ग्वालियर में 22 वर्षीय महिला की कोरोना से पहली मौत

कोरोना का संक्रमण घातक हो रहा है। वर्ष 2023 में कोरोना से पहली मौत दर्ज की गई। 22 वर्षीय महिला की मौत जयारोग्य अस्तपाल में बीते रोज उपचार के दौरान हुई। जिले में अबतक 739 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी हैं। 447 दिन बाद कोरोना से मौत दर्ज की गई है। इससे पहले 30 जनवरी 2022 को कोरोना संक्रमण से ग्रस्त मरीज की उपचार के दौरान मौत दर्ज की गई थी। बीते रोज जयारोग्य अस्पताल के टीबी वार्ड में निजी अस्ताल से रेफर होकर 22 वर्षीय महिला धनेली निवासी खुशबू पत्नी गिरीश शर्मा भर्ती हुई थी जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन ने शव का पोस्टमार्टम के बाद कोविड प्रोटोकाल के साथ शव को स्वजन के सुपुर्द कर दिया था।

एक साल बाद कोरोना एक बार फिर घातक हो रहा है। 447 दिन बाद कोरोना से पहली मौत दर्ज की गई है। दो दिन पहले संक्रमित पाई गई 22 वर्षीय खुशबू शर्मा निवासी धनेली की उपचार के दौरान बीते रोज जयारोग्य अस्पताल के टीबी वार्ड में मौत हो गई। खुशबू शुक्रवार की शाम को एक निजी अस्पताल से रेफर होकर आई थी। जिसे वेंटिलेटर पर रखा गया था, क्योंकि खुशबू को निमोनिया, खून की कमी के साथ तेजी से प्लेटलेट घट रही थी।

इसके अलावा मरीज को ब्लड संक्रमण के अलावा झटके आने की परेशानी थी और किडनी व लिवर भी ठीक से काम नहीं कर रहे थे। इस सीजन की पहली मौत से लोग भी डरे हुए हैं। रविवार को जीआर मेडिकल कालेज व निजी लैब की जांच रिपोर्ट में आठ संक्रमित पाए गए, जबकि आठ मरीज स्वस्थ हुए हैं, जिले में अब एक्टिव केस की संख्या 44 बची है। निजी अस्पताल में बरती गई लापरवाही मृतका के भाई राहुल का कहना है कि खुशबू का इलाज पिछले छह दिन से सिथौली स्थित आइटीएम अस्पताल में उपचार चल रहा था। जहां पर शुक्रवार की शाम को अचानक से वेंटिलेटर बंद हो गया तो आनन फानन में डाक्टरों ने जेएएच के लिए रेफर कर दिया। मेरी बहन के नाम से आयुष्मान कार्ड था इसके बाद भी डेढ़ लाख रुपये उपचार पर खर्च हुआ है। उपचार के दौरान जो लापरवाही बरती गई है इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग में भी करेंगे।

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