फिलहाल अरविंद रिमांड पर हैं। इसी बीच 10 ब्लैक कलर के स्कार्पियों वाहन की खबर तैरने लगी है। कहते हैं इन वाहनों को एक युवा नेता नियंत्रित करते थे, जिसका सुराग ईडी को लग गया है। एक ही तरह के नम्बर वाले इन खास वाहनों को विशेष कार्यो में प्रयोग करने की खबर चर्चा का विषय बना हुआ है।

हाईटेक नर्सरी फुस्स, साउथ से आ रहे पौधे

वन विभाग द्वारा लगभग हर जिले में करोड़ों रुपए फूंककर हाईटेक नर्सरी का निर्माण कराया गया है। इन नर्सरियों को लेकर बड़े-बड़े दावे किए गए, लेकिन सच यह है कि यह हाईटेक नर्सरी छत्तीसगढ़ को पौधे नहीं दे पा रही हैं। इसलिए छत्तीसगढ़ में पौधे साउथ से आ रहे हैं। मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के लिए पौधे बाहर से मंगवाए जा रहे हैं। अब एरलागुडा, भद्राचलम समेत अन्य स्थानों से छत्तीसगढ़ में पौधे की आपूर्ति की जाएगी। कहते हैं कि साउथ की नर्सरियों में वन विभाग के एक अफसर की विशेष रुचि है।

खनिज विभाग में जाने से हिचक रहे कुंजाम

राज्य सरकार ने आईएएस के.डी. कुंजाम को खनिज विभाग का नया संचालक बनाया है। लेकिन वह खनिज विभाग में जाने से हिचक रहे हैं। कथित कोल स्कैम, मनी लांड्रिग मामले में पहले ही पूर्व में संचालक रहे आईएएस समीर विश्नोई सलाखों के पीछे हैं। माईनिंग के डायरेक्टर रहे आईएएस जयप्रकाश मौर्य से लगातार पूछताछ हुई है। इस मामले को लेकर ईडी कुंजाम के यहां भी दबिश दे चुकी है। कहते हैं कि अब कुंजाम ईडी की कार्रवाई का दूर-दूर तक हिस्सा नहीं बनना चाहते। इसलिए वह माईनिंग में जाने से हिचक रहे हैं।

आदतों से मजबूर चंद्राकर

वैसे तो अजय चंन्द्राकर संसदीय मामलों के काफी जानकार हैं। भाजपा सरकार में कई विभागों के मंत्री भी रह चुके हैं। काफी अनुभवी हैं। लेकिन चंद्राकर अपनी आदतों से मजबूर हैं। जिसके कारण वह बार-बार मंचीन घटना के शिकार हो जाते हैं। ताजा मामला धमतरी जिले का है। प्रदेश प्रभारी ओम माथुर सभा को सम्बोधित कर रहे थे, उसी दरम्यान मंच में अपनी आदतानुसार चंद्राकर किसी के साथ खिल्ली उड़ा रहे थे। माथुर के उद्बोधन में व्यवधान उत्पन्न हो रहा था। माथुर ने चंद्राकार की ओर हाथ दिखाते हुए चुप रहने की नशीहत दी, उन्होनें कहा कि ये लोग भी सुनने आये हैं। उसके बाद चंद्राकर शांत होकर बैठे रहे। हालांकि यह कोई पहली दफा नहीं है चंन्द्रकार इससे पहले भी स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के कलश यात्रा के दौरान भी मंच में खिलखिलाते नजर आये थे। जिसके कारण भाजपा की जमकर फजीहत हुई थी।

सूर्या को मिलेगी राहत?

कोल स्कैम मामले में 8 महीने से जेल में बंद सूर्यकांत तिवारी को राहत की किरणें दिखाई देने लगी हैं। दरअसल में 13 जून को बैंगलोर पुलिस ने इस मामले में धारा 120 बी, और 384 को हटाकर चालान पेश कर दिया है। कहते हैं कि इन धराओं के न रहने से ईडी की कार्रवाई का बेस ही खत्म हो जाएगा। जाहिर सी बात है कि कोल स्कैम के मेन अभियुक्त सूर्यकांत तिवारी को राहत की किरणें दिखाई देने लगी हैं।

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